Printer क्या है – Printer के प्रकार, उपयोग | Printer in Hindi

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हेल्लो दोस्तों इस आर्टिकल में आप Printer के बारे में जानेंगे। Printer क्या है?, Printer के प्रकार, Printer के उपयोग और Printer को कनेक्ट कैसे करे के बारे में जानेंगे। प्रिंटर कंप्यूटर संबंधित उपकरण है जो आमतौर पर कंप्यूटर से कनेक्ट करके इस्तेमाल किया जाता है। प्रिंटर एक ऐसा आउटपुट उपकरण है जिसका इस्तेमाल आउटपुट को पेपर पर छापने के लिए किया जाता है। प्रिंटर द्वारा किए गए आउटपुट प्रिंट को प्रिंट आउट कहते है। 

Printer क्या है
Printer क्या है

प्रिंटर कंप्यूटर सिस्टम से टेक्स्ट और ग्राफिक्स के रूप में आउटपुट स्वीकार करता है और प्राप्त जानकारी को शीट और पेपर में ट्रांसफर करता है। प्रिंटर की खास बात है कि यह किसी भी प्रकार की जानकारी को आसानी से प्रिंट कर सकता है।

 

Printer क्या है? (What is Printer in Hindi) –

Printer एक कंप्यूटर hardware डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर में संग्रहित सूचना को पेपर पर छापने के लिए किया जाता है। यह कंप्यूटर में स्टोर किसी भी फोटो, टेक्स्ट और डॉक्यूमेंट को प्रिंट कर सकता है। यह डिवाइस कंप्यूटर से अलग होता और कंप्यूटर के साथ नहीं आता है बल्कि से अलग से खरीदना पड़ता है। प्रिंटर के न होने से कंप्यूटर को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन कंप्यूटर से हार्ड कॉपी निकालने के लिए प्रिंटर की आवश्यकता होती है।

प्रिंटर कंप्यूटर के पेरीफेरल डिवाइस में से एक है। 2D प्रिंटर का प्रयोग पेपर पर टेक्स्ट और ग्राफिक्स बनाने के लिए किया जाता है वही 3D प्रिंटर का प्रयोग 3D डीमेंशनल फिजिकल ऑब्जेक्ट बनाने के लिए किया जाता है।

प्रिंटर को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए विभिन्न इंटरफ़ेस वाले केबल प्रयोग में लाए जाते हैं जैसे कि ethernet port, फायरवायर पोर्ट, USB पोर्ट, सीरियल, वायरलेस और ब्लूटूथ भी शामिल है। वर्तमान समय में USB Port वाले प्रिंटर अधिक प्रयोग किए जाते हैं।

“ प्रिंटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका उपयोग डिजिटल सूचना को कागज पर छापने के लिए किया जाता है। यह कंप्यूटर का बाहरी आउटपुट डिवाइस होता है जो कंप्यूटर में सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी में परिवर्तित करने का काम करता है। ” 

 प्रिंटर काले और सफेद कलर के अलावा अन्य कलर में भी प्रिंटर करते है। प्रिंटर का रेसोलुशन DPI (Dots Per Inch) में मापा जाता है। 

 

Printer के प्रकार (Types of Printer in Hindi) –

प्रिंटर को इसके Printing Method के आधार पर दो वर्गों में वर्गीकृत कर सकते है, जो इस प्रकार है –

  • Impact Printer
  • Non-Impact Printer
Printer के प्रकार
Printer के प्रकार

 

Impact Printer –

इंपैक्ट प्रिंटर के द्वारा पेपर पर प्रिंटिंग करने के लिए ink ribbon का प्रयोग होता है। इस तरह के प्रिंटर में छोटे-छोटे  पिन या print head होता है, जिस पर अक्षर बना होता है। यह ink ribbon के साथ पेपर से संपर्क कराया जाता है जिसके बाद अक्षर पेपर पर अपना छाप छोड़ देते हैं और इसी तरह पेपर पर Printing होता है। इंपैक्ट प्रिंटर एक बार में सिर्फ एक character या Line को प्रिंट कर सकता है। इंपैक्ट प्रिंटर के प्रकार –

  • Dot Matrix Printer
  • Daisy Wheel Printer
  • Line Printer 

 

Dot Matrix Printer –

डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को पेन प्रिंटर के नाम से भी जाना जाता है। इसमें छोटे-छोटे पिन की पंक्ति होती है। यह पिन रिबन पर प्रहार करता है। जब यह पिन रिबन पर प्रहार करते हैं तब dots का समूह मैट्रिक्स के रूप में पेपर पर पड़ता है तब पेपर पर प्रिंटिंग होती है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक धीमी गति का प्रिंटर है जो एक बार में सिर्फ एक ही character को प्रिंट कर सकता है। 

