Pen Drive क्या है – Pen Drive के प्रकार, Pendrive का उपयोग | Pendrive in Hindi

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हेल्लो दोस्तों इस आर्टिकल में आप Pen Drive के बारे में जानेंगे। Pen Drive क्या है?, Pen Drive के भाग, Pen Drive का इस्तेमाल कैसे करें, Pen Drive के प्रकार आदि के बारे में जानेंगे।  इसके साथ ही Pen Drive कैसे काम करता है और इसके उपयोग के बारे में भी जानेंगे। पेन ड्राइव आकार में बहुत छोटा होने के कारण दुनिया भर में विभिन्न प्रयोजनों के लिए पेन ड्राइव का उपयोग किया जा रहा है।

 

Pen Drive क्या है?
Pen Drive क्या है?

 

कंप्यूटर या लैपटॉप चलाने वाले हर व्यक्ति के पास पेन ड्राइव होना बहुत जरूरी है। डाटा ट्रांसफर से लेकर ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉलेशन या डाटा को हमेशा के लिए  स्टोर करना यह सभी काम पेन ड्राइव की मदद से की जाती है।

पेन ड्राइव बहुत फास्ट है और इसकी स्टोरेज ज्यादा होती है। इसे इस्तेमाल करना भी बहुत आसान है। सबसे पहले इसे कंप्यूटर के यूएसबी पोर्ट में इंसर्ट करना होता है। यह सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ compatible होता है। यह बहुत ही पोर्टेबल होता है अर्थात इसे कभी भी आसानी से लाया ले जाया जा सकता है। अगर आप Pen Drive के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें …

 

विषय सूची

Pen Drive क्या है? (What is Pendrive in Hindi) –

पेन ड्राइव कंप्यूटर में इस्तेमाल की जाने वाली एक्सटर्नल डिवाइस है जिसकी मदद से हम कंप्यूटर के फाइल और डाटा का backup बना सकते हैं। पेन ड्राइव एक छोटा डिजिटल डिवाइस है। पेन ड्राइव एक ऐसा स्टोरेज ड्राइव है जिसका इस्तेमाल फाइल को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। इसे सामान्यतः USB flash drive और USB drive भी कहा जाता है। यह एक पोर्टेबल डिवाइस है। यह डाटा को स्टोर करने वाला सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है। 

पेन ड्राइव को हिंदी में “ स्मृति शलाका ” कहते हैं। इसका उपयोग हम डाटा को सेव करने या बैकअप लेने के लिए करते हैं जैसे पिक्चर, वीडियो, डॉक्यूमेंट फाइल्स इत्यादि। इसी के साथ आप किसी भी प्रोग्राम (Software) को डायरेक्ट पेन ड्राइव के अंदर इंस्टॉल भी कर सकते हैं। पेन ड्राइव पेन की तरह दिखाई देती है इसलिए इसे पेन ड्राइव कहा जाता है। इसने बहुत सारे स्टोरेज डिवाइस जैसे कि CD’s, Floppy Disk को आसानी से replace कर दिया है क्योंकि यह उन से डाटा स्टोरेज capacity और transferring speed में ज्यादा अच्छी है।

पेन ड्राइव को USB (Universal Serial Bus) Port के द्वारा कंप्यूटर में कनेक्ट किया जाता है, जो कि कंप्यूटर मदरबोर्ड पर available होते हैं। पेन ड्राइव को external power supply की जरूरत नहीं होती है क्योंकि यह पावर सीधे यूएसबी पोर्ट से ही लेते हैं। पेन ड्राइव एक तरह का hardware है जिसे हम देख, छु और महसूस कर सकते हैं।

आज आज के समय में बहुत सारे क्लाउड स्टोरेज जैसे की Google Drive, Microsoft OneDrive, Digibox, Amazon Drive इत्यादि उपलब्ध है। जिसका उपयोग करके आप अपने पर्सनल डाटा को अपलोड कर सकते हैं। इन सभी क्लाउड स्टोरेज को एक्सेस करने के लिए इंटरनेट कनेक्शन का होना अनिवार्य है। पेनड्राइव को काम में लेने के लिए इंटरनेट की कोई जरूरत नहीं होती है। जब तक डेस्कटॉप और लैपटॉप में यूएसबी पोर्ट है और यह पेन ड्राइव ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ compatible है तब तक के पेन ड्राइव का इस्तेमाल होता रहेगा। 

 

Pen Drive के भाग (Parts of Pen Drive) –

पेन ड्राइव के मुख्य पार्ट्स है –

USB Connector –

इसकी मदद से पेन ड्राइव को कंप्यूटर के साथ plug करते हैं।

Controller Chip –

यह पेन ड्राइव से इंफॉर्मेशन को retrieve करता है, कंट्रोलर पेन ड्राइव के अंदर स्टोरेज किए गए डाटा को मैनेज करता है।

