हेल्लो दोस्तों इस आर्टिकल में आप Server के बारे में जानेंगे। Server क्या है?, Server के प्रकार, Server कैसे काम करता है, Server Down क्यों होता है आदि के बारे में जानेंगे और इसके साथ ही Dedicated और Non Dedicated Server क्या है? और क्या अपना खुद का Server बनाना संभव है इसके के बारे में भी जानेंगे।
इंटरनेट के माध्यम से आप जितनी भी इंफॉर्मेशन को एक्सेस कर पाते हैं वह सब किसी ना किसी सर्वर में स्टोर रहता है तभी आप उन्हें एक्सेस कर पाते हैं जैसे ब्लॉक पढ़ना, वीडियो देखना, कोई एप्लीकेशन डाउनलोड करना, मेल भेजना या प्राप्त करना, चैट करना आदि।
इंटरनेट में सर्वर सबसे महत्वपूर्ण भाग होते हैं जो डाटा को स्टोर करते हैं तथा यूजर की request पर डाटा ट्रांसफर करने का कार्य करते है। एक इंटरनेट यूजर को सर्वर के विषय में जानकारी होना आवश्यक है। सर्वर या web server एक ऐसा कंप्यूटर होता है जो की वेबसाइट को run या चलाता है। यह असल में कंप्यूटर प्रोग्राम होता है। अगर आप Serve के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें …
Server क्या है? (What is Server in Hindi) –
Server एक high power कंप्यूटर होते है जिसमें सर्वर सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल कर दिया जाता है। यह सर्वर डाटा को collect करते हैं और यूजर की रिक्वेस्ट पर डाटा यूजर तक पहुंचाते हैं। सर्वर का काम है इंटरनेट के यूजर को सेवा देना यानि की यूजर को वह सारी जानकारी देना जो वह जानना चाहता है। जो यूजर या कंप्यूटर डाटा को प्राप्त करते हैं उन्हें क्लाइंट कहते हैं। सर्वर network के द्वार डाटा को ट्रांसफर करते हैं।
इंटरनेट पर यूजर को सर्विस देने का कार्य सर्वर ही करते हैं। हम youtube में वीडियो देखते हैं या फिर कोई इंफॉर्मेशन हम अपने डिवाइस के वेब ब्राउज़र में जाकर सर्च करते हैं तो हमें जो भी रिजल्ट अपने डिवाइस पर देखने को मिलता है वह वेबसाइट या चैनल का डाटा कहीं ना कहीं पर स्टोर होकर रहता है। जब यूज़र वेबसाइट पर क्लिक करता है तो सर्वर यूजर की रिक्वेस्ट पर डाटा यूजर तक पहुंचाता है।
Google दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है जहां से हम जो चाहे जितने चाहे उतने डाटा हासिल कर सकते हैं। गूगल हमें यह सभी डाटा अलग-अलग वेबसाइट्स के सर्वर से लाकर दे देता है। सर्वर एक कंप्यूटर की तरह ही होता है और दुनिया में बहुत सारे अलग-अलग क्षमताओं के सर्वर भी मौजूद है।
इंटरनेट पर आप जो भी कार्य करते हैं उन सभी के लिए अलग-अलग सर्वर होते हैं। जैसे मेल भेजने के और प्राप्त करने के लिए मेल सर्वर, चैट करने के लिए चैट सर्वर, एप्लीकेशन को संचालित करने के लिए एप्लीकेशन सर्वर आदि।
