वैश्विक स्तर पर Edge Computing के माध्यम से लाखों कंप्यूटर या अन्य मशीनों से डेटा को संचालित, Processing तथा Deliver किया जा रहा है। Cloud Computing के कारण अब कोई भी आसानी से अपने डाटा को कहीं और कभी भी एक्सेस कर पा रहा है। इसके तहत वह online video, application, data backup आदि काम कर रहा है जिसके कारण हर कोई अपने डाटा को क्लाउड में ही सुरक्षित रखना चाहता है जिसके कारण इसके यूजर की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है।
क्लाउड कंप्यूटिंग में डाटा हमारे फोन या कंप्यूटर की तरह डाटा मेमोरी कार्ड या हार्ड डिस्क में स्टोर नहीं होता है बल्कि यह डाटा ऑनलाइन क्लाउड में स्टोर होता है। User अपनी पर्सनल जानकारी इसमें आसानी से सुरक्षित सेव रख सकता है और किसी भी फोन या कंप्यूटर से अपनी जानकारी को देख सकता है।
बढ़ते यूजर के कारण कभी-कभी इसकी स्पीड कम हो जाती है। इसी समस्या को सुलझाने के लिए Edge Computing का उपयोग किया जाता है। एज कंप्यूटिंग का सर्वाधिक उपयोग इंटरनेट ऑफ थिंग्स के लिए किया जाता है।
Edge Computing क्या है – What is Edge Computing in Hindi
Edge Computing का पूरा नाम Enhanced Data Rates For GSM Architecture है, जो दो शब्दों Edge और Computing को मिलाकर बना है। जहां पर Edge का मतलब किनारा और Computing का मतलब संगठन होता है। Cloud Computing के विपरीत एज कंप्यूटिंग के अंतर्गत में संगणना संबंधी कार्यों के लिए डेटा का संग्रह डिवाइसेज के निकट ही किया जाता है।
एज कंप्यूटिंग देरी और bandwidth उपयोग को कम करने के लिए कंप्यूटिंग को डाटा सोर्स के पास लाने पर काम करता है। एज कंप्यूटिंग क्लाउड में कम प्रोसेस करना और उन प्रोसेस को स्थानीय स्थानों पर ले जाना।
पूर्ण रूप से देखा जाए तो एज कंप्यूटिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग के ठीक विपरीत है क्योंकि इसका उपयोग डाटा स्टोर करने के लिए नहीं बल्कि डाटा संगठन अधिकारियों आदि कार्यों के लिए किया जाता है। एज कंप्यूटिंग का उपयोग Internet of Things (IOT) पर आधारित मशीनों के लिए किया जाता है। Bandwidth और Latency की समस्या को सुलझाने के लिए इसमें data server को data स्त्रोत के करीब लाया जाता है।
Bandwidth – इंटरनेट से कंप्यूटर पर डाटा ट्रांसफर रेट को दर्शाता है।
Latency – रियल टाइम में क्लाउड या डाटा सेंटर से कनेक्ट करने में हुई देरी को latency कहते हैं।
Network Edge क्या है? (What is Network Edge in Hindi) –
इंटरनेट डिवाइसेज के लिए Network Edge वह जगह है जहां डिवाइस या डिवाइस वाले स्थानीय नेटवर्क, इंटरनेट के साथ संचार करता है। यूज़र के लिए कंप्यूटर या IOT कैमरे के अंदर के Processor को नेटवर्क edge से माना जाता है।
यूज़र के Router, ISP या स्थानीय एज सर्वर को भी edge माना जाता है। जरूरी बात यह है कि नेटवर्क एज, भौगोलिक रूप से डिवाइस के करीब होता है, जो original सर्वर और क्लाउड सर्वर के बिल्कुल विपरीत है, जो उन उपकरणों से बहुत दूर हो सकता है जिनके साथ वे संचार करते हैं।
Edge Computing कैसे काम करता है? –
User के द्वारा कंप्यूटर या किसी अन्य clint application पर जो data का उत्पादन किया जाता है इसे एज कंप्यूटिंग संगठित करना इसका प्रमुख काम है।