Test Points –

यह इलेक्ट्रॉनिक pin होती है। जब पेन ड्राइव को असेंबल किया जाता है तो इस pin की मदद से पेन ड्राइव को सेट किया जाता है।

Flash Memory Chip –

यह chip फाइल और डाटा को स्टोरेज करने में काम आता है। इसकी मदद से हम पेन ड्राइव से डाटा को डिलीट भी कर सकते हैं। यह चिप 4GB 16GB से 512GB तथा 1TB तक कैपेसिटी का हो सकता है।

LED –

कंप्यूटर या लैपटॉप में पेन ड्राइव डालने के तुरंत बाद एलईडी जलने लगती है जिससे पता चलता है कि पेन ड्राइव ठीक से काम कर रहा है या नहीं।

Write – Protect Chip –

इसकी मदद से पेन ड्राइव में स्टोर किए गए डेटा की सुरक्षा की जाती है।

Second Flash Memory Chip –

एक्स्ट्रा मेमोरी चिप डालने के लिए यह स्लॉट होता है जिससे कि पेन ड्राइव की स्टोरेज क्षमता को बढ़ाया जा सके।

Heatsink –

यह पेन ड्राइव की गर्मी को सोख लेता है जिससे पेनड्राइव खराब नहीं होता है। एक अच्छे पेन ड्राइव में heatsink में आयरन और एल्यूमीनियम का बना होता है लेकिन कई पेन ड्राइव में यह प्लास्टिक का भी होता है।

 

Pen Drive का इस्तेमाल कैसे करे? (How to Use Pen Drive) –    

पेन ड्राइव को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान होता है। सबसे पहले पेन ड्राइव के USB Connector को कंप्यूटर के यूएसबी पोर्ट में इंसर्ट करना होगा। इसे कंप्यूटर में इंसर्ट करते ही यह एक्टिव हो जाता है। पेन ड्राइव के एक्टिव हो जाने पर कंप्यूटर स्क्रीन पर कुछ नोटिफिकेशन show होते हैं। इससे यह पता चलता है कि यह पेनड्राइव अब सिस्टम के साथ कनेक्टेड है।

एक बार पेन ड्राइव एक्टिव हो जाए तो फिर आप उसमें फाइल को drag और drop या कॉपी और पेस्ट कर सकते हैं। यह प्रोसेस बहुत ही आसान होती है जिसे कोई भी कर सकता है।

आजकल मार्केट में बहुत सारे अलग-अलग कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम मौजूद है। पेन ड्राइव manufacturers इन पेन ड्राइव को कुछ इस प्रकार से manufacture करते हैं जिससे यह सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ काम कर सके। आप पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस खरीदने से पहले उसके पैकिंग को ध्यान से पढ़ें जिससे कि यह उनके कंप्यूटर सिस्टम पर ठीक तरह से काम कर सके। 

 

Pen Drive के प्रकार (Types of Pen Drive) –

उपयोग के आधार पर (Use Basis) –

Pen Drive के उपयोग के आधार पर निम्न प्रकार होते हैं –

Security Flash Drive –

यह पेनड्राइव आपकी डाटा को सुरक्षित रखने के लिए एक सामान्य यूएसबी स्टोरेज डिवाइस है। इसमें यूएसबी डिस्क तक पहुंचने के लिए 1 lock भी होता है।

Music Flash Drive –

यह एक फ्लैश ड्राइव है जिसका संगीत को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में स्टोर या ट्रांसफर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

Boot Flash Drive –

यह एक यूएसबी मेमोरी स्टिक है जो कि ऑपरेटिंग सिस्टम को इंस्टॉल करने में सक्षम होती है।

 

Generation के आधार पर (Generation Basis) –

Pen Drive के Generation के आधार पर निम्न प्रकार होते हैं –

USB 1.0 –

पेन ड्राइव की शुरुआत जेनरेशन 1.0 से हुई थी, यह बहुत धीमी गति से काम करती थी। आज के समय में इस पेन ड्राइव का कोई उपयोग नहीं किया जाता है ।

USB 2.0 –

यह सेकंड जेनरेशन की पेन ड्राइव है जिसे 2002 में लांच किया गया था। इसकी अधिकतम डाटा रीड करने की स्पीड 30MB/s है।

USB 3.0 – 

इसकी डाटा रीड करने की क्षमता 130MB/s है और डाटा राइट करने की क्षमता 100MB/s है। इसे 2010 में लांच किया गया।

USB 3.1 –

इस पेन ड्राइव की रीड करने की अधिकतम क्षमता 400MB/s है और राइट करने की क्षमता 240MB/s है। इसे 2013 में लांच किया गया । 

