What is Data Structure in Hindi – डाटा स्ट्रक्चर क्या है?

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हेल्लो दोस्तों आज के आर्टिकल में हम बहुत ही आसान भाषा में विस्तार जानने वाले है What is Data Structure in Hindi (डाटा स्ट्रक्चर क्या है?) के बारे में तो आर्टिकल पूरा जरुर पढना चलिए शुरू करते है..

डाटा स्ट्रक्चर क्या है? - What is Data Structure in Hindi
डाटा स्ट्रक्चर क्या है? – What is Data Structure in Hindi

 

डाटा स्ट्रक्चर क्या है? – What is Data Structure in Hindi –

डाटा स्ट्रक्चर द्वारा एक कंप्यूटर में डेटा को संग्रहित (Store) और व्यवस्थित (Organize) करने का एक Method है। इसके जरिये हम डाटा को आसानी से इस्तेमाल कर पाते है।

आसान भाषा में कहें तो डाटा स्ट्रक्चर में डेटा को स्टोर व organize किया जाता है ताकि उस डेटा को भविष्य में आसानी से एक्सेस कर सके।

डाटा स्ट्रक्चर java, python, C++ जैसी कोई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज नही है, ये algorithm का एक समूह होता है जिसका इस्तेमाल हम प्रोग्रामिंग भाषाओ में data का ढांचा (structure) सुव्यवस्थित करने के लिए करते है।

कंप्यूटर साइंस अलोग्रिथ्म का एक मुख्य पार्ट है डाटा स्ट्रक्चर, इसके जरिये प्रोग्रामर्स डेटा को सही तरीके से संभाल पाते है। यह प्रोग्राम और सॉफ्टवेर के प्रदर्शन व कार्य को बेहतर बनाता है।

 

डाटा स्ट्रक्चर के प्रकार – Types of Data Structure in Hindi –

डाटा स्ट्रक्चर दो प्रकार के होते है –

  • Primitive Data Structure
  • Non-primitive Data Structure
डाटा स्ट्रक्चर के प्रकार - Types of Data Structure in Hindi
डाटा स्ट्रक्चर के प्रकार – Types of Data Structure in Hindi

 

Primitive Data Structure –

जिसको डायरेक्ट मशीन instruction के द्वारा ऑपरेट किया जाता है वह primitive data स्ट्रक्चर कहलाता है। यानि की यह कम्पाइलर और सिस्टम के जरिये डिफाइन होता है। 

प्रिमिटिव डाटा स्ट्रक्चर तीन प्रकार के है –

  • Integer – like – 1,2,3..
  • Float – like – 1.8, 2.4
  • Character – like – A, B, C

 

Non-Primitive Data Structure –

नॉन प्रिमिटिव डाटा स्ट्रक्चर में डायरेक्ट मशीन इंस्ट्रक्शन के द्वारा ऑपरेट नही किया जा सकता है। यह स्ट्रक्चर प्रिमिटिव डाटा स्ट्रक्चर से ही प्राप्त होते है।

नॉन प्रिमिटिव डाटा स्ट्रक्चर दो प्रकार के होते है –

  • Linear Data structure
  • Non linear data structure

 

Linear Data structure – 

यह ऐसा डाटा स्ट्रक्चर है जिसमे डाटा आइटम्स को linear यानि रेखीय रूप में स्टोर और व्यवस्थित किया जाता है। इसमें डाटा आइटम एक दुसरे से एक रेखा के रूप में जुड़े रहते है।

Example – Queue, Array, Stack, Linked list

 

Non linear data structure – 

ये ऐसा डाटा स्ट्रक्चर है जिसमे डेटा को sequential तरके से सुव्यवस्थित नही किया जाता है। नॉन लीनियर डाटा स्ट्रक्चर में एक डेटा आइटम किसी दुसरे डाटा आइटम्स के साथ जुड़े हुवे हो सकते है।

Example – Graph, Tree

 