उत्पादन किए हुए डाटा को internet, ethernet, LAN आदि जैसे चैनलों के माध्यम से server पर लाया जाता है। जहां पर डाटा को संग्रहित किया जाता है और उसी पर काम किया जाता है। यह client server कंप्यूटिंग के लिए एक classic दृष्टिकोण है।
एज कंप्यूटिंग की अवधारणा सरल है अगर डाटा को data center के करीब लाने की बजाय, data center को ही data के करीब लाया जाता है। डाटा सेंटर से स्टोरेज और कंप्यूटिंग संसाधनों को जितना संभव हो उतना करीब मौजूद किए जाते हैं जहां पर डाटा उत्पन्न होते है।
Edge Computing के उदाहरण (Examples of Edge Computing in Hindi) –
- Autonomous Vehicles
- 5G Connectivity
- Artificial Intelligence
- Fleet Management
- Predictive Maintenance
- Voice Assistant
- Streaming Services
- Smart Homes
Edge Computing का भविष्य (The Future of Edge Computing) –
Artificial Intelligence, 5G नेटवर्क से कनेक्ट टेक्नोलॉजी में चल रहे रिसर्च और विकास, Smart industrial, इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइसेज की बढ़ती मांगों को देखते हुए एज कंप्यूटिंग अपेक्षा से अधिक तेजी से फैल रहा है। आने वाला समय ज्यादा डिजिटल होने वाला है तो एज कंप्यूटिंग का भविष्य अच्छा होने वाला है।
Edge Computing के फायदे (Advantage of Edge Computing in Hindi) –
- Cloud Computing में bandwidth और अधिक डाटा स्टोर करने के कारण काफी मूल्य की लागत आती है, इससे बचने के लिए कंपनी अब एज कंप्यूटिंग का इस्तेमाल कर रही है।
- एज कंप्यूटिंग का प्रयोग रियल टाइम प्रोसेसिंग के लिए किया जाता है।
- एज कंप्यूटिंग में डाटा का स्टोरेज तीव्रता से कर सकते हैं जिसके पीछे का मुख्य कारण डाटा प्रोसेसिंग में दूरी को कम करना है।
- Machine Learning और Artificial Intelligence टेक्नोलॉजी के बढ़ते हुए रूप को देखकर एज कंप्यूटिंग का निर्माण किया जा रहा है।
- 5G टेक्नोलॉजी के आने से इसकी मांग और भी बढ़ने लगी है क्योंकि यह डाटा स्पीड को बढ़ाकर latency को कम कर देता है। इसमें इनके रिजल्ट के accurate होने की संभावना और भी अधिक हो जाती है।
Edge Computing के नुकसान (Disadvantage of Edge Computing in Hindi) –
- डाटा प्रोसेसिंग के लिए अधिक डिवाइस जुड़े होने के कारण इसमें ज्यादा electric और energy की आवश्यकता होती है।
- एज कंप्यूटिंग में डाटा पर सारा नियंत्रण edge device के पास होता है, यूजर के पास डाटा का नियंत्रण ना के बराबर ही होता है।
- एज कंप्यूटिंग में डाटा की गोपनीयता cloud computing की तुलना में थोड़ी कम हो जाती है।
- क्लाउड कंप्यूटिंग में डेटा की सुरक्षा की जिम्मेदारी apple, google, microsoft जैसी कंपनी के पास होती है जिस पर लोगों का विश्वास अन्य कंपनी की तुलना में अधिक होता है, जबकि एज कंप्यूटिंग में ऐसा नहीं होता है।
निष्कर्ष (Conclusion) –
आज हमने आपको Edge Computing के बारे में बताया है। यह एक तकनीक है जो इंटरनेट ऑफ थिंग्स के क्षेत्र में बहुत ही तीव्र गति से प्रयोग की जा रही है। इसका प्रयोग आने वाले भविष्य में और भी अधिक मात्रा में होने की संभावना है।
मुझे उम्मीद है कि Edge Computing क्या है? की जानकारी बेहद पसंद आया होगा। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करे। धन्यवाद !