USB 3.2 –

इस पेन ड्राइव को 2017 में लांच किया गया था। इसकी डाटा रीड करने की अधिकतम क्षमता 1GB/s है और डाटा राइट करने की क्षमता 900MB/s है। यह अब तक की सबसे तेज गति से कार्य करने वाली पेन ड्राइव है।

 

Interface के आधार पर (Interface Basis) –

Pen Drive के Interface के आधार पर निम्न प्रकार होते हैं –

USB Type A –

यह एक कॉमन इंटरफेस है जो कि हर लैपटॉप और कंप्यूटर में पाया जाता है। यह सबसे ज्यादा बिकने और खरीदे जाने वाली पेन ड्राइव का इंटरफेस है।

USB Type C –

इस इंटरफ़ेस का इस्तेमाल स्मार्टफोन एवं लैपटॉप में किया जाता है। यह नए जमाने के कंप्यूटर सिस्टम में इसका उपयोग किया जाता है। यह फास्ट इंटरफ़ेस है।

USB Micro B –

इस इंटरफ़ेस वाले पेनड्राइव का इस्तेमाल सिर्फ स्मार्टफोन में किया जाता है। स्मार्ट फोन का डाटा बैकअप करने के लिए इस इंटरफ़ेस वाले पेनड्राइव को बनाया गया।

Multi USB Pendrive –

इस पेन ड्राइव में USB Type A, USB Type C और USB Micro B इंटरफ़ेस जुड़ा होता है जिसकी मदद से इन्हें कंप्यूटर लैपटॉप और मोबाइल में भी जोड़ा जा सकता है और डाटा को ट्रांसफर किया जा सकता है। 

 

Pen Drive कैसे काम करता है? (How Pen Drive Works) –

पेन ड्राइव के अंदर एक इंटीग्रेटेड सर्किट बोर्ड होता है। पेन ड्राइव को gate style data storage device कहते हैं क्योंकि तकनीकी रूप से पेनड्राइव को NOT, AND, NAND में वर्गीकृत किया जाता है। इस प्रकार की तकनीकी में डाटा को block के according स्टोरेज करते हैं।

इसमें randomly के according डाटा स्टोरेज नहीं होता है जैसे RAM और ROM करते हैं। block के रूप में डाटा स्टोर करने से अधिक इंफॉर्मेशन को स्टोर किया जा सकता है।

जब आप पेनड्राइव को कंप्यूटर से plug करते हैं तो आप जिस फाइल को पेन ड्राइव में स्टोर करना चाहते हैं उसे कॉपी / पेस्ट के द्वारा पेन ड्राइव में सेव कर सकते हैं। अगर आपके कंप्यूटर में कभी भी प्रॉब्लम आती है तो आपके पास डाटा सुरक्षित रहता है।

पेन ड्राइव के अंदर कोई बैटरी या पावर स्त्रोत मौजूद नहीं होता है। जब पेन ड्राइव को कंप्यूटर या लैपटॉप में डाला जाता है तब पेनड्राइव को यूएसबी कनेक्टर के माध्यम से ऊर्जा मिलती है।

जब पेन ड्राइव को computer या लैपटॉप में लगाया जाता है तो स्विच ऑन हो जाता है और सोर्स से करंट फ्लो करता हुआ ड्रेन तक जाता है। लेकिन कुछ इलेक्ट्रॉन 1 के फॉर्म में फ्लोटिंग दरवाजे के ऊपर जा स्टोर होता हैं और वही अपना डाटा होता है। जब आप कंप्यूटर से पेन ड्राइव निकाल लेते हैं तो वह डाटा स्टोर रहता है।

जब आप computer से डिलीट कमांड देते हैं तब कंप्यूटर नेगेटिव वोल्टेज भेजता है और फ्लोटिंग गेट के ऊपर  स्टोर इलेक्ट्रॉन को 0 कर देता है और वह स्विच ऑफ हो जाता है। इस प्रकार यूएसबी ड्राइव में से डाटा डिलीट होता है।

 

Pen Drive का इतिहास (History of Pen Drive) –

पहला फ्लैश ड्राइव अनुबंध के तहत इजरायल की कंपनी M-System द्वारा बनाया गया था। हम पेन ड्राइव के रूप में जिसे पहचानते हैं उसका पेंटेंट IBM कंपनी ने लिया था।

पेन ड्राइव का आविष्कार IBM कंपनी के द्वारा 1998 में किया गया था।  इस समय पेनड्राइव की स्टोरेज क्षमता 4GB से लेकर 64GB तक थी। 

पेन ड्राइव के आते ही पूरी दुनिया में पेन ड्राइव फेमस होने लगी और बड़ी-बड़ी कंपनियां पेन ड्राइव का निर्माण करने लगी। समय बीतने के साथ पेन ड्राइव को और भी एडवांस कर दिया गया। आज के समय में 2GB से लेकर 1TB तक के पेन ड्राइव बाजार में उपलब्ध है। 