डाटा स्ट्रक्चर के कार्य – Operations of Data Structure in Hindi –

डाटा स्ट्रक्चर के मुख्य कार्य निचे दिए गए है –

  • सर्चिंग (Searching) – किसी एलिमेंट को खोजना Searching कहलाता है सर्चिंग का कार्य करने के लिए यहाँ दो प्रकार के अल्गोरिथ्म्स का प्रयोग किया जाता है। 1. Linear Search 2. Binary Search
  • सोर्टिंग (Sorting)  – डाटा स्ट्रक्चर को सही क्रम या किसी खास क्रम में व्यवस्थित करना सोर्टिंग कहलाता है इसके कार्यो को पूर्ण करने के लिए भी बहुत से अल्गोरिथ्म्स है जैसे – Selection sort, Insertion sort, Bubble sort, Radix sort etc.
  • इंसर्शन (Insertion) – किसी स्थान पर एलेमेंट्स को इन्सर्ट करने की प्रोसेस इंसर्शन कहलाती है अगर किसी भी डाटा स्ट्रक्चर का आकार n होता है तो हम उसमे ओनली n – 1 एलेमेंट्स को इन्सर्ट कर सकते है।
  • डिलीशन (Deletion) – किसी भी एलिमेंट को हटाने की प्रोसेस deletion होती है हम किसी भी स्थान से डाटा को डिलीट कर सकते है।
  • ट्रेवेर्सिंग (Traversing) –  किसी विशेष कार्य को कम्पलीट करने के लिए डाटा स्ट्रक्चर के हरेक एलिमेंट को पार करना अर्थात traverse करना होता है।
  • मर्जिंग (Merging) – एक ऐसी लिस्ट जिसमे एक जैसे एलेमेंट्स पाए जाते है और उनको एक साथ जोड़ देने की प्रकिर्या मर्जिंग कहलाती है। इसके द्वारा फिर हमें एक तीसरी लिस्ट भी प्राप्त होती है।

 

डाटा स्ट्रक्चर के उदाहरण – Examples of Data Structure in Hindi –

Data structure के उदाहरण को हम निम्न बिंदु के जरिये समझते है – 

Queue – डाटा को व्यवस्थित करने की प्रकिया में FIFO (First in First Out) के सिद्धन्त (principle) पर वर्क किया जाता है। इसमें जो सबसे पहले वाले स्थान पर डेटा है उसको सबसे पहले डिलीट किया जाता है। example से समझे तो रेलवे स्टेशन पर टिकेट के लिए लगी लाइन में से सबसे पहले टिकेट उस व्यक्ति को मिलती है जो सबसे आगे है। इसी प्रकार डाटा को भी FIFO द्वारा व्यवस्थित किये जाता है।

Array – सिस्टम की मेमोरी में डाटा को स्टोर करना ही ऐरे है और इस तरह के डाटा को स्ट्रक्चर में रखने के लिए प्रोग्रामिंग का यूज किया जाता है example अगर हमे पचास लोगो के नाम को सही ढंग से व्यवस्थित करना है तो हमे ऐरे का इस्तेमाल करना पड़ता है।

Stack – स्टैक डाटा स्ट्रक्चर में LIFO (Last in First Out) का मेथड काम करता है इसमें लास्ट की संख्या को पहले रिमूव किया जाता है इसमें डाटा को एक एक उठाकर सिस्टम से क्रम वाइस लगाया जाता है और डाटा को व्यवस्थित किया जाता है।

Linked List – लिंक्ड लिस्ट में जिन इनफार्मेशन को क्रम वाइस लगाया जाता है वह सभी एक दुसरे से रिलेटेड होती है। सारी इनफार्मेशनस को एक दूसरी इनफार्मेशन की जानकारी होती है।

 

