MS DOS kya hai – इसके कमांड्स, कार्य, प्रकार और इतिहास | Top 28 usable ms dos commands list

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हेल्लो दोस्तों आज हम बात करने वाले है MS DOS Kya Hai ,  MS DOS Full Form, MS DOS का इतिहास, एम् एस डोस के Versions और MS DOS के फायदे आदि के बारें में बताया है।

MS DOS माइक्रोसॉफ्ट डिस्क ओप्रटिंग सिस्टम है और इसको Microsoft DOS के नाम से भी पुकारा जाता है। एमएस डॉस personal computer पर चलता है और कंप्यूटर को कमांड के जरिये ऑपरेट भी करता है आगे हम आपको MS DOS के बारे में पूरा विस्तार से और सरल भाषा में बताने वाले है तो आप इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़िए।

ms dos kya hai
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MS DOS Kya Hai (What is Ms Dos)

MS DOS Kya Hai – एमएस डॉस Personal Computers पर विस्तृत रूप से स्थापित होने वाले पहले Operating System का Microsoft-Marketed वर्जन था। यह Operating System Bill Gates की कंपनी द्वारा IBM के लिए Personal Computer – Disk Operating System के रूप में विकसित किया गया था।

 

MS DOS Full Form (एम् एस डोस का पूरा नाम)

MS DOS का पूरा नाम Microsoft Disk Operating System है। यह एक Character User Interface आधारित Operating System है जिसका निर्माण दो प्रकार के Operating Systems- CP/M (Control Program for Microcomputers) एवं QDOS (Quick and Dirty Operating System) से हुआ है। 

 

MS DOS का इतिहास (History of MS DOS)

जिसका निर्माण दो प्रकार के Operating Systems CP/M / QDOS के प्रोग्राम को American Software Company ‘Digital Research’ के निर्माता ‘गैरी किल्डल’ द्वारा 1974 में बनाया गया था और QDOS को ‘Seattle Computer Products’ के Developer ‘टिम पैटरसन’ द्वारा 1980 में बनाया गया था। 

सन 1981 में Microsoft द्वारा ‘Seattle Computer Products’ से QDOS को ख़रीदकर उसका नया नाम ‘ MS -DOS 1.0’ रखा गया तथा  Microsoft ने  इसमें कुछ सुधार करने के बाद इसे IBM को अपने नए Personal Computers में उपयोग करने के लिए दे दिया गया। 

1994 में एम् एस डोस 6.22 वर्जन Release होने पर इसे आखिरी बार अपडेट किया गया था।

सन 1981 से लेकर 1998 तक निम्नलिखित पाँच DOS बनाये गये-

  1. 1981 – IBM PC-DOS
  2. 1988 – DR-DOS
  3. 1989 – ROM-DOS
  4. 1993 – PTS-DOS
  5. 1998 – FREE-DOS

 

इन्हें भी पढ़े-

 

MS DOS के Versions

MS DOS के अभी तक निम्नलिखित Versions जारी किये गये हैं-

  • Microsoft PC-DOS 1.0 (1981) – यह Operating System का पहला official version था जो August,1981 में Release किया गया।
  • MS DOS 1.25 (1982) –  यह OS का पहला version था, जिसका नाम  ‘एम् एस डोस’ रखा गया। यह Microsoft PC-DOS 1.0 के एक साल बाद सन 1982 में Release किया गया।
  • MS DOS 3.0 (1984) – August,1984 में IBM PC AT के लिये Release किया गया जो बड़ी हार्ड डिस्क ड्राइव को support करता था। 
  • MS DOS 3.1 (1985) – यह DOS का LAN (Local Area Network) को support करने वाला पहला Version था।
  • MS DOS 3.2 (1986) – यह Floppy Disk Drive के 31/2 इंच, 720KB को support करता था।
  • MS DOS 3.31 (1987) – इसे Compha Computers के लिये Design किया गया था।
  • MS DOS 4.01 (1988) – यह Volume Serial Numbers को support करता था।
  • MS DOS 5.0 (1991) – यह 3.5 इंच 2.88MB  Floppy Disk Drive और Full Screen Text Editor को support करता था।
  • MS DOS 6.0 (1993) – इसमें Antivirus Software MSAV, QBASIC, UMA Optimization, Disk Compression जेसे Features उपलब्ध थे।
  • MS DOS 6.22 (1994) – यह MS-DOS का अंतिम Stand Alone Version था।
  • MS DOS 7.0 MS-DOS 7.0 (1995) – इसे Windows 95 Command Line में index किया गया था जो FAT32 File System को Support करता था।