एक सिंगल सर्वर एक बार में बहुत सारे क्लाइंट्स को डाटा और resource शेयर करता है और सेवा देता है। सर्वर एक तरह से कंप्यूटर ही होते हैं जो दुनिया के हर कोने में कहीं भी हो सकते हैं।वेब होस्टिंग कंपनियां अपनी सुविधा के अनुसार उन्हें इंस्टॉल करती है। इन की कैपेसिटी अलग-अलग हो सकती है।
Server कैसे काम करता है? (How does Server Work) –
इंटरनेट से हम जितने भी काम करते हैं जैसे कोई फाइल डाउनलोड करते हैं, ब्राउजिंग करते हैं, मेल भेजते हैं, सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल करते हैं और इसके अलावा हम जितने भी काम करते हैं उन सभी चीजों में सर्वर हमारी मदद करता है और हम तक डाटा पहुंचाता है।
जब आप अपने ब्राउज़र में किसी वेबसाइट का URL टाइप करते हैं तो आपका ब्राउज़र उस वेबसाइट को होस्ट करने वाले सर्वर के साथ communicate करता है ताकि आपके ब्राउज़र पर उस वेबसाइट को दिखाने के लिए डाटा मिल सके। उसके बाद ब्राउज़र आपके द्वारा डाले गए URL को तीन हिस्सों में break करता है। पहला Protocol, दूसरा Server Name, तीसरा File Name होता है।
ब्राउज़र उस वेबसाइट के सर्वर नेम को IP address में ट्रांसलेट करता है। हर वेबसाइट का एक यूनीक आईपी एड्रेस होता है, जिसके कारण ही ब्राउज़र किसी सर्वर से जुड़ पाता है।
एक बार जब ब्राउज़र और सर्वर आपस में कनेक्ट हो जाते हैं तो ब्राउज़र आपकी रिक्वेस्ट को सर्वर तक भेजता है और इस वेब पेज की मांग करता है। सर्वर में सभी फाइलें HTML डॉक्यूमेंट के रूप में उपस्थित होती है, वहां से आपका ब्राउज़र डाटा को वेब पेज में परिवर्तित करता है और रिक्वेस्ट रिसीव करने के बाद आपकी स्क्रीन पर दिखाई देता है।
Server के प्रकार (Types of Server in Hindi) –
अलग-अलग उद्देश्यों के लिए सर्वर भी अनेक प्रकार के होते हैं। चलिए कुछ प्रकार के सर्वर के बारे में जान लेते हैं –
Web Server –
इंटरनेट पर जितने भी वेबसाइट है उनके सभी डाटा वेब सर्वर में स्टोर किए जाते हैं। इन सर्वर को होस्टिंग भी कहा जाता है। इसमें टेक्स्ट, इमेज, वीडियो, ऑडियो आदि स्टोर रहते हैं। वेब सर्वर यूजर की रिक्वेस्ट पर प्रतिक्रिया करने के लिए HTTP का इस्तेमाल करते हैं।
Application Server –
एप्लीकेशन सर्वर या App सर्वर ऐसे सर्वर को कहा जाता है जिन्हें विशेष रूप से एप्लीकेशन को स्टोर, इनस्टॉल और संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया होता है। एप्लीकेशन सर्वर में आप एप्लीकेशन को बना भी सकते हैं और उसे संचालित भी कर सकते हैं। यह कई प्रकार के होते हैं जैसे – PHP, Java और .NET Framework.
