हेल्लो दोस्तों आज हम Projector के बारे में जानेगे की Projector क्या है?, Projector कैसे काम करता है, Projector के उपयोग और Projector के प्रकार, Projector के भाग आदि के बारे में जानेगे। आजकल Projector का उपयोग आधुनिक तौर पर किया जाने लगा है।
Projector का उपयोग फिल्मो में या Business Meeting में अधिक उपयोग किया जाता है क्योकि Projector कोई भी video को बड़े रूप में प्रदर्शित करता है। तो चलिए Projector क्या है? के बारे में जानते है ….
Projector क्या है? (What is Projector in Hindi) –
आप लोगों ने कभी ना कभी प्रोजेक्टर को जरूर देखा होगा। अगर आप एक विधार्थी है तो स्कूल में आपने प्रोजेक्टर देखे होंगे या आप नौकरी करते हैं तो किसी Business Meeting में आपने प्रोजेक्टर को देखा होगा या मूवी हॉल में आपने प्रोजेक्टर को देखा होगा जो कि किसी भी इमेज या वीडियो को बड़े सफेद पर्दे या दीवार पर दिखाता है।
प्रोजेक्टर एक आउटपुट डिवाइस होता है जो Computer, डीवीडी प्लेयर या blu-ray प्लेयर से कनेक्ट होकर इससे उत्पन्न छवियों को इनपुट लेता है और उन्हें बड़ी स्क्रीन, दीवार या अन्य किसी फ्लैट सतह पर प्रोजेक्शन द्वारा बड़े आकार मैं पुनः पेश करता है।
यह बड़ी संख्या में लोगों को चित्र प्रदर्शित करता है। जब कोई Power Point प्रेजेटेशन या एंटरटेनमेंट वाली कंटेंट बहुत सारे दर्शक को प्रदर्शित करना होता है तब प्रोजेक्टर उपयोग में आता है।
Projector कैसे काम करता है? (How does Projector Work in Hindi) –
प्रोजेक्टर में लेंस लगे होते हैं जिसके जरिए इमेज को किसी समतल सतह या सफेद पर्दे पर प्रदर्शित किया जाता है जिसे प्रोजेक्शन स्क्रीन कहते हैं। इसमें एक High Intensity की लाइट छोटे-छोटे Pixels से होकर गुजरती है। प्रोजेक्टर में तीन टाइप का Display होता है Image को प्रोजेक्ट करने के लिए।
जिससे लाइट को तीन रंगों से होकर गुजरना पड़ता है। यह लाइट प्रिज्म में पड़ते ही रंगीन हो जाती है जिसके बाद Projector इसे स्क्रीन में प्रदर्शित करता है। अभी के नए प्रोजेक्टर में Laser Light द्वारा भी इमेज प्रोजेक्ट होता है लेकिन सभी प्रोजेक्ट की कार्यप्रणाली लगभग एक समान ही होती है।
Projector के उपयोग (Use of Projector in Hindi) –
- Business Meeting में एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन को प्रोजेक्ट करने के लिए।
- स्कूल की कक्षा में पढ़ाने के लिए एक कंप्यूटर स्क्रीन को प्रोजेक्ट करने के लिए।
- एक टीवी या कंप्यूटर को एक बड़ी स्क्रीन पर मूवी को प्रोजेक्ट करने के लिए।
- एक सम्मेलन केंद्र में एक प्रोडक्ट या सर्विस का डेमो दिखाने के लिए।
- अलग अपीयरेंस के लिए दीवार, घर या अन्य वस्तु को ट्रांसफॉर्म करने के लिए।
Projector के प्रकार (Types of Projector in Hindi) –
Projector कई प्रकार के होते है। इनमे कुछ Analog होते है और कुछ Digital जो कुछ इस प्रकार है –
- LCD Projector
- DLP Projector
- CRT Projector
LCD Projector –
LCD Projector में Light Source से एक तीर्व सफेद प्रकाश की किरण छोड़ती है। यह किरण Mirrors के एक ग्रुप से होकर गुजरती है। इस ग्रुप में दो Dichroic Mirror शामिल होते है जिन्हें एक विशेष फिल्म से लेपित किया जाता है। इसलिए ये लाइट को केवल एक विशेष Wavelength को ही Reflect करते हैं। यहां प्रिज्म के Principle को Apply किया जाता है।