 

MS DOS के कार्य  (Functions Of MS-DOS)-

MS DOS के मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्य होते हैं –

  1. File Management जैसे नयी फाइल को Create करना, Edit करना, Delete करना, Search करना व फाइल का नाम बदलना आदि।
  2. कंप्यूटर में Storage की जानकारी देना।
  3. CPUMemory का नियन्त्रण करना।
  4. Keyboard व Mouse से Input लेकर मॉनिटर स्क्रीन पर Output देना।
  5. Backup लेने का कार्य भी एम् एस डोस द्वारा किया जाता है।
  6. यह कंप्यूटर से जुड़े बाहरी उपकरणों (Peripheral Devices), जैसे Disk Drives, कंप्यूटर स्क्रीन व प्रिंटर पर भी डेटा ट्रांसफर करता है।
  7. यह कैरेक्टर इनपुट/आउटपुट, मेमोरी मैनेजमेंट, प्रोग्राम लोडिंग और टर्मिनेशन जैसे कार्यों के लिए विभिन्न एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस प्रदान करता है, साथ ही keyboard के माध्यम से उपयोगकर्ता से Input को नियंत्रित करता है।
  8.  फ्लॉपी ड्राइव और हार्ड डिस्क में सूचनाओं (Data) की प्रतिलिपि (Copy) करना।

 

MS DOS के फायदे (Advantages Of MS-DOS)

  • कंप्यूटर ON करने पर यह जल्दी ‘Boot’ हो जाता हैं।
  • एम् एस डोस बहुत ही हल्का ऑपरेटिंग सिस्टम हैं, यह लगभग 8 MB में पूरा Install हो जाता है तथा इसे एक Single Modern RAM में  आसानी से Store किया जा सकता हैं।
  • यह बहुत कम क्षमता वाले सिस्टम पर भी आसानी से चल सकता हैं।
  • यह किसी भी Process का Direct & Efficient Control प्रदान कराता है।
  • इसके द्वारा Bios (Basic Input Output System) तथा अधिकांश  हार्डवेयर तक सीधा पहुँच सकते हैं।
  • DOS में किए जाने वाले प्रत्येक कार्य को DOS Command की सहायता से किया जा सकता है।

 

MS DOS कि सीमाएँ (Limitations Of MS-DOS)

  1. यह एक Character User Interface आधारित Operating System है इसलिए यह बहुत कम यूजर फ्रेंडली है।
  2. यह बहुत ही कम एप्लीकेशन को सपोर्ट करता है।
  3. यह Microsoft द्वारा बहिष्कृत है इसलिए एम् एस डोस के लिए कोई और अपडेट उपलब्ध नहीं होगा।
  4. यह मल्टीटास्किंग को सपोर्ट नहीं करता है। इसलिए इस OS पर एक समय में केवल एक ही एप्लिकेशन चलाया जा सकता है।
  5. यह 16-Bit ऑपरेटिंग सिस्टम है और 640 MB RAM तक को Support करता है।
  6. यह कंप्यूटर नेटवर्किंग के माध्यम से अन्य कंप्यूटरों से कनेक्ट नहीं हो सकता है; इंटरनेट का उपयोग भी प्रतिबंधित है।

 

MS DOS Commands-

कमाण्ड अंग्रेजी भाषा के कुछ निश्चित Words अथवा Group of words हैं, जिनका अर्थ DOS को पहले से ज्ञात होता है। DOS इन words को Identify कर उसके अनुसार काम करता हैं। इन्हीं words अथवा Group of words को Command कहा जाता है।

DOS Command मुख्यतः दो प्रकार की होती है –

  1. Internal Command
  2. External Command

1. Internal Command –

                                            DOS (Disk Operating System) की वह Commands जो DOS के command.com नामक File में पहले से Store होती हैं, उन्हें Internal Command कहते हैं। 

उदहारण- CLS, echo, rmdir, if, path, ver, shift, ren, exit, time, rmdir, verify, prompt, type, break, rd, md, cd, for, copy, erase, goto, vol, mkdir, for, date आदि।

  

2. External Command –

                                             DOS (Disk Operating System) की वह Commands जो DOS के command.com नामक File में न होकर अन्य Files में संग्रहित होती हैं, उन्हें External Command कहते हैं। 

उदाहरण- re, msbackup, backup, nlsfunc, attrib, dosshell, keyb, msav, sys, chkdsk, expand, label, tree, deltree, xcopy, graphics, restore, more, mem, move, sort, diskcomp, sys, append, doskey, help, mo, undelete, mem, fastopen, keyb आदि।

