हेल्लो दोस्तों कैसे है आप सभी आज हम आपको डीबीएमएस का वर्गीकरण – Classification of DBMS in Hindi के बारें में विस्तार से बताने वाले है अगर आपको DBMS के वर्गीकरण को सरल भाषा में और विस्तार से समझना है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े…
डीबीएमएस का वर्गीकरण – Classification of DBMS in Hindi –
DBMS को निम्न आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
डेटा मॉडल के आधार पर –
- Relational Model
- Hierarchical model
- Network Model
- Object oriented model
- Object relational Model
यूजर के नंबर के आधार पर –
- Single User
- Multi User
- Centralized User
- Distributed User
डीबीएमएस का डेटा मॉडल के आधार पर वर्गीकरण – Classification of DBMS based on data model –
डीबीएमएस का डेटा मॉडल के आधार पर विस्तार से वर्णन किया गया है –
रिलेशनल मॉडल – Relational Model –
सन 1970 में EF code ने रिलेशनल मॉडल को develop किया था। पहली बार रिलेशनल मॉडल का यूज़ IBM कंपनी द्वारा database किया गया था।
टेबल में डेटा स्टोर करना रिलेशनल मॉडल में ही आता है। और टेबल में बहुत से रो और कॉलम होते है जिसमे यूजर डेटा स्टोर कर सकता है और यूजर के लिए इस मॉडल को समझना भी काफी आसान होता है।
पदानुक्रमित मॉडल – Hierarchical Model –
एक पेड़ जैसी सरंचना होती है हिएरार्चिकल मॉडल में जिसमे डेटा स्टोर किया जाता है। इसे विकसित करने वाली कंपनी IBM है जिसने 1968 में इसे विकसित किया था। पेड़ की शाखाओ की तरह इसमें भी डेटा स्टोर इस प्रकार के stracture में ही होता है निचे दिए गए चित्र में देख सकते है।
नेटवर्क मॉडल – Network Model –
हार्डवेयर और सॉफ्टवेर के जरिये डेटा को संगठित किया जाता है ये नेटवर्क मॉडल में ही होता है। नेटवर्क की तरह डाटा को इस मॉडल में आर्गेनाइज किया जाता है।
चार्ल्स बचमैन ने नेटवर्क मॉडल का अविष्कार 1969 में किया था।
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड मॉडल – Object Oriented Model –
Data को ऑब्जेक्ट के रूप में store किया जाता है वही ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड मॉडल होता है। 1980 में इसे विकसित किया गया था।
क्लास और ऑब्जेक्ट से मिलकर यह मॉडल बना होता है और इसे बनाने के लिए java, python, C++ जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का यूज़ हुआ था।
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ऑब्जेक्ट रिलेशन मॉडल – Object Relational Model –
रिलेशनल और ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड मॉडल दोनों के मिलने के बाद ऑब्जेक्ट रिलेशन मॉडल बनता है ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड और रिलेशनल दोनों मॉडल के गुण इसमें शामिल होते है। इसमें डेटा को ऑब्जेक्ट और टेबल दोनों ही रूप में संग्रहित किया जा सकता है।
यूजर के नंबर के आधार पर वर्गीकरण – Classification based on number of users –
डीबीएमएस का यूजर के नंबर के आधार पर विस्तार से वर्णन किया गया है –
सिंगल यूजर – Single User –
सिंगल यूजर डीबीएमएस का उपयोग only एक यूजर द्वारा ही किया जा सकता है। पर्सनल डेटा को संग्रहित करने के लिए इसका यूज किया जाता है।
मल्टी यूजर – Multi User –
मल्टी यूजर डीबीएमएस का इस्तेमाल बहुत से यूजर एक साथ एक ही समय में कर सकते है और इसमें हर user का अपना अलग id और password होता है।
सेंट्रलाइज्ड यूजर – Centralized User –
Centralized user ऐसा DBMS होता है जिसमे एक सेंटर सर्वर के साथ सभी यूजर एक साथ जुड़े होते है। इसमें सारे यूजर एक डेटाबेस का इस्तेमाल करते है और इसे मैनेज करते है।
इस dbms में एक सेंटर डेटा store management होता है जिससे डेटा को organize करना और डेटा को मैनेज करना आसान हो जाता है।
डिस्ट्रिब्यूटेड यूजर – Distributed User –
यूजर को अलग-अलग जगहों से डाटा को access और manage करने की अनुमति देने वाला DBMS distributed user है
निष्कर्ष – Conclusion –
इस आर्टिकल में हमने Classification of DBMS in Hindi के बारे में बताया है जिसमे हमने आपको डेटा मॉडल के आधार पर और यूजर के नंबर के आधार पर वर्गीकरण विस्तार से और आसान भाषा में समझाया है।
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