Wireless Charging क्या है? – कैसे काम करता है?, पार्ट्स और Reverse Wireless Charging को कैसे सक्रिय करे – आज हम Wireless Charging के बारे में पढेगे की Wireless Charging क्या है?,Wireless Charging कैसे काम करता है,इसके पार्ट और यह कितनी दुरी तक काम करता है आदि के बारे में जानेगे। स्मार्टफ़ोन में इन दिनों Wireless Charging का ट्रेंड खूब बढ़ा है।
पहले ज्यादातर स्मार्टफ़ोन यूज करने वाले लोग जहां भी जाते थे चार्जिंग प्वाइंट की तलाश करने लगते थे। लेकिन वायरलेस चार्जिंग के आ जाने से स्मार्टफोन यूजर्स को चार्जिंग में काफी सहूलियत मिली है ज्यादातर यूजर प्रीमियम स्मार्टफोन के साथ वायरलेस चार्जिंग को अपना रहे हैं इसके लिए उन्हें अब चार्जिंग पॉइंट के लिए परेशान होना नहीं पड़ता है और वह इस नई तकनीक से ही फोन चार्ज कर रहे हैं।
Wireless Charging क्या है? (What is Wireless Charging in Hindi)-
Wireless Charging बिना तार के Power Transfer करने की एक तकनीक है, जो Electromagnetic Induction मदद से काम करती है अर्थात् इसमें पावर ट्रांसफर करने के लिए मैग्नेटिक फील्ड का उपयोग किया जाता है।
इसका मतलब यह है कि फोन को चार्ज करने के लिए किसी वायर या केबल से कनेक्ट करने की जरूरत नहीं पड़ती है।क्योकि चार्जिंग पेड़ के ऊपर लगते ही फोन अपने आप चालू होना शुरू हो जाता है।इसीलिए इसे वायरलेस चार्जिंग कहा जाता है।Wireless Charging को Inductive Charging और Cordless Charging के नाम से भी जाना जाता है।
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Wireless Charging कैसे काम करता है? (How Wireless Charging Works in Hindi)-
वायरलेस चार्जिंग दो हिस्सों में काम करता है। पहला हिस्सा एक चार्जिंग स्टेशन होता है, जो विधुत आपूर्ति से जुड़ा हुआ होता है। इसमें एक ट्रांसमीटर कोइल होता है। वहीं दूसरा हिस्सा फोन के अंदर मौजूद होता है, जो कि एक रिसीवर कोयल के रूप में काम करता है।
जब यह दोनों कोइल आपस में मिलते हैं तो Magnetism की मदद से कंम्पन करने लगते हैं।इससे फोन के अंदर मौजूद कोइल में EMF(Electromotive Force) का निर्माण होता है। यही EMF फोन में लगे चार्जिंग सर्किट के माध्यम से Power Transfer करता है,जिससे बैटरी चार्ज होती है।
Wireless Charging के पार्ट्स (Wireless Charging Parts in Hindi) –
साधारण चार्जर की तुलना में वायरलेस चार्जर की कीमत थोड़ी सी अधिक होती है क्योंकि इसके अंदर अधिक पार्ट्स देखने को मिलते हैं जैसे कि रेक्टिफायर का दो बार और अलग से Coil का उपयोग होता है। वायरलेस चार्जर के पार्ट्स नीचे की तरफ हमने आपको विस्तार से बताएं हैं –
Transformer –
वायरलेस चार्जर के अंदर ट्रांसफार्मर देखने को मिलता है जो वोल्ल्टेज को कम करने का काम करता है। जबकि यह ट्रांसफार्मर स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर कहलाता है। AC करंट 240 वोल्ट को 5 वोल्ट में कम करने का काम स्टेज डाउन ट्रांसफार्मर का होता है।
Rectifier –
रेक्टिफायर के प्रकार तकरीबन दो होते है जिसमे से ब्रिज रेक्टिफायर को ही वायरलेस चार्जर के अंदर लगाया ही जाता है ताकि AC करंट को DC करंट में बदला जा सके। हालांकि एक ही रेक्टिफायर वायरलेस चार्जर के अंदर देखने को मिलता है।