प्रत्येक Dichroic Mirror एक Specified Wavelength को तोड़ता है। जब White Light Mirror से टकराती है तो प्रत्येक Mirror एक Colored Light को प्रोजेक्टर के जरिए Reflect करता है और फिर लाल, हरी और नीली लाइट Beams उत्पन्न होती है।
लाल, हरे और नीले रंग की तीन अलग-अलग प्रकाश की किरणें तीन अलग-अलग LCD Display से होकर गुजरती है। यह LCD Display बिल्कुल मोबाइल के डिस्प्ले की तरह होती है, लेकिन यह पारदर्शी होती है जिससे लाइट की किरणें आसानी से पास हो जाती है।
LCD प्रोजेक्टर के अंदर इन तीन रंगीन Versions को एक Dichroic Prism के जरिए पुनः सयोजित किया जाता है और एक Single Image बनाई जाती है।अब इस Image में तीन नहीं बल्कि लाखो रंग होते है। अंत में दृश्य के इस जीवंत, रंगीन Version को Projector lens के माध्यम से गुजारा जाता है और बड़ी Screen पर प्रदर्शित किया जाता है।
DLP Projector –
DLP Projectors एक नई तकनीक है जिसे Texas Instruments द्वारा सन 1987 में पहली बार विकसित किया गया। इस तकनीक की Digital Light Processing तकनीक कहा जाता है। इसमे एक Microchip का इस्तेमाल किया जाता है जिसमे 20 लाख के करीब Tiny tiny mirrors लगे होते है।
DMD (Digital Micromirror Device) Chip – पर लगे Mirrors off या On की स्थिति में झुके हुए होते है। प्रत्येक Mirror के झुकाव को एक Electronic Circuit के माध्यम से निर्धारित किया जाता है।
CRT Projector –
CRT का फुल फॉर्म “Cathode Ray Tube” होता है। यह सबसे ज्यादा बड़ा और ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रोजेक्टर होता है। आप लोगों में बहुतों ने इस प्रोजेक्ट को स्कूल में ऑडिटोरियम में या Bars में जरूर देखा होगा। CRT Utilizes करते है Three Tubes की, जिसे की “guns” भी कहा जाता है। ये तीन Colors Combine और Converge होकर Image बनाते है।
CRT में Fixed Number की Pixels नही होती है जो की उन्हें एक Versatile Machines बनाता है और जो Capable होते है। Clear Image बनाने के लिए Higher से Lower Resolution Sources में CRTS को चलाने के लिए Periodic Calibration की जरूरत होती है। एक Trained Professional की, जो की एक Additional expense होता है End User के लिए Projectors को Generally इनके Size के कारण ही Fixed Installations किया जाता है।
CRTS ज्यादा Bright नही होते है दुसरे Technologies के जैसे, लेकिन जो Refined Picture Quality एक Properly Calibrated CRT प्रदान करता है उसे Beat करना बहुत ही मुस्किल बात है। वही इसके Parts ज्यादा Costly, खास्कर वो guns को Replace करने में काफी पैसा खर्च करना पड़ता है।
कौनसा Projector अच्छा होता है खरीदने के लिए? –
वैसे तो Projector के कई Variety है खरीदने के लिए। लेकिन उसमे में भी कुछ अच्छे होते है ज्यादा Functions के साथ वही कुछ होते है जिनमे ज्यादा Features नही होते है। इसलिए नीचे मैने कुछ Best Projector की एक List बनायी है जिन्हे आप चाहे तो Online खरीद सकते है।
- JVC DLA-X 5900
- Sony VPL-VW300ES
- Optoma HD 39 Darbee Special Edition
- BenQ W1070+
- Optoma UHD65
Projector के भाग (Parts of Projector in Hindi) –
Lens –