 

MS DOS की कुछ मुख्य Commands के कार्य-

Internal Commands के कार्य-

  • CLS – यह स्क्रीन की पूरी सामग्री (Characters & Graphics) को Clear (Erase) करने की अनुमति देता है।
  • BREAK – कंप्यूटर की ब्रेकिंग क्षमता को Enable or Disable करने के लिए।
  • REN फ़ाइलों और निर्देशिकाओं के नाम बदलने (Rename) के लिए।
  • CHDIR – MS-DOS में निर्देशिकाओं को Switch करने (Change Directory) के लिए।
  • VOL – Drive के उपलब्ध Volume की जानकारी को देखने के लिए।
  • RMDIR – निर्देशिका (Directory) को हटाने (Remove) के लिए।
  • DATE – कंप्यूटर की वर्तमान तिथि को देखने व बदलने के लिए।
  • DISKCOMP – दो  diskettes की तुलना करने के लिए।
  • RD – Directory को हटाने (Remove) के लिए।
  • DEL – Files को Delete करने के लिए।
  • COPY – एक या एक से अधिक Files को Copy करने के लिए।
  • TYPE – Text File की सामग्री देखने के लिए।
  • TIME – कंप्यूटर के समय को देखने व बदलने के लिए।
  • EXIT – Running Applications और MS-DOS से बाहर निकलने के लिए।
  • DIR – Files & Directories में कितना Space उपलब्ध हैं, के बारे में जानकारी देता है।
  • MKDIR/MD – नई Directory बनाने के लिए।
  • DISKCOPY – एक डिस्केट की प्रतिलिपि (Copy) बनाने के लिए।

     

इन्हें भी पढ़े-

External Commands के कार्य –

  • DELTREE – सभी Files, Diractory (निर्देशिका) & Sub-Directories (उपनिर्देशिकाओं) Delete करने के लिए।
  • PRINT – Background में Line Printer पर Text File प्रिंट करने के लिए।
  • FIND – File में Text खोजने के लिए।
  • XCOPY – Files, Diractory और यहां तक ​​कि पूरी Drive को एक स्थान से दूसरे स्थान पर Copy करने के लिए।
  • DISK COMP – दो Floppy Disk की तुलना करने के लिए। इसका उपयोग DISKCOPY Command  के बाद किया जाता है। इससे यह पता चलता है कि कोई File कॉपी करते समय छूट तो नहीं गई है।
  • FORMAT – Disk के लिए एक नई Root Directory & File System बनाने के लिए।
  • ATTRIB – किसी भी File या Folder की विशेषताओं (Attributes) को देखने और बदलने के लिए।
  • SORT – Input को Sort करने और Output को स्क्रीन पर प्रदर्शित करने के लिए।
  • CHKDSK – कंप्यूटर की Hard Drive में Error (त्रुटी) की जांच करने के लिए।
  • PRINT – एक फाइल को प्रिंट करना।
  • MOVE – Files &  Directories को एक फ़ोल्डर से दूसरे फ़ोल्डर में या एक ड्राइव से दूसरे ड्राइव पर ले जाने के लिए।

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

आज हमने MS-DOS Kya Hai, के बारे में जान लिया है। हमने आपको इसके बारे में हमने आपको विस्तार से बताया है। मुझे उम्मीद है, आपको यह Article पसंद आया होगा और कुछ नया सीखने या जानने को मिला होगा। अगर आपको यह Article अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और अन्य लोगो के साथ Share करें ताकि लोगो को भी इसके बारे में जानकारी मिल सके। धन्यवाद !

FAQ – MS DOS in Hindi

एमएस डॉस क्या है समझाइए?

एमएस डॉस Personal Computers पर विस्तृत रूप से स्थापित होने वाले पहले Operating System का Microsoft-Marketed वर्जन था।

MS DOS का कार्य क्या है?

Computer को कमांड के जरिये ओपरेट करना hota है जिसमे – नई फाइल बनाना, डिलीट करना और फाइल का नाम चेंज करना।

एमएस डॉस कितने प्रकार के होते हैं?

DOS Command मुख्यतः दो प्रकार की होती है –
1. Internal Command
2. External Command

एमएस डॉस किसने लिखा था?

गैरी किल्डल’ द्वारा 1974 में बनाया गया था और QDOS को ‘Seattle Computer Products’ के Developer ‘टिम पैटरसन’ द्वारा 1980 में बनाया गया था।

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