 

Pen Drive की Storage Capacity –

पेन ड्राइव के इस्तेमाल होने से पहले Floppy Disk, CD और DVDs का इस्तेमाल होता था। यह स्टोरेज डिवाइस बड़े हुआ करते थे और इसमें स्टोरेज स्पेस भी बहुत कम थी। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए यूएसबी पेन ड्राइव को डेवलप किया गया।

आज के समय में पेन ड्राइव की स्टोरेज क्षमता मिनिमम 2GB से लेकर मैक्सिमम 1TB होती है। Kingston कंपनी ने विश्व की सबसे अधिक क्षमता वाली फ्लैश ड्राइव Datatraveler HyperX Predator 3.0 नाम से बनाई है। 

 

Pen Drive का उपयोग (Uses of Pendrive in Hindi) –

  • यूएसबी पेन ड्राइव का सबसे आम इस्तेमाल पर्सनल फाइल जैसे कि डॉक्यूमेंट, इमेज, वीडियो आदि को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
  • कंप्यूटर सिस्टम में किसी भी प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम को स्थापित करने के लिए पेन ड्राइव का उपयोग किया जाता है जैसे – विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का bootable पेन ड्राइव बनाकर कंप्यूटर में विंडोज इंस्टॉल किया जाता है।
  • कभी भी कंप्यूटर में कोई खराबी आ जाती है तो पेन ड्राइव का इस्तेमाल backup के रूप में किया जाता है। पेन ड्राइव में आप अपनी महत्वपूर्ण फाइलों को स्टोर करके रख सकते हैं। 
  • पेन ड्राइव की मदद से आप किसी अन्य कंप्यूटर से भी अपने पेन ड्राइव में स्टोर फाइलों को एक्सेस कर सकते हैं क्योंकि यह एक पोर्टेबल गैजेट है ।
  • बहुत सारे software को बिना इंस्टॉल किए लाइव पेन ड्राइव की मदद से चलाया जा सकता है।

 

Pendrive के अन्य नाम (Other Names of Pen Drive) –

  • USB Drive
  • Jump Drive
  • Flash Drive
  • Thumb Drive
  • USB Memory

 

Pendrive बनाने वाली कंपनिया –

  • Kingston
  • HP
  • Sony
  • Toshiba
  • I-Ball
  • Transcend
  • SanDisk

 

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

यह आर्टिकल Pendrive क्या है? आपके लिए ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी साबित होगा। पेन ड्राइव देखने में बहुत छोटा होता है लेकिन यह बड़े ही काम की डिवाइस है जिसका इस्तेमाल हर उस व्यक्ति को जरूर करना चाहिए जो कंप्यूटर का इस्तेमाल करता है, क्योंकि पेन ड्राइव की मदद से आप अपने डाटा को खोने से बचा सकते हैं। आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। 

 

FAQ – Pendrive in Hindi

 

Q.1 पेनड्राइव का क्या उपयोग है?

Ans. पेनड्राइव का उपयोग संगीत, फिल्म, फोटो और दस्तावेजों को स्टोर करने में किया जाता है साथ ही पेन ड्राइव के अंदर बड़ी मात्रा में data को store किया जा सकता हैं।

Q.2 पेनड्राइव कितने प्रकार के होते हैं?

Ans. पेन ड्राइव मूख्य रूप से दो तरह की होती है –
USB 2.0 
USB 3.0

Q.3 पेनड्राइव का दूसरा नाम क्या है?

Ans. पेनड्राइव को सामान्यत USB Flash Drive भी कहा जाता है। पेनड्राइव के अन्य नाम जैसे – USB Drive, USB Memory, Thumb Drive, Jump Drive आदि है। यह एक पोर्टेबल डिवाइस है, जिस कारण इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर किया जा सकता है।

Q.4 पेनड्राइव को हिंदी में क्या कहते हैं?

Ans. पेनड्राइव को हिंदी में स्मृतीशलाक़ा कहा जाता है।

Q.5 क्या पेनड्राइव को मोबाइल से कनेक्ट किया जा सकता है?

Ans. हाँ, पेनड्राइव को मोबाइल से कनेक्ट किया जा सकता है इसके लिए ओटीजी केबल का उपयोग करके पेनड्राइव को फ़ोन से जोड़ा जाता है।

Q.6 पेन ड्राइव में हम क्या स्टोर कर सकते हैं?

Ans. पेन ड्राइव उपयोग भंडारण के लिए ही होता है, जैसे – बैकअप और कंप्यूटर फ़ाइलों के हस्तांतरण के लिए होता है। पेनड्राइव में संगीत, फिल्म, फोटो, दस्तावेजों और सॉफ्टवेयर को स्टोर कर सकते है।

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