Daisy Wheel Printer –

डेज़ी व्हील प्रिंटर से प्रिंटिंग के लिए प्लास्टिक के पहिए का उपयोग किया जाता है। इस प्रिंटर के पहिए के प्रत्येक पंखुड़ी पर अक्षर उभरा हुआ होता है। प्रिंटर में एक मोटर भी लगा होता है जो पहिए को तीव्र गति से घुमाने का कार्य करता है। जब सही अक्षर पेपर के सही स्थिति में आता है तब hammer या print head के द्वारा प्रहार होता है जिसके फलस्वरूप अक्षर पेपर पर छप जाता है। इसकी स्पीड 10 से 75 character per second तक होती है। 

Line Printer –

लाइन प्रिंटर एक तरह का इंपैक्ट प्रिंटर है जिसकी गति LPM (Line Per Minute) में मापी जाती है। इन प्रिंटर की क्षमता लगभग 400 से 6000 LPM तक होती है। इनका इस्तेमाल ज्यादातर औद्योगिक क्षेत्र और डाटा सेक्टर में किया जाता है।

लाइन प्रिंटर के प्रकार –

  • Drum Printer 
  • Chain Printer 
  • Band Printer 

 

Drum Printer –

ड्रम प्रिंटर में बेलनाकार ड्रम लगा होता है। इस ड्रम पर विभिन्न अक्षर उभरे हुए होते है। यह एक लाइन प्रिंटर है जो एक समय में पूर्ण पंक्ति छाप सकता है। इसकी प्रिंटिंग स्पीड 300 से 2000 LPM तक होती है।

Chain Printer –

इस प्रिंटर में तीव्र गति से घूमने वाली चैन लगी होता है। चैन के हर एक जोड़ पर विभिन्न अक्षर उभरे होते हैं। जब चैन घूमते हुए सही अक्षर को निश्चित स्थान तक पहुंचा देता है तब प्रिंटर का Print Hammer से प्रहार किया जाता है, जिसके कारण अक्षर पेपर पर अपना छाप छोड़ देता है क्योंकि पेपर Hammer और ink ribbon के बीच होता है। 

Band Printer –

Band प्रिंटर में स्टील का एक पट्टा लगा रहता है जिस पर विभिन्न अक्षर उभरे हुए होते हैं। यह एक लाइन प्रिंटर है जो chain प्रिंटर के समान कार्य करता है। Band प्रिंटर में एक समय में पूरी पंक्ति प्रिंट होती है।

 

Non-Impact Printer –

वह प्रिंटर जिसमें प्रिंटिंग के लिए ink ribbon पेपर के ऊपर प्रहार नहीं करता है वह Non-Impact प्रिंटर कहलाता है। इसमें प्रिंटिंग के लिए किसी spray या इलेक्ट्रॉनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है। नॉन इंपैक्ट प्रिंटर उच्च गुणवत्ता वाले अक्षर या ग्राफिक्स को प्रिंट कर सकते हैं। 

Non-Impact Printer के प्रकार निम्न है –

Laser Printer –

लेज़र प्रिंटर पेपर पर टेक्स्ट या इमेज को प्रिंट करने के लिए लेजर और नॉन इंपैक्ट फोटोकॉपिर टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है। जब कभी भी किसी डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए इनपुट प्रदान किया जाता है तब लेजर बीम इलेक्ट्रिक चार्ज की मदद से selenium coated drum पर डॉक्यूमेंट को बनाते हैं।

यह प्रिंटर आजकल सर्वाधिक लोकप्रिय क्योंकि यह प्रिंटर high quality characters और graphics तेजी से छापने में सक्षम होता है। इसमें प्रिंट करने की स्पीड को PPM (Page Per Minutes)  में मापा जाता है। एक लेजर प्रिंटर 30 से 40  पेज एक मिनट में छाप सकता है। 

Inkjet Printer –

इंकजेट प्रिंटर का उपयोग सामान्य और बिजनेस कंप्यूटर यूजर के द्वारा अधिकृत किया जाता है। यह पेपर पर मैग्नेटिक प्लेट्स का उपयोग करके इंक का छिड़काव करता है जिससे करैक्टर को प्रिंट करते हैं। इसमें एक पेपर फीड असेंबली, इंक कार्टेज, प्रिंट हेड, स्टेबलाइजर बार और बेल्ट का उपयोग होता है। यह इंक को इंक कार्टेज में स्टोर करता है और कई प्रकार के कलरफुल डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए प्रिंटर अलग इंक कार्टेज का उपयोग करता है। 

