दोस्तों आज हम Demand Paging in hindi के बारे में जानने वाले है। अगर आप computer operating system में Paging के बारे में जानते है तो आपने Demand Paging के बारे में जरुर सुना होगा।
आज हम आपको डिमांड पेजिंग क्या है?, Demand Paging के लाभ और हानि के बारे में विस्तार पूर्वक बताने वाले है। आप भी डिमांड पेजिंग के बारे जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े …
Demand Paging in hindi – डिमांड पेजिंग क्या है
Demand Paging एक ऐसी प्रक्रिया या तकनीक है जिसमें एक page को Secondary Memory (Hard Disk) से Main Memory (RAM) में तब तक नही लाया जाता है जब तक कि उनकी आवश्यकता नही होती है।
Demand Paging जो Paging और Swapping का एक combination होता है यानि swapping और paging का एक combination ही Demand Paging कहलाता है।
Demand paging एक normal paging की तरह ही होता है परन्तु इसमें मुख्य अंतर यह है कि demand paging में swapping का उपयोग किया जाता है। सभी pages hard disk में रहते है और जब उनकी आवश्यकता पड़ती है तो उन्हें RAM में swap in तथा swap out किया जाता है।
डिमांड पेजिंग में swapping की अवधारणा आने से इसके कार्य करने के तरीके भी अलग है इस कारण यह normal paging से अलग होती है। Operating System में जब हम कोई process को execute करते है तो वह प्रोसेस demand paging pages के रूप में सबसे पहले hard disk में store या save होती है।
जब भी किसी page की जरुरत पड़ती है तो उसे RAM में swap in कर दिया जाता है, इस कारण इसे lazy swapping भी कहते है। जब RAM में किसी page की जरूरत नही होती है तो उसे swap out करके वापस hard disk में भेज दिया जाता है।
hard disk से या RAM से pages को swap करने के लिए page table का प्रयोग करना पड़ता है। Page Table का प्रयोग page number तथा offset number को स्टोर करने के लिए किया जाता है। offset number ही है जो process के address को contain किए हुए रहता है।
Page Table में दो entries भी होती है जो valid और invalid होती है। इसमें जब जिस page की जरुरत पड़ती है और वह page हार्ड डिस्क में है तो उसके लिए वह valid entrie देगा और अगर नही है तो invalid entrie देगा।
Demand Paging के लाभ (Advantage of Demand Paging in Hindi) –
डिमांड पेजिंग के लाभ निम्नलिखित है –
- इसमें memory की जरुरत कम पड़ती है और ज्यादा load भी नही पड़ता है।
- इसमें हम memory का प्रयोग अच्छे से और पूरा उपयोग कर सकते है।
- इससे swap time कम हो जाता है क्योंकि हम पूरी process को swap नही करते सिर्फ pages को ही swap करते है।
- इसमें multi programming आसानी से की जा सकती है और user experience भी अच्छा होता है।
Demand Paging की हानि (Disadvantage of Demand Paging in Hindi) –
- डिमांड पेजिंग की हानि में सबसे बड़ी हानि यह है, इसमें page fault होने की संभावना रहती है। page fault वह स्थिति होती है जब किसी page की जरुरत होती है और वह पेज RAM में उपस्थित नही होता है।
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निष्कर्ष (Conclusion) –
आज हमने Demand Paging in hindi के बारे में जाना है जिसमे हमने डिमांड पेजिंग क्या है?, Demand Paging के लाभ और हानि के बारे में विस्तार से बताया है।
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