Application Server क्या है – परिभाषा, उदाहरण, फायदे और यह कैसे काम करता है

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दोस्तों आज हम एप्लीकेशन सर्वर के बारे में जानेंगे एप्लीकेशन सर्वर क्या है और यह कैसे काम करता है? और इसका क्या अर्थ है। और वेब सर्वर और एप्लीकेशन सर्वर के मध्य अंतर आदि के बारे में इस आर्टिकल में हम जानेंगे

Application Server क्या है
Application Server क्या है

 

हमे पूरी उम्मीद है की इस आर्टिकल को पढने के बाद आपको एप्लीकेशन सर्वर से सम्बन्धित सभी सवालों के जवाब आपको मिल जाएगे। तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते है इस आर्टिकल को और जानते है की Application सर्वर क्या है?  

 

Application Server क्या है – What is Application Server in Hindi

Application Server एक विशेष रूप से एप्लीकेशन को चलाने के लिए डिजाइन किया गया है। Server में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों शामिल है जो प्रोग्राम चलाने के लिए एक एनवायरमेंट प्रदान करते हैं।

एप्लीकेशन सर्वर बहुत ही हाई पावर के कंप्यूटर सिस्टम होते हैं प्रोग्राम एप्लीकेशन सरोवर यूजर और वेब क्लाइंट को एप्लीकेशन संसाधन प्रदान करते हैं। एप्लीकेशन सरोवर एचटीटीपी प्रोटोकोल के साथ-साथ IIP, RMI प्रोटोकॉल को भी सपोर्ट करते हैं। 

एप्लीकेशन सर्वर के दो भाग होते हैं ए कार्डवेल या मशीन जिसमें किसी भी एप्लीकेशन का सारा डाटा स्टोर रहता है और दूसरा हिस्सा सॉफ्टवेयर का जो की यूजर या क्लाइंट की रिक्वेस्ट पर एप्लीकेशन प्रदान करता है।

 

Application Server की परिभाषा (Definition of Application Server in Hindi) –

एप्लीकेशन सर्वर ऐसे कंप्यूटर होते हैं जिन्हें IT, सेवाओं, संगठनो और अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए एप्लीकेशन से संबंधित सेवाएं (जैसे Application Install, संचालित, होस्ट) प्रदान करवाने के लिए डिजाइन किया गया है।

 

Application Server का क्या अर्थ है (What is the meaning of Application Server) – 

एक Application Server एक प्रकार का Server है जो End Users, IT Services और Organizations के लिए Application को Related Services को स्थापित, संचालित और Host करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह High and Consumers या Business Application की Hosting और Distribute की सुविधा प्रदान करता है, जिनका उपयोग कई या एक साथ Local और Remote Users द्वारा किया जाता है। 

एक Web Server पर भेजे गए सभी Request के लिए Output के रूप में HTML भेजेगा इसका कोई बैंकएंड लॉजिक नहीं है। लेकिन, एप्लीकेशन सर्वर वह जगह है जहां कॉन्प्लेक्स और लाज Application रहते हैं बैक एंड लॉजिक हो सकता है और डेटाबेस जानवरों के साथ है कम्युनिकेट करके Application को डायनामाइक लाता है पूरा Application Development Application Server पर होता है। एक एप्लीकेशन सर्वर उन Services और Request को भी Maintenance कर सकता है जो एक Web Server Maintenance कर सकता है। इसका मतलब है कि एप्लीकेशन सर्वर एक Built-in Server है।

 

Application Server कैसे काम करता है? – 

जब कोई क्लाइंट एप्लीकेशन के लिए रिक्वेस्ट करता है तो पहले यह रिक्वेस्ट वेब सर्वर के पास जाती है। क्योंकि web-server केवल वेबपेज को शुरू करता है इसलिए एप्लीकेशन के रिक्वेस्ट को वह आगे एप्लीकेशन सरोवर के पास भेज देता है। 

एप्लीकेशन सर्वर है अपने डेटाबेस से जानकारी प्राप्त करता है और यदि वह जानकारी एप्लीकेशन सर्वर के डेटाबेस में रहती है तो एप्लीकेशन सर्वर है जानकारी लेकर वापस Web-Server को भेज देता है और Web-Server जानकारी को आगे क्लाइंट को भेज देता है।

इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि एप्लीकेशन सर्वर वेब सर्वर एप्लीकेशन अनुरोध को संभालने के लिए Web-Server की क्षमता का विस्तार करते हैं।

 

Application Server के उदाहरण (Examples of Application Server in Hindi) –

  • JBoss
  • Weblogic
  • Glassfish
  • Tcat Server
  • Apache Geronimo
  • JRun
  • Oracle OC4J
  • SAP Netweaver AS

 

Application Server के फायदे –

एप्लीकेशन सर्वर के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित है –

  • एप्लीकेशन सर्वर का इस्तेमाल करके बड़े साइज के एप्लीकेशन की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाता है कोमा क्योंकि यह क्लाइंट-सर्वर मॉडल पर आधारित है।
  • एप्लीकेशन सर्वर एप्लीकेशन को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
  • एप्लीकेशन सर्वर लेन-देन की सुविधा प्रदान करते हैं।
  • एप्लीकेशन को एक ही स्थान पर है इंस्टॉल करना बहुत आसान होता है।

 

Application Server के नुकसान –

एप्लीकेशन सर्वर के कुछ नुकसान ने निम्नलिखित है। 

  • एप्लीकेशन सर्वर की कीमत बहुत अधिक होती है।
  • एप्लीकेशन सरोवर संसाधनों का अधिक उपयोग करते हैं।
  • एप्लीकेशन सर्वर को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त कोडिंग की जरूरत होती है।

 

Web Server और Application Server में अंतर – 

  • Web Server केवल HTTP HTTPS प्रोटोकॉल को ही सपोर्ट करता है। जब Application Server केवल HTTP और HTTPS तक ही सीमित नहीं है। यह HTTP, HTTPS के साथ-साथ IIOP,  RMI प्रोटोकॉल को सपोर्ट करता है। 
  • Web Server छोटे तथा मध्यम आकार वाले वेब एप्लीकेशन के लिए उपयुक्त है। एप्लीकेशन सर्वर का प्रयोग सामान्यता बड़े पैमाने पर किया जाता है।
  • वेब सर्वर Jee मॉड्यूल के Servlet, JSP तकनीकों के आधार पर विकसित किया गया है। जबकि एप्लीकेशन सर्वर जो है वह Servlet, JSP, EJB, JTA जावा मेल तकनीक के आधार पर विकसित किया गया है।
  • वेब सर्वर केवल .War Extensions वाली को ही Deploy करता है जबकि Application Server .War तथा .Ear दोनों फाइलों को Deploy क्र सकता है।
  • वेब सर्वर में रिसोर्स यूटिलाइजेशन निम्न होता है। Application सर्वर में रिसोर्स यूटिलाइजेशन उच्च होता है।
  • वेब सर्वर का प्रयोग सबसे पहले 1989 में किया गया था। एप्लीकेशन सागर का प्रयोग 1990 में किया गया था। 
  • वेब सर्वर के उदाहरण – Tomcat, Apache, JWS, तथा Resin आदि है। Application सर्वर के उदाहरण – Weblogic, Jboss, तथा Websphere आदि है।

 

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

हमें उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि एप्लीकेशन सर्वर क्या है और यह कैसे काम करता है और इसके फायदे नुकसान क्या क्या है। अगर अभी भी आपके मन में एप्लीकेशन सर्वर से जुड़े कोई पर्सन है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ है सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें धन्यवाद !

 

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