आज हम जानेगे की Network क्या हैं?, नेटवर्क के प्रकार, नेटवर्क डिवाइस, नेटवर्क का इतिहास, नेटवर्क और इंटरनेट में अंतर और साथ में जानेगे की नेटवर्क के उपयोग के बारे में। सामान्य शब्दों में कहें तो Digitally रूप से हम जो भी कार्य करने में संभव हो पाते है वह नेटवर्क की सहायता से पूर्ण होते है।
Internet को एक सबसे बड़े नेटवर्क के रूप में देखा जाता है क्योंकि इस नेटवर्क के माध्यम से पूरी दुनिया आपस में जुड़ी रहती है। हमने इस आर्टिकल में नेटवर्क के बारे में विस्तार से बताया है तो इसे आगे भी पढ़े …
Network क्या है – What is Network in Hindi –
जब दो या दो से ज्यादा computer device किसी माध्यम ( Wire ,Wireless ) के जरिए एक दुसरे से कनेक्ट होता है तो उसे नेटवर्क कहा जाता है। जब वे सभी computing device आपस में अपने resources ,data, applications इत्यादि को एक दुसरे के साथ share करते है उसे Networking कहा जाता है।
एक नेटवर्क का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है Internet जहा लाखों लोग आपस में जुड़े रहते है और data share करते है। नेटवर्क से जुड़े हुए प्रत्येक डिवाइस (computer) को नोड (Node) कहते है और जो कंप्यूटर नेटवर्क के लिए संसाधन (Resources) मुहैया कराता है उसे सर्वर (Server) कहते है। नेटवर्क का कार्य किसी computer ,server और नेटवर्किंग डिवाइस को डेटा शेयर करने की अनुमति प्रदान करना है।
नेटवर्क और इंटरनेट में अंतर (Difference Between Network and Internet in Hindi) –
Network –
जब बहुत सारे computing device किसी माध्यम (Wire ,Wireless) के जरिए एक दुसरे से connected होते है तो उसे Network कहा जाता है।
Internet –
बहुत सारे नेटवर्क को जब एक साथ जोड़ दिया जाता है तब जो large नेटवर्क बनता है उस large नेटवर्क को Internet कहा जाता है हम आज जो use कर रहे वह internet है।
नेटवर्क का इतिहास (History of Network in Hindi) –
- सर्वप्रथम नेटवर्क की शुरुआत America में हुई थी। 1962 में M.I.T. & ARPA के एक scientist उसका नाम है J.C.R. Licklider उसने इस समस्या के समाधान का प्रस्ताव दिया उसने बोला डाटा को send करने के लिए हम Computer का इस्तेमाल कर सकते है और कंप्यूटर “galactic network” के जरिए एक दुसरे से बात कर सकते है।
- इस galactic नेटवर्क को अपनाते हुए America अपने सभी महत्वपूर्ण केन्द्रों (Military, Parliament etc.) के computer को underground wire के जरिए कनेक्ट किया और इसी तरह एक नेटवर्क create हुआ और इस नेटवर्क को ARPANET (Advanced Research Projects Agency Network) नाम दिया गया।
- इस नेटवर्क की मदद से एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में डाटा ट्रांसफर possible हुआ। इस तरह पूरी दुनिया में यह प्रथम नेटवर्क developed हुआ।
- ARPANET उस समय में काफी भरोसेमंद था क्योकि ये Packet Switching तकनीक का इस्तेमाल करते थे ARPANET को अमेरिका के Defense विभाग में इस्तेमाल होने लगा जिससे गोपनीय खत को भेजा जा सके। ये आज दुनिया का सबसे बड़ा Network बन चूका है जिसको हम Internet कहते है।
Network के प्रकार (Types of Network in Hindi) –
एक नेटवर्क में बहुत सारे तत्त्व शामिल होते है और प्रत्येक नेटवर्क की बनावट, क्षमता, कार्यशेली भिन्न होती है इसलिए नेटवर्क को कई प्रकार में बांटा गया है –
- LAN (Local Area Network)
- MAN (Metropolitan Area Network)
- WAN (Wide Area Network)
- PAN (Personal Area Network)
- CAN (Campus Area Network)
- SAN (Storage Area Network)
- HAN (Home Area Network)
