MICR Code क्या है – MICR Code कैसे पता करे | MICR Code in Hindi

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हेल्लो दोस्तों आज हम MICR Code के बारे में जानेगे। MICR Code क्या है?, MICR Code कैसे पता करे?, MICR Code कैसे काम करता है?, MICR Code कैसे बनता है? और साथ ही हम इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानेगे। आपने कभी बैंक के चेक को ध्यान से देखा होगा कि बैंक चेक में सबसे नीचे पट्टी के अंदर चुंबकीय स्याही से कुछ शब्द लिखे होते हैं जिनको MICR Code कहते हैं।

MICR Code क्या है
MICR Code क्या है

यह एक ऐसी तकनीक है जिसका कागजी दस्तावेज की वैधता तथा मौलिकता को  सत्यापित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह विशेष रूप से बैंक के चेक में उपयोग किया जाता है। यह स्याही जो चुंबकीय क्षेत्रों के प्रति संवेदनशील होती है इसका उपयोग मूल रूप दस्तावेजों पर कुछ करैक्टर की छपाई में किया जाता है। अगर आप MICR Code के बारे और अधिक जानना चाहते है तो इस आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े …

 

MICR Code क्या है? (What is MICR Code in Hindi) –

MICR Code जिसे की Magnetic Ink Character Recognition (MICR) भी कहा जाता है। यह 9-digit code होता है जिसकी मदद से एक particular bank branch की पहचान की जाती है जो Electronic Clearing System (ECS) का एक हिस्सा होता है। 

किसी भी बैंक चेक में नीचे चुंबकीय स्याही में बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी लिखी होती है जैसे की बैंक का नाम, ब्रांच का नाम और city का नाम लिखा होता है। यह सारी जानकारी digit में लिखी होती है जिसे MICR Code कहते हैं।

MICR code एक अकाउंट से किसी अन्य अकाउंट में मनी ट्रांसफर के काम में आता है। इसका मुख्य काम बैंक की पहचान करना होता है जिससे कि सही अकाउंट में money ट्रांसफर कि जाए। यह एक करैक्टर पहचान की तकनीक है इसका उपयोग मुख्य रूप से बैंकिंग और उद्योग द्वारा चेक और अन्य दस्तावेजों के प्रोसेसिंग और निकासी को सुव्यवस्थित करने के लिए किया जाता है।

इन्हें मुख्य रूप से एक सिक्योरिटी bar code की तरह आपके ट्रांजैक्शन को सुरक्षित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा यह ऑनलाइन मनी ट्रांसफर का भी एक मुख्य हिस्सा है। सभी बैंक ब्रांच को एक यूनिक एमआईसीआर कोड दिया जाता है और यह RBI को मदद करता है बैंक ब्रांच को पहचानने के लिए जिससे clearing process में तेजी आती है।

एमआईसीआर कोड को लिखने के लिए एक विशेष प्रकार की स्याही और font का इस्तेमाल किया जाता है। एमआईसीआर डिवाइस computer की एक इनपुट डिवाइस होती है। इसमें एक स्केनर लगा रहता है जिसकी मदद से चेक पर चुंबकीय स्याही से लिखे करैक्टर की पहचान की जाती है।

MICR कोड 9 अंको का होता है, इसके पहले 3 अंकों में शहर का नाम, बीच के 3 अंकों में बैंक का नाम और अंतिम के तीन अंकों में ब्रांच का नाम लिखा होता है। 

 

MICR Full Form –

MICR का पूरा नाम Magnetic Ink Character Recognition है। इसे हिंदी में “ चुंबकीय स्याही चरित्र पहचान ” कहा जाता है। 

 

MICR की परिभाषा (Definition of MICR) –

“ एमआईसीआर चुंबकीय स्याही में छपी अक्षरों को पढ़ने की प्रक्रिया को कहा जाता है। ”

“ MICR, the process of reading characters printed in magnetic ink. ”

 