डाटा स्ट्रक्चर की विशेषताएं – Characteristics of Data Structure in Hindi –

डाटा स्ट्रक्चर की विशेषताएं निम्न पॉइंट्स में दी गयी है –

  1. ये ऑपरेशनस का ग्रुप होता है जिन्हें डाटा आइटम जैसे सोर्टिंग, सर्चिंग में परफॉर्म किया जाता है।
  2. इनके ऑपरेशन का मेमोरी जितना हो सके उतना कम होता है।
  3. डाटा स्ट्रक्चर यह वर्णन करता है डाटा एक दुसरे से किस प्रकार रिलेशन में है।
  4. डाटा स्ट्रक्चर के ऑपरेशनस का execution का समय कम से कम होता है।
  5. Data structure में एरर बहुत कम होती है इसमें अछि एक्यूरेसी से डाटा स्टोर होते है। 

 

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डाटा स्ट्रक्चर के फायदे – Advantage of Data structure in Hindi –

डाटा स्ट्रक्चर के निम्न लाभ –

  • बड़े से बड़े डाटा को बहुत आसानी से मैनेज कर सकते है।
  • डाटा स्ट्रक्चर के द्वारा हम डाटा को हार्ड ड्राइव या सॉलिड स्टेट ड्राइव में स्टोर कर सकते है और जब चाहे हम उस डेटा को भविष्य में यूज़ कर सकते है।
  • अल्गोरिथ्म्स को डिजाईन करने के लिए ये आवश्यक होता है।
  • यह डाटा की प्रोसेसिंग को आसान बनाता है और फ़ास्ट कर देता है।
  • डाटा स्ट्रक्चर के द्वारा हम सॉफ्टवेर पर डाटा का इस्तेमाल कर सकते है और उन्हें प्रोसेस कर पाते है।
  • इससे इन्टरनेट का इस्तेमाल करके मोबाइल या लैपटॉप से डाटा को किसी भी टाइम एक्सेस कर पायेंगे।
  • डाटा स्ट्रक्चर को बहुत से क्लाइंट्स इस्तेमाल कर सकते है।
  • अगर एक प्रोग्रामर सही डाटा स्ट्रक्चर का इस्तेमाल करता है तो वो अपना काफी सारा टाइम बचा सकता है।
  • वो डाटा स्ट्रक्चर जो abstract data type के जरिये specify होता है और ऐसा abstraction देता है जिससे क्लाइंट डाटा स्ट्रक्चर के इंटरनल वर्क को देख नही सकता है। क्लाइंट केवल इंटरफ़ेस देख पाता है।

 

डाटा स्ट्रक्चर के नुकसान – Disadvantages of data structure in Hindi –

इसकी हानियाँ निम्न है –

  • अगर हमारा डाटा स्ट्रक्चर बहुत बड़ा होता है तो इन्हें क्रिएट और मेन्टेन करने के लिए बहुत से लोगो की आवश्यकता पड़ती है जिससे खर्चा बढ़ जाता है।
  • जो एडवांस यूजर होगा केवल वही डाटा स्ट्रक्चर में changement कर पाता है।
  • डाटा स्ट्रक्चर में किसी भी प्रकार की कोई प्रॉब्लम आती है तो उसे जो एक्सपर्ट होगा वही सही कर पायेगा बेसिक यूजर हर समस्या को सॉल्व नहीं कर सकता है।

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

आज हमने डाटा स्ट्रक्चर क्या है? के बारे में बताया है। इसमें आपको डाटा स्ट्रक्चर के प्रकार के बारे में बताया है साथ ही डाटा स्ट्रक्चर के कार्य और डाटा स्ट्रक्चर की विशेषताएं के बारे में विस्तार से बताया है। अगर आपको डाटा स्ट्रक्चर क्या है? से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो आप हमसे कमेंट करके भी पूछ सकते है।

मुझे उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और कुछ नया सीखने या जानने को मिला होगा। अगर आपको यह आर्टिकल डाटा स्ट्रक्चर क्या है? सहायक लगा हो तो आप इसे अपने Friends के साथ एवं Social Media पर भी Share करें ताकि उनको भी इसके बारे में जानकारी प्राप्त हो सके। धन्यवाद !

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