वर्चुअल रियलिटी क्या है? – Virtual Reality in hindi

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हेल्लो दोस्तों, क्या आप अपने घर पर रहते हुए क्रिकेट स्टेडियम में बैठकर क्रिकेट मैच देखने जैसा आनंद उठाना चाहते हैं, या लाखों साल पहले लुप्त हुए डायनासोर के बीच में होने का एक्सपीरियंस करना चाहते हैं, या फिर सोलर सिस्टम को बिल्कुल अपने सामने देखकर उसके बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते है।

तो जी हां यह बिल्कुल संभव है वर्चुअल रियलिटी से आज हमलोग वर्चुअल रियलिटी क्या है? के बारें में विस्तार से आसान भाषा में जानेंगे और साथ ही इसके इतिहास और प्रकार के बारें में भी जानेंगे तो इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरुर पढ़े।

 

वर्चुअल रियलिटी क्या है – Virtual Reality in hindi – 

वर्चुअल रियलिटी एक ऐसी टेक्नीक होती है जिसकी मदद से आप कहीं भी रहते हुए किसी दूसरी जगह पर होने का अनुभव कर सकते हैं या अपने घर पर बैठे-बैठे राम मंदिर, वृन्दावन, क्रिकेट स्टेडियम, और कहा जाये तो पुरे यूनिवर्स में कहीं भी घूमने जाने का वास्तविक रोमांच महसूस कर सकते हैं। वर्चुअल रियलिटी का उपयोग जनरली थ्री डायमेंशन हाई क्वालिटी मल्टीमीडिया बेस्ड ऑडियो विजुअल एप्लीकेशंस बनाने के लिए किया जाता है। 

जैसे कि कार रेसिंग का एक उदाहरण जिसमें आप जब कार ड्राइव करते हैं तो आपको ऐसा लगता है कि आप वास्तव में कार रेसिंग कर रहे हैं जबकि आप केवल एक गेम खेल रहे होते है। 

चलिए आगे बढ़ते हैं और वर्चुअल रियलिटी के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते है –

 

वर्चुअल रियलिटी का इतिहास – History of Virtual Reality in hindi – 

वर्ष 1956 में ही वर्चुअल रियलिटी तकनीक पर काम करने की शुरुआत हो चुकी थी परंतु वर्चुअल रियलिटी शब्द का उपयोग पहली बार 1980 के दशक में किया गया था।

जब वीपीएल रिसर्च के फाउंडर जेरोन लेनियर ने पार्क व्यू डटा ग्लव्स विकसित किए इसको पहनने के बाद हम वर्चुअल वर्ल्ड में किसी भी वस्तु को छूने का अनुभव कर सकते थे 1960 में सेंसुरा नामक हेड माउंटेड डिस्प्ले डिवाइस बनाई गई थी जिसे सिर के ऊपर पहनने के बाद वर्चुअल वर्ल्ड पूरी तरह से रियल दिखाई देता था।

वर्चुअल रियलिटी का इतिहास - History of Virtual Reality in hindi
वर्चुअल रियलिटी का इतिहास – History of Virtual Reality in hindi

 

1991 में वर्चुअलिटी ग्रुप ने आर्केड मशीन के साथ मिलकर इमर्सिव स्टीरियोस्कोपिक वीआर हेडसेट और मल्टीप्लेयर गेमिंग एक्सपीरियंस की खोज की इसी दौरान टेक्नोलॉजिस्ट वर्चुअल वर्ल्ड विकसित कर रहे थे।

इसके बाद 2015 में google2 लॉन्च किया इसमें स्मार्टफोन को कार्डबोर्ड में बताए स्थान पर रखना होता है इसके बाद आप स्मार्टफोन के वीडियो को VR में देख सकते हैं इन सबके अलावा भी VR में बहुत सारी नई चीजों की खोज हुई है। और आज के समय में कई जगहों पर VR का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।

 

वर्चुअल रियलिटी कैसे काम करती है – How Virtual Reality Works in Hindi – 

वी आर एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसकी मदद से एक ऐसी काल्पनिक दुनिया बनाई जा सकती है जो बिल्कुल वास्तविक दुनिया की तरह लगती है। वीआर टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर हार्डवेयर और सेंसर्स का इस्तेमाल करती है ताकि उपयोगकर्ता को काल्पनिक दुनिया में वास्तविकता का अनुभव करवाया जा सके।

वीआर डिवाइस के इस्तेमाल के दौरान उपयोगकर्ता खुद को इस काल्पनिक दुनिया में मौजूद महसूस करता है और इसमें होने वाली गतिविधियों के साथ इंटरेक्ट भी कर सकता है।