MICR Code कैसे पता करे? (How to know MICR Code in Hindi) –

Bank Cheque के द्वारा –

आप एमआईसीआर कोड को अपने बैंक चेक के द्वारा आसानी से पता कर सकते हैं। एमआईसीआर कोड बैंक चेक के नीचे की तरफ को लिखे मिल जाएंगे। बैंक चेक के नीचे एक सफेद पट्टी के अंदर एमआईसीआर कोड लिखा मिलता है। 

Website के द्वारा –

MICR कोड का पता करने का दूसरा तरीका ऑनलाइन वेबसाइट के द्वारा है। इंटरनेट पर आपको बहुत सारी ऐसी वेबसाइट मिल जाएगी जहां से आप एमआईसीआर कोड का पता कर सकते हैं।

ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से एमआईसीआर कोड का पता लगाने के लिए सबसे पहले आपको MICR Code Search Website पर विजिट करना होगा।

अब Select a State में आपको State का चुनाव करना होगा। अब उसके बाद Select a District में से एक District का चुनाव करना होगा जिसका आप माइक्रो कोड जाते हैं।

अब आपके सामने सभी जगहों के नाम प्रदर्शित हो जाएंगे यहां पर आपको Select a Branch विकल्प में Branch को चुनना होगा।

अब आपके सामने MICR कोड आ जाएगा जिसकी आपको तलाश है। 

 

MICR Code कैसे काम करता है?

MICR कोड दो प्रकार के font का उपयोग करते हुए दस्तावेज पर मुद्रित किया जाता है इसमें एक E-13B तथा दूसरा CMC7 है।

एमआईसीआर एक ऐसी तकनीक है जिसका कागजी डॉक्यूमेंट की वैधता या मौलिकता को सत्यापित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें विशेष स्याही जो मैग्नेटिक फील्ड के प्रति संवेदनशील होती है का उपयोग मूल दस्तावेज पर कुछ करैक्टर की छपाई में किया जाता है। प्रत्येक बैंक चेक दस्तावेज के निचले भाग पर करैक्टर की एक श्रंखला मैग्नेटिक इंक के साथ प्रिंट होता है।

एमआईसीआर रीडर एक उपकरण है जिसे चेक पर MICR इंक करैक्टर द्वारा उत्सर्जित मैग्नेटिक संकेत को पढ़ने के लिए डिजाइन किया गया है।  प्रत्येक वर्ण एक अद्वितीय तरंग उत्पन्न करता है जिसे एमआईसीआर रीडर द्वारा पढ़ा और अनुवादित किया जाता है।

एमआईसीआर रीडर चेक को सत्यापित करते हैं और लेन देन को अंतिम रूप देते हैं। सही खाते से सही राशि को काट कर दूसरे खाते में जमा करते हैं। एक ही चेक को विभिन्न बैंकों में कई बार प्रोसेस किया जाता है। 

 

MICR Code का इतिहास (History of MICR Code in Hindi) –

MICR की शुरुआत 1958 में अमेरिकन बैंक एसोसिएशन ने किया था। इसमें चुंबकीय स्याही में प्रिंटेड E-13B font का इस्तेमाल किया गया था। MICR E-13B का उपयोग अन्य अनुप्रयोगों जैसे बिक्री प्रचार, कूपन, क्रेडिट कार्ड एयरलाइन टिकट, बीमा प्रीमियम रसीद, जमा टिकट और अन्य जानकारी को इनकोड करने के लिए किया जाता है।

1959 के अंत में चुंबकीय स्याही का उपयोग करके चेक प्रिंट किए गए। धीरे-धीरे एमआईसीआर की तकनीकी में और सुधार हुआ और इसका उपयोग पूरी दुनिया में होने लगा।

भारत में एमआईसीआर की शुरूआत 1980 के दशक में हुई। भारतीय रिजर्व बैंक ने देशभर में सुरक्षित और तेजी से ट्रांजैक्शन करने के लिए इस पद्धति का उपयोग किया था, इसी साल सबसे पहली बार इस unique सिस्टम को cheque clearing system में कार्यरत किया गया। 

 

MICR Code कैसे बनता है? –

एमआईसीआर कोड 9 अंकों का एक नंबर होता है जिसके सभी डिजिट का कुछ न कुछ मतलब होता है।

