Floppy Disk क्या है – Floppy Disk के प्रकार, Floppy Disk के Parts | What is Floppy Disk in Hindi

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आज इस आर्टिकल में Floppy Disk के बारे में जानेंगे। फ्लॉपी डिस्क डाटा स्टोरेज डिवाइस होता है। यह एक Hardware Device है। जिसका उपयोग कंप्यूटर का डाटा स्टोरेज करने के लिए किया जाता है।

Floppy Disk क्या है
Floppy Disk क्या है

फ्लॉपी डिस्क से संबंधित सभी जानकारि आपको इस आर्टिकल में मिलेगी। फ्लॉपी डिस्क के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें 

 

Floppy Disk क्या है – What is Floppy Disk in Hindi 

Floppy Disk डाटा स्टोरेज डिवाइस होता है। यह एक Hardware Device है। जिसका उपयोग कंप्यूटर का डाटा स्टोरेज करने के लिए किया जाता है यह एक Magnetic Disk होता है तथा अन्य Hard Disk के मुकाबले फ्लॉपी डिस्क Portable होता है जिसे एक जगह से दूसरे जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। क्योंकि इन्हे कंप्यूटर के Disk ड्राइव से आसानी से Remove किया जाता है।  

फ्लॉपी डिस्क यह जो Disk ड्राइव में लगे होते है। उन्हें फ्लॉपी डिस्क के नाम से जाना जाता है। आपका यह जानना जरूरी है कि फ्लॉपी डिस्क को access करते हुए समय अधिक लगता है साथ ही इनकी स्टोरेज कैपेसिटी भी काफी कम होती है। लेकिन फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल करने का मुख्य फायदा यह है कि यह सस्ते होते हैं। तथा सबसे महत्वपूर्ण है कि यह पोर्टेबल होते हैं। 

वर्तमान समय में फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल कम हो रहा है। क्योंकि यह Hardware Storage का पहला प्रकार है जिसे कंप्यूटर के डाटा को करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। फ्लॉपी डिस्क का प्रचलन अब खत्म हो चुका है तथा इसका USB एवं network फाइल ट्रांसफर ने ले लिया है।

 

Floppy Disk के प्रकार (Type of  Floppy Disk in Hindi) – 

8 inch Floppy Disk –

पहले  Floppy Disk IBM द्वारा 1960 के आखिर में डिजाइन की गई थी तथा फिर 1970 में पहले Read-Only फोर्मेंट की तरह तथा Read-Write फोर्मेंट कि तरह उपयोग कि गया थी विशिष्ट Desktop/Laptop, Computer 8 इंच फ्लॉपी डिस्क उपयोग नहीं कर सकते इसकी शुरुआती की क्षमता 100 Bytes (100000 कैरेक्टर) थी। 

 

5.25 inch Floppy Disk (Mini Floppy) –

इस फ्लॉपी डिस्क में मैग्नेटिक सर्फेस एक पतली विनायेक जैसकेट ढकी जाती है इसे Common size की PCs के लिए बनाया गया था सन 1987 से पहले और इसे 8-inch Floppy Disk का Predecessor भी कहा जाता है।

5.25 इंच स्टोरेज क्षमता Storage Capacity of Floppy Disk यह सिगल साइज या डबल साइज दोनों हो सकती है। यह घनत्व रिकॉर्ड करती है यह दो प्रकार की होती है –

  • DSDD (Double Sided Double Density) – 360 KB
  • DSHD (DoubleSided High Density) – 1.2 MB

 

3 ½ inch Floppy Disk

इस Floppy की Size बहुत ही छोटी होती है क्योंकि उन्हें आसानी से एक rigid envelope भी किया जा सकता है इसके छोटे Size के बावजूद, microfloppies की बहुत ज्यादा स्टोरेज Capacity होती है, पहले प्रकार के मुकाबले –  400K से 1.4MB की Data।

इसमें most Common Sizes की PCs थे 720K और 1.44 .Macintoshes Support करता था Disks जिनका Size होता है 400K, 800K, और 1.2MB .   