वर्चुअल रियलिटी में सबसे महत्त्वपूर्ण वीआर हेडसेट होता है। जो सर पर पहना जाता है वीआर हेडसेट में एक स्क्रीन होती है जो आंखों के सामने होती है जब व्यक्ति इसे पहनता है और उसमें देखता है तो उसकी आंखों के सामने 3d विजुअल्स दिखाई देते हैं।

इन 3d विजुअल्स को डिजाइन करने के लिए अनरियलिस्टिक करते हैं इससे व्यक्ति को लगता है कि वो वर्चुअल एनवायरमेंट में घूम रहा है और व उसमें वास्तविकता का अनुभव कर रहा है।

इसके अलावा वीआर हेडसेट के साथ इयरफोंस भी होते हैं जो आकाशीय ध्वनि प्रदान करते हैं यह ईयरफोन व्यक्ति को 360 डिग्री साउंड एक्सपीरियंस देता है जिससे वर्चुअल एनवायरमेंट के अंदर होने वाली आवाज और बैकग्राउंड साउंड का अनुभव करते समय उनकी दिशा और दूरी का अनुमान लगाया जा सकता है। 

 

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वर्चुअल रियलिटी का अनुभव – Virtual Reality Experience in Hindi – 

वीआर को तीन तरह से अनुभव किया जा सकता है। 

  • नॉन इमर्सिव
  • सेमी इमर्सिव
  • फुली इमर्सिव 

 

नॉन इमर्सिव –  यह वर्चुअल रियलिटी सबसे कम आभास का अनुभव कराने वाली तकनीक है इसका अनुभव हाई रेजोल्यूशन मॉनिटर के जरिए करवाया जाता है। यह एक 3डी पिक्चर देखने के समान अनुभव होता है इसका एक उदाहरण आपके बिल्डर द्वारा आपके अपार्टमेंट का एक 3डी मॉडल हो सकता है जिसको आप माउस की सहायता से कंप्यूटर पर डिटेल में एक्सप्लोर कर सकते हैं।

 

फुली इमर्सिव – वीआर यह वर्चुअल रियलिटी का सबसे अच्छा अनुभव कराने वाली तकनीक है। इसमें इस्तेमाल होने वाले उपकरण एडवांस टेक्नोलॉजी के होते हैं VR का फुली इमर्सिव एक्सपीरियंस दिखने में पूरी तरह से वास्तविक लगता है। जिसके कारण काल्पनिक और वास्तविकता के बीच फर्क करना मुश्किल हो जाता है वीआर ग्लासेस हेड माउंटेड डिस्प्ले मोशन को डिटेक्ट करने के लिए हाथों में ग्लव्स वाइब्रेशन फीडबैक्स के लिए चेयर और बॉडी सूट पहनने के बाद वर्चुअल रियलिटी का अनुभव और भी वास्तविक लगता है इस प्रकार के वीआर का उपयोग अधिकतर गेमिंग में किया जाता है। 

 

सेमी इमर्सिव – वीआर यह फुली इमर्सिव और नॉन इमर्सिव रियलिटी के मेल से बना है। इसमें आप हेडसेट की मदद से वर्चुअल दुनिया में तो जा सकते हैं पर किसी भी चीज को छू नहीं सकते आप यहां पर दिखाई गई चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं पर आपको यह चीजें महसूस नहीं होती हैं। 

इसका उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में और पायलट ट्रेनिंग में होता रहता है उपरोक्त आभासी दुनिया के अलावा आजकल वेब बेस्ड वर्चुअल रियलिटी भी प्रचलन में है इस तकनीक को कम लागत कम समय में अधिक लोगों तक अनुभव कराया जा सकता है।

ई-कॉमर्स सोशल मीडिया वेब बेस्ड वर्चुअल रियलिटी का उपयोग करने लगे हैं जिसका अनुभव प्राय आपने प्रोडक्ट्स को देखते वक्त किया होगा वर्तमान में वर्चुअल रियालिटी का उपयोग अलग-अलग क्षेत्रों में किया जाता है जैसे डिफेंस, मेडिकल एजुकेशन, स्पेस रिसर्च, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट आदि में इसका उपयोग किया जाता है।

 

वर्चुअल रियलिटी के उपयोग –  Uses of Virtual Reality in Hindi – 

एजुकेशन एंड ट्रेनिंग शिक्षा के क्षेत्र में – इसमें वीआर का काफी महत्त्वपूर्ण योगदान हो सकता है। कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हें करने के लिए पहले उनकी सही से ट्रेनिंग लेना अनिवार्य होता है।  वीआर की सहायता से प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रदान की जा सकती है।