LAN (Local Area Network) –
Local Area Network आपको हर जगह मिलेगा जैसे Office, College, School, Business Organization, Resource Sharing, Data Storage, Document Printing के लिए इस Network का इस्तेमाल किया जाता है। इसको बनाने के लिए कुछ ज्यादा हार्डवेयर की जरूरत नही पड़ती। Hub, Switch, Network, Adopter, Router और Ethernet cable की जरूरत पड़ती है।
सबसे छोटा LAN केवल दो Computer को Connect से बन सकता है। एक LAN में हम 1000 Computer को आपस में जोड़ सकते है। ज्यादातर LAN को wire connection में उपयोग किया जाता है, लेकिन आजकल ये wireless में भी इस्तेमाल हो रहा है। सामान्यतः घरो में Wi-Fi कनेक्शन लगाने के लिए इस नेटवर्क का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के नेटवर्क को किसी घर या किसी एक बिल्डिंग में आसानी से लागू किया जा सकता है, इसमें डाटा ट्रान्सफर करने की गति अन्य नेटवर्क की तुलना में तीव्र होती है।
MAN (Metropolitan Area Network) –
पुरे शहर को जोड़ने वाला Network है इस नेटवर्क में अलग-अलग Local Area Network को जोड़ कर MAN बनती है और उन सभी LAN क telephone exchange line के जरिए MAN के साथ जोड़ा जाता है। यह नेटवर्क एक से ज्यादा PAN, LAN आदि नेटवर्को से मिलकर बना होता है। MAN 10km से 100km तक cover करता है इसकी फ़ॉल्ट टॉलरेस की आशंका भी कम होती है।
इसका उपयोग सामान्यतः ISP (Internet Service Provider) के रूप में किया जाता है। इस प्रकार के नेटवर्क का उपयोग मुख्य रूप से बड़े क्षेत्र और high speed internet के लिए किया जाता है।
WAN (Wide Area Network) –
LAN और MAN के बाद जो Network आता है वही नेटवर्क है Wide Area Network वैसे तो ये सबसे बड़ा नेटवर्क है जो की पुरे globe के coputers को connect करके रखता है। इस WAN के जरिए एक country को दुसरे country से जोड़ा जाता है। इस नेटवर्क की खासियत है इसमें data रेट कम है, लेकिन ज्यादा Distance Cover करता है। Wide Area Network का सबसे अच्छा उदाहरण Internet है।
WAN के साथ connected होने वाले कंप्यूटर ज्यादातर public network का इस्तेमाल करते है। इस नेटवर्क में बहुत सारी तकनीक, प्रोटोकॉल (TCP/IP, ATM, MPLS) का इस्तेमाल होता है। इसमें अन्य छोटे नेटवर्को को जोड़ने के लिए मध्यस्थो ISPs की जरूरत पड़ती है इसलिए यह नेटवर्क अन्य सभी नेटवर्को की तुलना में बहुत महगा होता है।
PAN (Personal Area Network) –
यह वह नेटवर्क होता है जिसमे व्यक्ति अपना खुद का नेटवर्क बना कर किसी अन्य उपकरण को इंटरनेट प्रदान करने का कार्य करता है जैसे आप मोबाइल में Hotspot, USB Tethering, Bluetooth Tethering आदि के माध्यम से अन्य उपकरणों को इंटरनेट सुविधा प्रदान करते है, तो उन सिस्टम में आपका PAN नेटवर्क कार्य करता है।
PAN में एक या एक से अधिक कंप्यूटर रहते हैं इसके साथ – साथ टेलीफोन, वीडियो गेम कुछ और डिवाइस जुड़े रहते हैं।सामान्यतः इस प्रकार के नेटवर्क का उपयोग 10 मीटर से 30 फीट के अंदर किया जा सकता है।
CAN (Campus Area Network) –
जब दो या दो से अधिक लोकल एरिया नेटवर्क एक साथ युक्त होकर एक छोटे से एरिया को कवर करते हैं तो उसे Campus Area Network कहा जाता है। यह नेटवर्क शैक्षिक तथा सैन्य संस्थाओं में अधिक इस्तेमाल होता है, इसका दायरा संस्था विशेष तक ही सीमित होता है इसलिए इसे कैम्पस नेटवर्क कहते हैं। एक कॉलेज के कैंपस में 4 या 5 छोटे-छोटे नेटवर्क होते हैं और उन नेटवर्क को एक दूसरे से कनेक्ट करने पर जो नेटवर्क बनता है उस नेटवर्क को Campus Area Network कहते हैं।