 

Floppy Disk का इतिहास (History of Floppy Disk in Hindi) – 

फ्लॉपी डिस्क ड्राइव का आविष्कार 1967 में Alan Sugar ने IBM मैं किया था इसका आकार 8 इंच का था यह पहले प्रकार का Hardware स्टोरेज डिवाइस था जो की पोर्टेबल था अर्थात इसमें स्टोर डाटा का Read And Writ कर सकते थे।

यह Floppy Disk केवल 80 KB डाटा ही स्टोर करने में सक्षम थी जब इस Disk का आकार 8 इंच था तो इसे Diskette करते थे फ्लॉपी डिस्क के अगले Version में इसका आकार 5.25 इंच हो गया था और यह 800 KB डाटा स्टोर करने में सक्षम था इसलिए इसे Disk कहा गया था। 

1970 की शुरुआत में फ्लॉपी डिस्क का बहुत अधिक इस्तेमाल होने लगा पहले इसका उपयोग केवल डेटा को Read  करने के लिए होता था लेकिन बाद में इसे Read And Write के लिए डिजाइन किया गया। 

3.25 इंच की  Floppy Disk का इस्तेमाल सबसे पहले IBM ने 1981 में अपने पर्सनल कंप्यूटर था बाद में 3.5 इसके फ्लॉपी डिस्क भी बनाने लगी जिसकी स्टोरेज क्षमता 1.44 MB थी लेकिन 1990 के समय पर 5.25 इंच की फ्लॉपी डिस्क ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी।

 

Floppy Disk के Parts (Parts of Floppy Disk in Hindi) – 

Floppy Disk को कई पार्ट को मिलाकर बनाया जाता है जिसका कार्य अलग-अलग होता है। चलिए जानते है फ्लॉपी डिस्क के पार्ट के बारे में –

  • प्लास्टिक जैकेट 
  • इंडेक्ड हॉल 
  • शटर
  • प्रोजेक्ट नोच 
  • रीड/राइट विंडो
  • हब रिंग

 

Floppy Disk के फायदे (Advantages of Floppy Disk in Hindi) –

यहाँ आपको फ्लॉपी डिस्क के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया गया है जो निम्नलिखित है – 

  1. फ्लॉपी डिस्क का साइज काफी छोटा होता है जिसके जल्दी से कैरी करना काफी आसान होता है इसका साइज आम CD के कॉन्पेक्ट की तुलना में भी कम होता है। 
  2. फ्लॉपी डिस्क के बाहर की परत में प्लास्टिक का एक केसिंग होता है जिसके चलते यह ज्यादा सुरक्षित होता है और इसमें स्केच आदि की संभावना नहीं होती है।
  3. यह Boot करने के मे काफी मदद करता है और सिस्टम को troubleshoot और errors चेक जैसे टास्क को कंप्लीट करता है।
  4. फ्लॉपी डिस्क किसी भी प्रकार के कंप्यूटर में सपोर्ट करता है जब पहले के कंप्यूटर में DVD और CD नहीं आता था उसमें भी यह आसानी से उन कंप्यूटर में इस्तेमाल किया जाता था। 
  5. इसमें डाटा को अच्छे तरीके से access किया जा सकता है तथा यह कम साइज वाले फाइल में ट्रांसफर के लिए अच्छा होता है।

 

Floppy Disk के नुकसान (Disadvantages of Floppy Disk in Hindi) –   

फ्लॉपी डिस्क के कुछ नुकसान है जिसके बारे में आप सभी को निम्नलिखित में बताया गया है –

  1. इसका स्टोरेज कैपेसिटी बहुत कम होती है। 
  2. इसका access टाइप कम होता है। 
  3. यह ज्यादा हिट के कारण खराब हो सकता है। 
  4. इसके खराब होने की संभावना काफी अधिक होती है। 

 

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को Floppy Disk के बारे में विस्तार से बताया गया। आप सब ने फ्लॉपी डिस्क से संबंधित सभी जानकारी इस आर्टिकल में पढ़ ली होगी। 

मुझे उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा और आशा करता हूं इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप फ्लॉपी डिस्क से जुडे सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें। धन्यवाद !

 

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