Transistor –
ट्रांजिस्टरो का इस्तेमाल वायरलेस चार्जर के अंदर होता है इसीलिए ताकि DC करंट को बदल सके हाई फ्रीक्वेंसी वाले AC करंट में। ट्रांजिस्टर के मॉडल के ऊपर ही निर्भर करता है की AC करंट की फ्रीक्वेंसी को कितना बढा सकता है।
Coil –
Coil तांबे के तार से बनी होती है। वाईडिंग वाली या पोलिश वाली तांबे की तार को एक ही जगह राउंड से लपेट कर चित्र में दिखने वाला आकार दिया जाता है जो वायरलेस चार्जर के सबसे ऊपर रखा जाता है।
Capacitor –
कैपासिटर को चार्जर के अंदर कई देखने को मिलता है और अलग-अलग प्रकार के देखने को मिलते है जिसमे से कुछ आकर में छोटे और बड़े भी होते है करंट को साफ करने के लिए ही कैपासिटर को लगाया जाता है जबकि कैपासिटर के दो प्रकार होते है जिसमे से एक प्रकार DC करंट के ऊपर जबकि दूसरा प्रकार AC करंट पर काम करता है और दोनों तरह के करंट को साफ करने और वोल्टेज को कण्ट्रोल करने के लिए ही कैपासिटर लगाये जाते है वायरलेस चार्जर के अंदर।
Body –
वायरलेस चार्जर की बोडी कुछ की राउंड यानी की गोल बनाई जाती है तो कुछ Mobile स्टेंड की तरह जिसे आप आपने हिसाब से सलेक्ट कर सकते है।
Wireless Charger कितनी दुरी तक काम करते है? –
वायरलेस चार्जर कितनी दुरी तक काम करते है यह निर्भर करता है वायरलेस चार्जर बनाने वाली कंपनियों के ऊपर। वैसे मार्केट और Online में मिलने वाले वायरलेस चार्जर की मदद से किसी डिवाइस को चार्ज करने के लिए डिवाइस को उसके ऊपर ही रखना पड़ता है।
अगर उसके ऊपर ना रखा जाए तो कुछ दूरी बना लीजिये तो वह डिवाइस काफी धीरे-धीरे से चार्ज होगा। तो उसके तरीके लिए आप डिवाइस को वायरलेस चार्जर के ऊपर रख चार्ज करें ताकि डिवाइस जल्दी से चार्ज हो सके।
आने वाले कुछ ही समय में कंपनी वाले ऐसा भी वायरलेस चार्जर बना देंगे जिससे आप दीवार में लगा दो और स्मार्टफोन को आप दूर लेकर चले जाओ तब भी स्मार्ट फोन चार्ज होने लगेगा। लेकिन दूरी का मतलब ऐसा नहीं कि घर के बाहर बल्कि जिस कमरे के अंदर चार लगा होगा उसी कमरे के अंदर कहीं भी जाओ स्मार्ट फोन चार्ज होने लगेगा। परंतु इस तरह की टेक्नोलॉजी को बनने में अभी कुछ साल और लगेंगे।
कौनसा Charger Best है? –
बात अगर वायरलेस और वायर वाले चार्जर में से किसी एक Best Charger की करें तो बेस्ट चार्जर तो हमारे केबल वाला चार्जर ही है। हालांकि दोनों के फायदे अपनी-अपनी जगह पर ठीक है।
Wireless charger में आपको सिर्फ किसी केबल को प्लग और Unplug करने की झंझट से मुक्ति मिलती है। लेकिन इससे आपको केबल चार्जर में बराबर फ़ास्ट चार्जिंग नही मिल पाती है
केबल चार्जर आजकल काफी ज्यादा फ़ास्ट चार्जिंग के साथ आने लगे है जो लगभग 1-2 घंटे में मोबाइल को पूरा चार्ज कर देते है। इसलिए बेस्ट चार्जर हम वायर वाले यानि हमारे पुराने चार्जर को कह सकते है।
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Reverse Wireless Charging को कैसे सक्रिय करे? –
सामान्य बात यह है की एंड्रॉइड डिवाइस पर या क्विक शॉर्टकट पैनल से बैटरी सेटिंस पर जाए, जिसे आप सम्भावित नोटीफिकेशन देखने के लिए ऊपर से नीचे तक स्वाइप करके एक्सेस कर सकते है।