Thermal Printer –

थर्मल प्रिंटर में ऐसी तकनीकी का इस्तेमाल होता है जो Wax आधारित Ribbon के जरिए अक्षर प्रिंट किया जाता है। इस प्रिंटर में किया गया प्रिंट ज्यादा देर तक नहीं रहता है कुछ समय बाद खुद-ब-खुद प्रिंट मिट जाता है। इस तरह की प्रिंटिंग मशीन का इस्तेमाल ATM या अन्य Receipt बनाने के लिए होता है। 

Multifunction Printer –

ऐसा प्रिंटर जिसके जरिए किसी डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के अलावा scan और fax करने की सुविधा होती है Multifunction प्रिंटर कहलाता है। यह एक ऐसा डिवाइस होता है जिसके द्वारा कई डिवाइस के कार्य किए जा  सकते हैं। इस तरह के प्रिंटर में लेजर या इंकजेट तकनीक का प्रयोग होता है इसे ऑल इन वन प्रिंटर भी कहते हैं। 

3D Printer –

3D प्रिंटर quality resin का यूज करके 3D ऑब्जेक्ट और आइटम्स का निर्माण करता है। 3D प्रिंटर का उपयोग कुछ एप्लीकेशन में किया जाता है जैसे – एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, इनफॉरमेशन सिस्टम ,डेंटिस्ट्री। 

LED Printer –

LED प्रिंटर जो अधिकतर लेजर प्रिंटर की तरह होते हैं। LED Printer काले और कलरफुल डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए ड्रम, इंक, फुसर सिस्टम का उपयोग करते हैं।

Solid Ink Printer –

सॉलि़ड इंक प्रिंटर एक नई प्रकार की इंक टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है। इंकजेट प्रिंटर में इंक को पेपर पर प्रवाहित किया जाता है जबकि सॉलि़ड इंक प्रिंटर में इंक को ड्रम पर प्रवाहित किया जाता है। 

Photo Printer –

फोटो प्रिंटर एक रंगीन प्रिंटर है जो लेब की quality फोटो पेपर छापते हैं। इसका उपयोग डाक्यूमेंट्स प्रिंट करने के लिए किया जाता है। कुछ फोटो प्रिंटर में media card reader भी होता है। 

 

Printer के उपयोग (Use of Printer in Hindi) –

  • प्रिंटर का सबसे पहला उपयोग टेक्स्ट को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। प्रिंटर किसी भी प्रकार के फॉन्ट टेक्स्ट को प्रिंट करने में सक्षम होते है।
  • प्रिंटर में आप किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट फाइल को प्रिंट कर सकते हैं जैसे कि .docx, pdf, html आदि।
  • प्रिंटर की सहायता से आप किसी भी प्रकार के डायग्राम और इमेज को प्रिंट कर सकते है।
  • प्रिंटर का उपयोग ग्राफिक्स और बैनर को प्रिंट करने में भी किया जाता है।
  • आज के समय में ऑल इन वन प्रिंटर भी आ गई है जिसमें स्कैनर का भी गुण होता है। इस तरह के प्रिंटर का उपयोग स्कैनिंग और प्रिंटिंग दोनों कार्यों के लिए होता है।

 

Printer को कनेक्ट कैसे करे? (How to Connect Printer) –

प्रिंटर को अपने होस्ट डिवाइस यानी कंप्यूटर से कई प्रकार से कनेक्ट कर सकते हैं। कंप्यूटर से प्रिंटर को केबल के द्वारा आसानी से कनेक्ट किया जा सकता है लेकिन इसके अलावा भी कई प्रकार के कनेक्शन स्थापित किए जा सकते है। कुछ कनेक्शन निम्न है –

  • USB Cable
  • Parallel Port
  • Serial Port
  • Wi-Fi
  • Cloud
  • Bluetooth

 

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

आज हमने प्रिंटर क्या है? के बारे में जाना है जिसमे हमने प्रिंटर के प्रकार, प्रिंटर के उपयोग और प्रिंटर को कनेक्ट कैसे करे के बारे में विस्तार से बताया है। हमने आपको प्रिंटर के बारे में step by step विस्तार से बताया है। अगर आपका प्रिंटर से सम्बन्धित कोई question हो तो आप comment के जरिए इसके बारे में हमसे पूछ सकते है।

प्रिंटर कंप्यूटर सिस्टम से टेक्स्ट और ग्राफिक्स के रूप में आउटपुट स्वीकार करता है और प्राप्त जानकारी को शीट और पेपर में ट्रांसफर करता है। अगर आपको यह आर्टिकल ज्ञानवर्धक लगा और कुछ जानने या सिखने को मिला हो तो इसे अपने Friends और Social Media पर जरुर शेयर कर ताकि लोगो को भी इसके बारे में जानकारी प्राप्त हो सके। धन्यवाद !

 

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