Point to Point Protocol क्या है – कैसे काम करता है और घटक | PPP in Hindi

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Point to Point प्रोटोकॉल क्या है, प्वाइंट टू प्वाइंट प्रोटोकॉल के घटक, पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल कैसे काम करता है – हेल्लो दोस्तों हमने इस आर्टिकल में आपको पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल के बारे में बताया है।

पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल की मुख्य विशेषता के बारे में, Components of Point to Point Protocol के बारे में, पीपीपी के कुछ NCPs इस प्रकार के बारे में, पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल कैसे काम करता है, पॉइंट टू पॉइंट फ्रेम आदि के बारे में विस्तार से बताया है।

Point to Point Protocol क्या है
Point to Point Protocol क्या है

 

Point to Point Protocol क्या है (Point to Point Protocol in Hindi) –

Point – to – Point Protocol (PPP) Data Link Layer  का एक Communication Protocol है, जिसका उपयोग दो Directly Connected  (Point-to-Point) कंप्यूटरों के बीच Multi Protocol  डेटा Transmit करने के लिए किया जाता है। यह एक Byte Oriented Protocol  है।

जो व्यापक रूप से Broadband Communications में उपयोग किया जाता है जिसमें भारी भार और High Speed  होती है। चूंकि यह एक डेटा लिंक लेयर प्रोटोकॉल है, इसलिए डेटा फ़्रेम में Transmitted होता है। इसे RFC 1661 के रूप में भी जाना जाता है। । इस protocol को Dial Up या ISDN किसी के भी साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।

Point to Point HDLC Protocol का Non Proprietary Version होता है।  Point to Point प्रोटोकॉल को आप Different Vendors के Routers पर भी Configure कर सकते है।

Point to Point Protocol सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला Data Link Layer Protocol है। ये Protocol आपके Personal Computer और ISP (Internet Service Provider) को आपस में Connect करता है।

इससे पहले SLIP (serial line internet protocol) का प्रयोग किया जाता है. परन्तु slip मै बहुत कमियां थी. PPP बहुत सारीं सुवधाएँ प्रदान करता है जिनमे से कुछ निम्न हैं:-

  • यह error डिटेक्शन तथा recovery की सुविधा प्रदान करता है।
  • यह डिवाइसों के मध्य ट्रांसमिट होने वाले frames के format को डिफाइन करता है।
  • यह लिंक कंट्रोल प्रोटोकॉल (LCP) को डिफाइन करता है।
  • यह नेटवर्क लेपर डेटा के encapsulation को डिफाइन करता है।
  • यह auto-configuration की सुविधा देता है।
  • PPP बहुत सारे protocols को सपोर्ट करता है जबकि SLIP केवल TCP/IP को सपोर्ट करता है।
  • यह दो डिवाइसो के मध्य authentication की सुविधा प्रदान करता है।
  • यह NCP (नेटवर्क कंट्रोल प्रोटोकॉल) का प्रयोग multiple network layer सर्विस प्रदान करने के लिए करता है।

 

Point to Point Protocol के घटक (Components of PPP in Hindi) –

Point to Point Protocol एक Layered Protocol है जिसमें 4 Component होते है –

Encapsulation Component –

यह Datagram को Encapsulates करता है ताकि इसे Specified Physica Layer पर Transmitted किया जा सके।

Link Control Protocol (LCP) –

यह Communication के लिए Link को Establishing करने Configuring, Testing, Maintaining  और Terminating करने के लिए जिम्मेदार है। यह लिंक के दो  Endpoints  द्वारा विकल्पों और सुविधाओं के उपयोग के लिए बातचीत भी प्रदान करता है।

Authentication Protocols (AP) –

ये प्रोटोकॉल सेवाओं के उपयोग के लिए endpoints को प्रमाणित करते हैं। Point to Point Protocol के दो Authentication Protocols है –

  • Password Authentication Protocol (PAP)
  • Challenge Handshake Authentication Protocol (CHAP)

Network Control Protocols (NCPs) – 

इन प्रोटोकॉल का उपयोग Network Layer  के लिए मापदंडों और सुविधाओं की बातचीत के लिए किया जाता है। PPP द्वारा समर्थित प्रत्येक higher-layer protocol  के लिए एक NCPs है। पीपीपी के कुछ NCPs  इस प्रकार है –

  • Internet Protocol Control Protocol (IPCP)
  • OSI Network Layer Control Protocol (OSINLCP)
  • Internetwork Packet Exchange Control Protocol (IPXCP)
  • DECnet Phase IV Control Protocol (DNCP)
  • NetBIOS Frames Control Protocol (NBFCP)
  • IPv6 Control Protocol (IPV6CP)

 

Point to Point Protocol कैसे काम करता है? (How does PPP work in hindi) –

यह एक साथ कई कॉम्पोनेन्ट का उपयोग करता है जिससे कम्युनिकेशन को आसान बनाया जा सके। यह डाटा लिंक को कॉन्फ़िगर करने के लिए फ्रेम भेजकर authentication protocol पर बातचीत आरम्भ करता है इसके लिए कई ऑथेंटिकेशन प्रोटोकॉल उपलब्ध होता है।

परन्तु यह Challenge Handshaking Authentication Protocol (CHAP) और the Password Authentication Protocol (PAP) का इस्तेमाल सिक्यूरिटी पर्पस के लिए इस्तेमाल करता है। यूजर उस समय तक सत्र के दौरान उपयोग किए जाने वाले नेटवर्क-लेयर प्रोटोकॉल को कॉन्फ़िगर और सेट करने के लिए NCP फ़्रेम भेजता है जब तक यह चरण पूरा नही हो जाता है।

वही इसका लिंक उस समय तक एक्टिव रहता है जब तक कोई एलसीपी या एनसीपी फ्रेम लिंक को बंद नहीं कर देता या जब तक कोई त्रुटि या बाहरी घटना नहीं हो जाती।

 

Point to Point Frame

  • Flag –

फ्लैग, एचडीएलसी में से एक पीपीपी फ्रेम की सीमाओं की पहचान करता है, इसका मान 0111110 होता है।

  • Address – 

पीपीपी फ्रेम पॉइंट-टू-पॉइंट कनेक्शन के लिए उपयोगी है, यह प्रोटोकॉल में डेटा लिंक एड्रेस से बचने के लिए एचडीएलसी, 11111111 के एड्रेस का उपयोग करता है।

  • Control – 

control एचडीएलसी में यू-फ्रेम के प्रारूप का उपयोग करता है, यह दिखाने के लिए मान 11000000 है।

 

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

आज की इस पोस्ट में हमने सीखा की Point to Point प्रोटोकॉल क्या है और यह कैसे काम करता है? और Point to Point प्रोटोकॉल के विभिन्न प्रकार के Components के बारे में जाना दोस्तों मुझे उम्मीद है की आज की यह पोस्ट आपको ज़रूर पसंद आयी होगी।

 

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