Mail Server –
इस तरह के सर्वर ईमेल के द्वारा मैसेज को सेंड और रिसीव करने की सेवा देता है। मेल सर्वर को mail server transfer agent (MTA) या internet mailer भी कहा जाता है। मेल सर्वर में ईमेल का डाटा स्टोर रहता है। मेल सर्वर क्लाइंट कंप्यूटर से ईमेल प्राप्त करते हैं और उन्हें दूसरे मेल सर्वर पर भेजते है।
File Server –
फाइल सर्वर ऐसे सर्वर को कहा जाता है जो फाइल को ट्रांसफर करने के काम में आते है। मुख्य रूप से किसी नेटवर्क के भीतर फाइल स्टोर करने के लिए जगह प्रदान करता है। फाइल सर्वर में इंटरनेट पर मौजूद सभी फाइल स्टोर रहती है।
Chat Server –
इंटरनेट पर चैट मैसेज करने के लिए चैट सर्वर का इस्तेमाल किया जाता है। यह बहुत पावरफुल सर्वर होते है। इन सर्वर की मदद से यूजर real time messaging का लाभ उठाते हैं जैसे आप व्हाट्सएप पर किसी को मैसेज भेजते हैं तो वह मैसेज तुरंत उस व्यक्ति के पास पहुंच जाता है जिसको आपने भेजा है। यह सब चैट सर्वर द्वारा ही संभव हो पाता है।
Fax Server –
फैक्स सर्वर ऐसे सर्वर को कहते हैं जो इंटरनेट पर फैक्स के ट्रांसफर में काम आते है। इस प्रकार के सर्वर फैक्स को receive तथा send करते हैं। फैक्स सर्वर बड़े पैमाने पर संगठनों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
Multimedia Server –
मल्टीमीडिया सर्वर ऐसे सर्वर को कहा जाता है जो ऑडियो, वीडियो, इमेज को स्टोर करते हैं तथा इन्हें distribute करने में मदद करते हैं।
List Server –
लिस्ट सर्वर ऐसे सर्वर को कहा जाता है जो मेलिंग लिस्ट को मैनेज करने का काम करते हैं जैसे – Newsletters, विज्ञापन आदि।
FTP Server –
इसका पूरा नाम File Transfer Protocol है जिसका कार्य ऑनलाइन फाइल ट्रांसफर करना होता है। एफटीपी सर्वर एक बहुत पुराना सर्वर है जो फाइल को सुरक्षित रूप से ट्रांसफर करता है।
Proxy Server –
जिसे आमतौर पर Proxy कहा जाता है। यह यूज़र और इंटरनेट के बीच गेट के रूप में कार्य करता है। यह सर्वर यूजर की रिक्वेस्ट को अपनी आईपी एड्रेस के द्वारा इंटरनेट तक पहुंचाता है और इंटरनेट से डाटा लेकर user तक पहुंचाता है। प्रोक्सी सर्वर के पास खुद का IP address होता है। इंटरनेट पर सिक्योरिटी के लिए प्रोक्सी सर्वर का इस्तेमाल किया जाता है।
Database Server –
डाटाबेस सर्वर सबसे अलग प्रकार के सर्वर होते हैं। इस प्रकार के सर्वर अन्य सर्वर में स्टोर डाटा को स्टोर तथा मैनेज करने का कार्य करते हैं। डाटाबेस सर्वर को केवल authorized person ही एक्सेस कर पाते हैं।
Identity Server –
आइडेंटी सर्वर रजिस्टर्ड यूज़र लॉगइन के लिए सेफ्टी और सिक्योरिटी सेवा प्रदान करते हैं।
Server की आवश्यकता क्यों है? –
Server नाम को शब्द Serve से लिया गया है जिसका हिंदी अर्थ “ परोसने वाला ” होता है। वास्तव में यह उपयोगकर्ता के अनुरोध पर उसके लिए वेब पेज को Serve करता है।
अगर आप कोई ऑनलाइन वेबसाइट बनाना चाहते है तो आपको उसे स्टोर करने के लिए ऐसी जगह की आवश्यकता होगी जो इंटरनेट नेटवर्क से जुड़ा हुआ हो। इसी जगह को सर्वर नाम दिया गया है। सभी वेबसाइट किसी न किसी तरह के सर्वर का उपयोग करती है।
सर्वर हमेशा 24×7 चालू रहते हैं। अगर hardware फेल भी हो जाए उस स्थिति में भी यह सर्वर सेवाएं देता है। अगर आप एक पर्सनल कंप्यूटर की बात करें तो बिजली चले जाने पर उसका सर्वर अपने आप बंद हो जाता है जिससे आपका डाटा खो सकता है। लेकिन सर्वर कई पावर सप्लाई से लेस होते हैं, इसी वजह से एक पावर सप्लाई बंद हो जाने पर इसका असर नॉर्मल सिस्टम ऑपरेशन को प्रभावित नहीं करता है।