जैसे – वर्चुअल क्लासरूम जिसमें स्टूडेंट्स घर पर बैठे क्लासरूम में होने का अनुभव करते हैं, या फिर वर्चुअल जियोग्राफिक टूर में भी वीआर का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे स्टूडेंट्स को जियोग्राफिक मॉन्यूमेंट्स का टूर करवाया जा सकता है। यही नहीं इसके अलावा सोलर सिस्टम के बारे में सिखाया जा सकता है। स्टूडेंट्स प्लानेट को करीब से देख सकते हैं और उनके बारे में विस्तार से जान सकते है। 

 

मेडिकल चिकित्सा क्षेत्र में –  इसमें भी वीआर के बहुत उपयोग हैं।  जैसे वीआर के माध्यम से सर्जिकल प्रशिक्षण दिया जा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान वर्चुअल मरीजों का उपयोग कर सकते है, जिससे किसी भी वास्तविक मरीज को नुकसान होने का भय नहीं रहता है। 

 

फैशन इंडस्ट्री क्षेत्र में – बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि फैशन इंडस्ट्री में भी वीआर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

उदाहरण के लिए – एक रिटेलर अपने प्रोडक्ट्स को एक वर्चुअल स्टोर बनाकर प्रदर्शित कर सकता है जो कि बिल्कुल असली स्टोर की तरह दिखाई देता है। 

कुछ मशहूर ब्रांड्स जैसे टॉमी, हिलफिगर, कोच और गैप अपने बिजनेस में वीआर का इस्तेमाल शुरू कर चुके हैं इसके इस्तेमाल से ग्राहक कपड़ों को वर्चुअली पहनकर ट्राई भी कर सकते है। 

 

गेम्स एंड एंटरटेनमेंट क्षेत्र में –  कार रेसिंग गेम से लेकर एचडी गेम्स तक सब में वीआर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है जो गेम खेलने के अनुभव को और अधिक बेहतर बनाता आता है। वीआर में गेम खेलने पर वास्तविकता का अनुभव होता है जो खेल को और अधिक रोमांचक बना देता है। युवाओं में इस तरह के गेम के प्रति झुकाव बढ़ता ही जा रहा है और वीआर तकनीक के साथ गेम की डिमांड भी बढ़ रही है। 

 

वर्चुअल रियलिटी टूरिजम क्षेत्र में –  टूरिजम को एक नई दिशा प्रदान कर रही है जिसमें यात्रा से जुड़े अनुभवों में वृद्धि हो रही है।  इसके माध्यम से लोग अपने घर में बैठकर वर्चुअल टूर्स ले सकते हैं यह अलग-अलग जगहों जैसे कि प्राकृतिक विरासत और संस्कृति से जुड़ी जगहों को सहायक तौर पर महसूस करने का अनुभव प्रदान करता है।

अगर आपको मौका मिले तो वया डिवाइस का इस्तेमाल करके आप किस चीज का अनुभव लेना चाहेंगे कमेंट करके जरूर बताएं। 

 

वर्चुअल रियलिटी का भविष्य – Future of virtual reality in hindi –

आभासी वास्तविकता (Virtual Reality) का भविष्य तेजी से बहु संवेदी अनुभवों (Multi-sensory experiences) की ओर झुक रहा है।  यह केवल इस बारे में नहीं है कि उपयोगकर्ता क्या देख सकते है यह इस बारे में है कि वे क्या छू सकते है सूंघ सकते है? और यहां तक कि स्वाद भी ले सकते है।

आभासी दुनिया जितनी अधिक यथार्थवादी (Realistic) होगी यूजर्स के लिए अनुभव उतना ही अधिक गहन और लुभावना होगा इसके अतिरिक्त भविष्य में वर्चुअल रियलिट अनुभव अधिक इंटरेक्ट और सोशल होंगे जहां आप वर्चुअल माहौल में दूसरों के साथ सहयोग और संवाद कर सकेंगे।

ये वर्चुअल रियलिटी को केवल एक व्यक्तिगत अनुभव से अधिक बनाएगा और सोशल इंटरेक्शन और सहयोग के लिए नए अवसर पैदा करेगा।

 

निष्कर्ष – Gist – 

इस आर्टिकल में हमने वर्चुअल रियलिटी क्या है के बारें में विस्तार से समझने की कोशिश की हमें आशा है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा, अगर ऐसा है तो आप अपने दोस्तों के साथ इस आर्टिकल को जरुर शेयर करें और हमारे youtube चैनल को भी जरुर सब्सक्राइब करें।

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