  • MICR code के पहले 3 digit (1-3) शहर का नाम बताते हैं। इसमें इलाके के पिन कोड के पहले 3 डिजिट के समान होते हैं। जैसे नई दिल्ली का पिन कोड की 3 digit 110 है तो वहां स्थित बैंक ब्रांच की एमआईसीआर कोड 110 से शुरू होती है।
  • बीच के 3 digit (4-6) बैंक का नाम बताते हैं। सभी बैंक को एक three digit code दिया जाता है जो कि एमआईसीआर कोड में 4 से 6 डिजिट होते हैं। जैसे SBI का कोड 002 है इसलिए SBI बैंक के सभी ब्रांच के 4 से 6 डिजिट 002 होगे चाहे वह ब्रांच भारत के किसी भी इलाके में स्थित क्यों न हो। 
  • अंतिम के 3 digit (7-9) ब्रांच का नाम बताते हैं। यह serial wise होते हैं अर्थात अगर दिल्ली में SBI की एक ही ब्रांच है तब उसका ब्रांच कोड 001 होगा, अगर दो ब्रांच है तब यह कोड 001, 002 होगा।

अगर आप चाहे तो बैंक के किसी भी ब्रांच की MICR कोड RBI की ऑफिशियल वेबसाइट में देख सकते है। 

 

MICR Code के फायदे (Advantages of MICR Code in Hindi) –

  • MICR Code में iron oxide based ink का इस्तेमाल होता है इसलिए यह एमआईसीआर करैक्टर बहुत readable होते हैं चाहे उसमें कैसा भी marks या overprinted हो।
  • एमआईसीआर तकनीकी की मदद से बैंकों में काम को तेजी और अधिक सटीकता के साथ किया जा सकता है।
  • इसके साथ एमआईसीआर सिस्टम बहुत हाई लेवल की सिक्योरिटी प्रदान करते हैं क्योंकि एमआईसीआर करैक्टर एक stringent format को फॉलो करते हैं जिसमें डॉक्यूमेंट को forge करना बहुत ही कठिन होता है
  • आजकल जांच की संख्या बढ़ती जा रही है जिससे प्रसंस्करण मुश्किल हो रहा है लेकिन एमआईसीआर ने समय और पैसे दोनों की बचत की है।
  • एमआईसीआर में error rate बहुत कम होती है। MICR scanners बहुत ही precisely और accurately characters को decipher करते हैं जिससे बहुत ही कम गलतियां होती है। 

 

MICR Code के नुकसान (Disadvantages of MICR Code in Hindi) –

  • एमआईसीआर पद्धति के लिए डाटा तैयार करने में अधिक समय लगता है।
  • एमआईसीआर करैक्टर font का ANSI requirements के अनुरूप होना बहुत आवश्यक है। एमआईसीआर font जो कि इन स्टैंडर्ड में खरा नहीं उतरता उन्हें यह रिजेक्ट कर देते हैं।
  • एमआईसीआर बहुत महंगे होते हैं।
  • एमआईसीआर रीडर सिर्फ किसी विशेष प्रकार की ink और font को ही पहचान पाते हैं। 

 

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

हमने आपको इस आर्टिकल में MICR Code के बारे में बताया है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसका कागजी दस्तावेज की वैधता तथा मौलिकता को  सत्यापित करने के लिए उपयोग किया जाता है। MICR Code क्या है? को सरल भाषा में समझाने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा।

 

FAQ – MICR Code in Hindi

 

Q.1 MICR का पूरा नाम क्या है?

Ans. MICR का पूरा नाम Magnetic Ink Character Recognition है।

Q.2 MICR की शुरुवात कब से हुई थी?

Ans. भारत में MICR Code की technology को सन 1980 में इस्तेमाल में लाया गया और इसी साल इस unique system को cheque clearing system में कार्यरत किया गया।

Q.3 MICR का उपयोग कहाँ पर किया जाता है?

Ans. MICR का ज्यादातर उपयोग बैंकों में किया जाता है।

Q.4 MICR कितने डिजिट का नंबर होता है?

Ans. यह 9 डिजिट का नंबर होता है।

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