सर्वर data loss या काम में रुकावट को रोकने के लिए PC में इस्तेमाल होने वाली solitary hard disk के बजाए RAID configuration में काम करने वाली कई हार्ड ड्राइव का उपयोग करता है, इसी कारण सर्वर में higher storage capacity होती है।
सर्वर हमें network पर फाइल स्टोर और कई कंप्यूटर तक पहुंच प्रदान करने की सुविधा देता है। सर्वर को नेटवर्क में उपयोग किए जाने वाला कंप्यूटर भी कह सकते हैं। सर्वर आमतौर पर क्लाइंट कंप्यूटर की तुलना में अधिक मेमोरी, स्टोरेज और प्रोसेसिंग पावर होती है।
Server Down क्यों होता है? –
आपने अक्सर किसी सरकारी वेबसाइट या बैंक में सुना होगा की सर्वर डाउन है, तब उस सर्वर से जुड़े उपयोगकर्ता को उस सर्वर तक पहुंच नहीं मिलती है।जब सर्वर बहुत धीरे काम करते हैं या जब सर्वर यूजर की रिक्वेस्ट को लोड करने में असफल रहते हैं तो उसे सर्वर डाउन या server fail कहा जाता है। जिसमें आपको Server Not Found, Server Error, Server Not Responding इत्यादि मैसेज दिखाई देते हैं।
सर्वर डाउन होने के अनेक कारण हो सकते हैं जैसे कि Network Problem, Application Crash, Operating System Crashes, Power Failure, DOS Attack आदि। सर्वर एक मशीन ही तो है इसलिए इसमें तकनीकी समस्याएं आती रहती है ।
प्रत्येक सर्वर की एक कैपेसिटी होती है कि वह कितना ट्रैफिक हैंडल कर सकता है। अगर उस सर्वर पर सर्वर की कैपेसिटी से अधिक ट्रैफिक आ जाता है तो उस स्थिति में भी server fail या server down हो जाता है।
Dedicated और Non Dedicated Server क्या है? –
Dedicated Server –
ऐसे सर्वर जो 24 घंटे ऑनलाइन रहते हैं उन्हें Dedicated सर्वर कहा जाता है। यह सर्वर बहुत महंगे और पावरफुल होते हैं, जैसे Google, Facebook आदि। अगर यह सर्वर कुछ सेकेंड के लिए भी बंद हो जाए तो लोगों के अनेक कार्य रुक जाएंगे।
Non Dedicated Server –
ऐसी सर्वर जो कि 24 घंटे ऑनलाइन नहीं रहते है। इन सर्वर को काम खत्म होने के बाद बंद कर दिया जाता है। जब जरूरत है होती है तो इन्हें फिर से ऑनलाइन कर दिया जाता है, जैसे कि स्कूल, घर या ऑफिस में इस्तेमाल होने वाले सर्वर है।
क्या अपना खुद का Server बनाना संभव है? –
हम अपना खुद का सर्वर बना सकते हैं। अगर आप अपने कंप्यूटर को सर्वर में बदलना चाहते हैं तो आपको सर्वर ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल करना होगा। इसके साथ ही कंप्यूटर को 24 घंटे इंटरनेट की जरूरत होगी। इसके अलावा आपके कंप्यूटर की स्टोरेज क्षमताअधिक होनी चाहिए और कंप्यूटर 24 घंटे काम करने में सक्षम होना चाहिए। कंप्यूटर का उपयोग करके आप Home Server चला सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion) –
यह आर्टिकल Server क्या है? आपके लिए ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी साबित होगा। सर्वर एक प्रकार के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते हैं जो कि डाटा को स्टोर तथा ट्रांसफर करने का कार्य करते है। यह बहुत पावरफुल होते हैं। इंटरनेट पर अलग-अलग कार्यों के लिए सर्वर भी भिन्न-भिन्न होते है। आशा करते है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। धन्यवाद !