यह Projector का महत्वपूर्ण भाग है, यही छवि को Screen पर Project करता है। कुछ Project में Telescope Type के Lens होते है, जिनमे Zoom करने की विशेषता होती है जिससे Projector को बिना आगे पीछे किये Projected छवि को बडा और किया जा सकता है।
Projection Lamp –
इसे Projector Bulb के रूप में समझ सकते है। एक लाइट Bulb दुसरे दर्पण के माध्यम से पूर्ण छवि को चमकाता है। तब लाइट प्रोजेक्टर लेंस से होकर गुजरता है। लेंस में घुमावदार कांच के कई टुकड़े हो सकते है। जो छवि को बड़ा करने का फ़ोक्स पर नियंत्रण करने के लिए मोड़ा जाता है।
Main Board –
Projector में एक PBC Board भी होता है। जिसे Main Board भी बोला जाता है। इस Board से सभी Projector Components आपस में जुड़े होते है।
Power Supply –
Projector को Power Supply करने के लिए एक छोटा सा Connectors होता है। जिसे Power Supply कहते है। इसी के जरिये Projector में Power Supply होता है। Power Supply भी Projector के Main Board से जुड़ा होता है। जिससे यह Projector के सभी Components तक Power Supply कर पाता है।
Cooling Fan –
Projector में एक Cooling Fan होता है। जो Projector को ठंडा करने के काम आता है। जब Projector चालू होता है। तब यह बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है। जिसके कारण प्रोजेक्टर बंद पड़ जाता है या खराब भी हो सकता है। इसीलिए Projector में Cooling Fan लगाया जाता है। ताकि Projector सही से लम्बे समय तक चल सके।
Speaker –
Projector में एक Speaker भी लगा होता है। जिससे आवाजे निकलती है। जब हम Projector से कोई Videos देखते है। तब छवि किसी सतह या पर्दा पर देखता है। जबकि आवाज Projector के Speaker से आता है। तेज आवाज के लिए अलग से Speaker भी लगा सकते है।
Port & Connectors (Interface) –
Projector में विभिन्न प्रकार के Ports और Connectors लगा होता है। Projector को Computer से कनेक्ट करने के लिए इन्ही में से किसी Connectors का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें HDMI और उस USB के लिए भी विकल्प दिया होता है।
Remote Receiver –
आजकल के projector Remote Control के साथ आने लगे है। इस तरह के Projector को Remote से Control किया जाता है। ऐसे Projector में एक Remote Receiver भी लगा होता है। यह Remote के Signal को Receive करता है।
Case –
Projector Case भी Projector के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह Projector के सभी जरूरी Components को सुरक्षित रखने का कार्य करता है।
निष्कर्ष (Conclusion) –
आज हमने इस आर्टिकल Projector क्या है? के बारे में जाना जिसमे हमने Projector क्या है?, Projector कैसे काम करता है, Projector के उपयोग और Projector के प्रकार, Projector के भाग आदि के बारे में जाना है। अगर आपका Projector क्या है? से सम्बन्धित कोई question हो तो आप comment के जरिए इसके बारे में हमसे पूछ सकते है।
Projector का उपयोग हमे अपने आस-पास देखने को मिलता है क्योकि प्रोजेक्टर एक अच्छा और सस्ता साधन जो video या फिल्म को एक बड़े पर्दे पर दर्शाता है। अगर आपको यह आर्टिकल ज्ञानवर्धक लगा और कुछ जानने या सिखने को मिला हो तो इसे अपने Friends और Social Media पर जरुर शेयर कर ताकि लोगो को भी इसके बारे में जानकारी प्राप्त हो सके। धन्यवाद !