वहां, उस शॉर्टकट पैनल में, आमतौर पर एक सेटिंग होती है या इसे प्रदर्शित करने के लिए संपादित किया जा सकता है और यह आपको रिवर्स वायरलेस चार्जिंग को सक्रिय करने की अनुमति देता है।
जब आप इसे दबाते है तो आप इसे पलट सकते है और जैसे की यह एक और क्यूई बेस था, दुसरे डिवाइस को ऊपर रखे जिसे आप चार्ज करना चाहते है और यह वायरलेस चार्जिंग के साथ भी संगत है।
केवल एक अंतिम जानकारी, जब फ़ोन एक निश्चित मात्रा में बैटरी से कम होता है तो यह सामान्य रूप से आपको रिवर्स वायरलेस चार्जिंग का उपयोग नहीं करने देगा। उसी कारण से आपको अपने मुख्य डिवाइस में बैटरी के बिना नहीं छोड़ना है। और तार्किक रूप से चार्जिंग की गति A. तक सीमित होगी सामान्य रूप से 5W. की शक्ति, इसलिए यह उतनी तेज प्रिक्रिया नहीं होगी जितनी कि एक बाहरी भार प्रदान करेगा।
Wireless Charging के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of Wireless Charging) –
- वायरलेस चार्जर में आपको Plug और Unplug नहीं करना पड़ता। बस आपको चार्ज करने के लिए उसके स्टैंड पर रखना है और आपका मोबाइल चार्ज होने लगेगा।
- वायरलेस चार्जर वाले फ़ोन काफी महगे होते है इसलिए लो बजट फ़ोन में वायरलेस चार्जिंग का इस्तेमाल अभी नही होता है। हालांकि कंपनियों इसे लेकर काम कर रही है।
- वायरलेस चार्जर से हर मोबाइल चार्ज नही हो पाता है। इसकी मदद से आप सिर्फ उसी फ़ोन को चार्ज कर सकते है जो वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करता है।
- वायरलेस चार्जर अन्य चार्जर के मुकाबले थोडा धीमा चार्ज करता है वही वायर वाले चार्ज आपके फ़ोन को 1-2 घंटे में चार्ज कर सकते है।
- वायरलेस चार्जिंग में बिजली का झटका या करंट लगने जैसे सम्भावना नही रहती है जबकि केबल चार्जर में रहती है।
- वायरलेस चार्जिंग का देखा जाए तो सिर्फ एक ही फायदा है की आपको इसे Plug या Unplug नही करना पड़ता है।
- इसके अलावा इससे आपको कोई फायदा नही है। हालांकि निर्माता कंपनी अभी इस कोशिश में लगे है की इसे सभी फ़ोनों में लाया जाए लेकिन हमारी जरूरत वायरलेस चार्जिंग नही बल्कि Fast Charging है।
- आमतोर पर हम सभी को अपने मोबाइल जल्द से जल्द चार्ज करने की जरूरत होती है। घंटो तक मोबाइल पर लगा कर रखना और उससे भी कम समय में Mobile Discharge हो जाना इस समस्या से हम सभी जूझ रहे है। इस समस्या का समाधान अगर आ गया तो सभी इसे अपना सकते है।
- हालांकि कई Companies Fast Charging के लिए अपने में बदलाव कर चुकी है। शायद यही कारण है की वायरलेस चार्जिंग अभी इतना सफल नही हो पाया है।
निष्कर्ष (Conclusion) –
मुझे आशा है कि मैंने आप लोगों को Wireless Charger क्या है? के बारे में पूरी जानकारी दी है और मैं आशा करता हूं आप लोगों को Wireless Charger क्या है के बारे में समझ में आ गया होगा। आपके मन में आज के आर्टिकल को लेकर कोई भी डाउट है या आप चाहते है कि इसमें कुछ सुधार होने चाहिए तब इसके लिए आप नीचे कमेंट लिख सकते है। आपके इन्हीं विचारों से हमें कुछ सीखने और सुधारने का मौका मिलेगा। धन्यवाद!