Types of Data Models in Hindi – डेटाबेस मॉडल के प्रकार

Types of Data Models in Hindi – डेटाबेस मॉडल के प्रकार

डेटाबेस सिस्टम (DBMS) में डेटा मॉडल एक ऐसी रूपरेखा है, जो डेटा को स्टोर करने, व्यवस्थित करने और एक्सेस करने के तरीके को परिभाषित करती है। सरल शब्दों में, डेटा मॉडल एक ब्लूप्रिंट की तरह है, जो बताता है कि डेटा कहां और कैसे रखा जाएगा तथा अलग-अलग डेटा के बीच क्या संबंध (Relationship) होंगे।

डेटा मॉडल का सही चुनाव किसी भी डेटाबेस के प्रदर्शन (Performance), सुरक्षा (Security) और स्केलेबिलिटी (Scalability) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

डेटा मॉडल के प्रकार (Types of Data Models in Hindi)

मुख्यतः डेटा मॉडल निम्नलिखित प्रकार के होते हैं:

  1. Hierarchical Model (हाइरार्किकल मॉडल)
  2. Relational Model (रिलेशनल मॉडल)
  3. Network Model (नेटवर्क मॉडल)
  4. Object-Oriented Model (ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड मॉडल)
  5. Entity-Relationship Model (ई-आर मॉडल)

आइए, इन सभी को विस्तार से समझते हैं।

 

Types of Data Models
Types of Data Models

 

1.(हाइरार्किकल मॉडल)

इस मॉडल में डेटा को ट्री (Tree) स्ट्रक्चर के रूप में व्यवस्थित किया जाता है, जहाँ Parent-Child Relationship होती है।
एक पैरेंट के कई चाइल्ड हो सकते हैं, लेकिन प्रत्येक चाइल्ड का केवल एक ही पैरेंट होता है।

विशेषताएं:

  • डेटा रिकॉर्ड्स के रूप में स्टोर होता है।
  • एक Root Node होता है, जो सभी डेटा का मुख्य स्रोत है।
  • 1970 के दशक में इसे काफी इस्तेमाल किया गया।

उदाहरण:
एक कंपनी में कई डिपार्टमेंट होते हैं, और प्रत्येक डिपार्टमेंट में कई एम्प्लॉई होते हैं। यहाँ कंपनी पैरेंट है और डिपार्टमेंट/एम्प्लॉई उसके चाइल्ड।

Hierarchical Model
Hierarchical Model

 

फायदे:

  • डेटा शेयरिंग आसान।
  • कॉन्सेप्ट सरल।
  • 1-to-Many रिलेशनशिप के लिए उपयुक्त।

नुकसान:

  • स्ट्रक्चर बदलना कठिन।
  • लचीला (Flexible) नहीं।
  • बड़े सिस्टम में जटिल (Complex) हो जाता है।

 

इन्हें भी पढ़े –

  1. DBMS क्या है DBMS के प्रकार और कार्य की पूरी जानकारी | DBMS In Hindi
  2. डेटाबेस स्कीमा क्या है
  3. डेटाबेस यूजर्स क्या है?
  4. डेटा इंडिपेंडेंस क्या है
  5. DBMS के लाभ
  6. Characteristics Of DBMS In Hindi
  7. डेटा मॉडल क्या है?

 

2. Relational Model (रिलेशनल मॉडल)

इस मॉडल में डेटा को टेबल्स (Relations) में स्टोर किया जाता है।
प्रत्येक टेबल में Rows (Tuples) और Columns (Attributes) होते हैं।
इसे 1969 में E.F. Codd ने प्रस्तावित किया था और यह आज सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला मॉडल है।

विशेषताएं:

  • Two-Dimensional Tables का प्रयोग।
  • टेबल की Row एक Entity को दर्शाती है और Column उसका Attribute।
  • SQL भाषा का प्रयोग डेटा को मैनेज करने में होता है।

 

Relational Model
Relational Model

फायदे:

  • बेहद लचीला और स्केलेबल।
  • समझने में आसान।
  • Data Integrity और Security बेहतर।

नुकसान:

  • Powerful Hardware और Storage की जरूरत।
  • गलत डेटा एंट्री से Data Duplication और Inconsistency की समस्या।

 

3. Network Model (नेटवर्क मॉडल)

यह मॉडल Hierarchical Model का उन्नत (Advanced) रूप है, जहाँ एक चाइल्ड के एक से अधिक पैरेंट हो सकते हैं।
डेटा को Graph Structure में व्यवस्थित किया जाता है और रिकॉर्ड्स के बीच Pointers का प्रयोग होता है।

विशेषताएं:

  • Many-to-Many Relationship सपोर्ट करता है।
  • तेज डेटा एक्सेस के लिए उपयुक्त।
Network Model
Network Model

फायदे:

  • डेटा एक्सेस तेज और आसान।
  • Hierarchical Model की तुलना में ज्यादा लचीलापन।
  • DDL और DML सपोर्ट।

नुकसान:

  • स्ट्रक्चर बहुत जटिल।
  • बदलाव के लिए पूरे प्रोग्राम में बदलाव जरूरी।

 

4. Object-Oriented Model (ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड मॉडल)

इस मॉडल में डेटा को Objects के रूप में स्टोर किया जाता है, जो Object-Oriented Programming (OOP) की तरह कार्य करता है।
हर ऑब्जेक्ट में डेटा (Attributes) और उस पर ऑपरेशन (Methods) दोनों होते हैं।

विशेषताएं:

  • OOP लैंग्वेज जैसे Java, Python के साथ संगत।
  • 1980 के दशक में विकसित।
Object-Oriented Model
Object-Oriented Model

फायदे:

  • Inheritance सपोर्ट, जिससे Reusability और Data Integrity बढ़ती है।
  • जटिल डेटा को आसानी से हैंडल कर सकता है।

नुकसान:

  • Powerful System की जरूरत।
  • जटिलता ज्यादा।
  • Security सीमित।

 

इन्हें भी पढ़े –

  1. इंस्टैंस क्या है
  2. Entity Set in DBMS आसान भाषा में पूरा विवरण
  3. DBMS Architecture in Hindi

 

5. Entity-Relationship Model (ई-आर मॉडल)

E-R Model एक ग्राफिकल अप्रोच है, जो डेटाबेस डिज़ाइन के लिए इस्तेमाल होता है।
इसमें Entities (Objects) और उनके बीच के Relationships को डायग्राम के माध्यम से दिखाया जाता है।

विशेषताएं:

  • Entity – वास्तविक दुनिया की कोई वस्तु (जैसे Student)।
  • Attribute – Entity की विशेषता (जैसे Name, Roll No)।
  • Relationship – Entities के बीच संबंध (One-to-One, One-to-Many, Many-to-Many)।
Entity-Relationship Model
Entity-Relationship Model

फायदे:

  • डिज़ाइन को समझना आसान।
  • High-Level Representation।
  • Data Manipulation का झंझट नहीं।

 

निष्कर्ष

डेटा मॉडल का चुनाव आपकी आवश्यकताओं, सिस्टम की जटिलता और परफॉर्मेंस जरूरतों के आधार पर होना चाहिए। जहाँ सरल और लचीले स्ट्रक्चर की जरूरत हो वहाँ Relational Model सबसे अच्छा है, जबकि जटिल और Object-Oriented डेटा के लिए O-O Model उपयुक्त है।

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