SAN (Storage Area Network) –
Storage Device को आपस में कनेक्ट करने के लिए जो network create किया जाता है उसको SAN कहा जाता है।यह एक High speed network है। इस नेटवर्क का इस्तेमाल server या data center पर किया जाता है। Basically इस SAN Network को बाहर के दूसरे LAN या WAN के ट्रैफिक से कोई लेना-देना नहीं रहता है। इसमें सिर्फ storage device ही कनेक्ट रहता है इसलिए इसका नाम Storage Area Network है।
HAN (Home Area Network) –
Home Area Network भी एक प्रकार का निजी नेटवर्क होता है। एक ही Residence में कुछ लोग अगर एक ही नेटवर्क को इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे हम Home Area Network बोल सकते हैं।इसमें आमतौर पे Wire से Internet Connection होता है, जो कि एक मॉडेम के साथ जुड़ा रहता है।
यह मॉडेम दोनों कनेक्शन मतलब Wire और Wireless provide करता है। घर के किसी कोने में बैठ के आप डॉक्यूमेंट का प्रिंट निकाल सकते हो, फोटो अपलोड और डाउनलोड भी कर सकते हो और ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग के साथ के साथ वीडियो स्ट्रीमिंग भी कर सकते हो। Wi-Fi भी एक Home Area Network है ।
नेटवर्क डिवाइस (Network Devices in Hindi) –
नेटवर्क डिवाइस वह होते हैं जो दो या दो से अधिक कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर एक ऐसे नेटवर्क का निर्माण करते हैं। जिनकी सहायता से वह आपस में एक दूसरे के साथ अपने अंदर मौजूद डाटा को एक दूसरे से शेयर कर पाते हैं। वर्तमान समय में ऐसे अनेकों उपकरण है जो इसे कार्य के लिए Networking Devices की भूमिका निभा रहे हैं। नेटवर्किंग डिवाइसों को हम निम्न भागों में विभाजित कर सकते हैं –
Internal Devices –
- Network Interface Card (NIC)
- Wireless Network Interface Controller
- Bluetooth Dongle
External Devices –
- Hub
- Switches
- Routers
- Brouters
- Bridges
- Repeater
- Modem
- Gateway
- Wi-Fi Router and Broadband Router
Portable Devices –
- Wi-Fi Hotspot
- Portable Modem Dongle
नेटवर्क का उपयोग (Uses of Network) –
- सामान्य शब्दों में कहे तो एक नेटवर्क का उपयोग सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने और दो या दो से अधिक कंप्यूटरों को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है।
- एक नेटवर्क का उपयोग Email, Video या Call Conferencing, Online Business,Home Application आदि कार्यो में किया जाता है।
- सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु इसका उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता है।इंटरनेट के माध्यम से आप जिन सूचनाओं को प्राप्त करते हैं वह सूचनाएं भी किसी न किसी नेटवर्क के माध्यम से ही आपको प्राप्त होती है।
- इसका उपयोग किसी डाटा को कंप्यूटर नेटवर्क में स्टोर करने के लिए भी किया जाता है। जिस कारण यह Storage Capacity को बढ़ाने का भी कार्य करता है।
- इसके माध्यम से किसी सूचना या किसी फाइल को तीव्र गति से दूसरे नेटवर्क में जोड़ा या भेजा जा सकता है। यह इंस्टेंट संदेश आदान-प्रदान जैसी सुविधा प्रदान करता है।
निष्कर्ष (Conclusion) –
दोस्तों आज आपने हमारे इस Article में नेटवर्क क्या है और इसके प्रकार के बारे में जाना है। आज Networking का ज्ञान हर किसी को होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि आज हम नेटवर्क से घिरे हुए हैं। हम आशा करते हैं की हमारा यह Article हमारी अन्य पोस्ट की तरह आपके लिए लाभदायक सिद्ध रहा हो। धन्यवाद !
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