Stock market kya hai – स्टॉक मार्केट का इतिहास और विकास | What is share market in hindi

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हेल्लो दोस्तों, अगर आप स्टॉक मार्केट बारे में सब कुछ हिंदी में सीखना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर पहुंचे हैं। आज इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको स्टॉक मार्केट से जुड़े आपके बहुत से सवालों के जवाब मिल जायेंगे। और अगर आप Stock Market में बिल्कुल नये हैं तो भी आप इसे अच्छे से समझ जाएंगे की Stock market kya hai…

Stock market kya hai
Stock market kya hai

तो चलिए आज हम लोग चर्चा करने वाले है स्टॉक मार्केट के बारे में, जो आपके लिए ज्ञानवर्धक तो होगा ही, साथ ही साथ भारतीय स्टॉक मार्केट के बारे में आपकी रूचि को भी बढावा देगा। आइये हम शुरू करते है सबसे पहले Stock market kya hai के बारे में और उसके बाद जानेगे एशिया के सबसे पहले और सबसे सफल स्टॉक मार्केट के इतिहास की कहानी।

 

Stock market kya hai – What is stock market

Stock market kya hai – स्टॉक मार्केट एक ऐसा बाजार है जहाँ पर पूर्व में सूचीबद्ध (LISTED) कम्पनियो के शेयरो को ख़रीदा या बेचा जाता है। अर्थात् हम किसी भी कंपनी के एक शेयर को खरीदते तो हमे उस कंपनी में एक शेयर के समतुल्य हिस्सेदारी प्राप्त होती है।

यह कार्य अलग अलग  स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से होता है। वर्तमान में प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज BSE (बम्बई स्टॉक एक्सचेंज) और NSE (नेशनल  स्टॉक एक्सचेंज) है।

 

भारतीय स्टॉक मार्केट का इतिहास – History of indian stock market 

एक दौर था जब भारत पर ब्रिटिश हुकूमत का राज हुआ करता था। उसी समय THE DUTCH EAST INDIA COMPANY नाम की एक कंपनी थी, जो उस समय पानी के जहाज के माध्यम से आयात और निर्यात जैसे काम करती थी। 

भारत से कंपनी कपास के बने कपड़े, चाय , मिर्च और मसाले जैसी चीजो का निर्यात अन्य देशो को करती थी, दुसरे देशो में बनी वस्तुए भारत में लाकर बेचती और इस से अपना लाभ कमाती थी।

पानी के जहाज से माल को लाना (आयात) और ले जाना (निर्यात) काफी महंगा और जोखिम का काम होता था। महंगा होने के कारण बहुत सारे निवेशक मिलकर एक जहाज को पैसा देते थे। और उस जहाज द्वारा जब माल को अपनी सही जगह पर पहुंचा कर के वापस आता तो निवेशको को अपने लाभ में से एक हिस्सा कंपनी द्वारा निवेशको को दिया जाता था। 

 यही परम्परा आगे चल कर मुंबई ट्रेडिंग के रूप  में विकसित हुई। इस दौर में भारत के एक शहर में केवल एक ही वस्तु के उत्पादन पर ज्यादा ध्यान दिया जाता था, जैसे मुंबई में कपास, कलकत्ता में जूटआदि। 

 

भारतीय स्टॉक मार्केट का विकास – Development of indian stock market

शुरूआती दौर में भारत में मुंबई में इस तरह के निवेशक जो इन पानी के जहाजो में पैसे लगा के अपना लाभ कमाते थे, उनकी गिनती सिर्फ 5 ही थी और ये सब मुंबई में टाउन हॉल के सामने एक बरगद के पेड़ के नीचे बैठ कर इस काम को करते थे। 

धीरे धीरे इनकी संख्या बढ़ने लगी और इन्हें अब ट्रेडिंग के लिए एक ईमारत की जरूरत महसूस होने लगीऔर इन्हें अब ब्रोकर या दलाल के नाम से जाना जाने लगा। 

यह छोटा सा समूह 1874 में  मुंबई की दलाल स्ट्रीट में चला गया और अगले वर्ष इसे “ द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स असोसिएशन” के नाम से आधिकारिक संगठन के रूप में मान्यता दी गई। माना जाता है कि “ द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स असोसिएशन ” की स्थापना व्यवसायी प्रेमचंद रायचंद ने की थी।

आगे चलकर इसे ही बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के नाम से जाना गया। अब धीरे धीरे ट्रेडिंग बढ़ने लगी और अब अलग अलग कंपनी भी इस काम में शामिल होने लगी।अब इस एक्सचेंज पर  वस्तुओ और स्टॉक की लिस्टिंग होना शुरू हुई। 

वर्ष 1986 में BSE ने नया मार्केट इंडेक्स  यानि सूचकांक  “SENSEX” शुरू किया, जिसमे भारतीय  मार्केट की 30 बड़ी कंपनियो को शामिल किया गया था। अतः इसे BSE 30 के नाम से भी जाना जाता है। इसी सूचकांक का उपयोग करते हुए वर्ष 2000 में डेरीवेटिव ट्रेडिंग और फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग की शुरुआत की गयी, जिससे भारतीय ट्रेडिंग प्लेटफार्म का तेज गति से विकास हुआ।

 

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भारतीय स्टॉक मार्केट का डिजिटलीकरण

भारतीय स्टॉक मार्केट का BSE और NSE में डिजिटलीकरण है जिसे निचे विस्तार से बताया गया है –

BSE (बम्बई स्टॉक एक्सचेंज)

वर्ष 1995 से पहले तक ब्रोकर यानि दलाल बम्बई स्टॉक एक्सचेंज के ऑफिस में जाकर खुद व्यक्तिगत रूप से एक दुसरे को स्टॉक को खरीदते या बेचते थे। वर्ष 1995 में बम्बई स्टॉक एक्सचेंज ने एक नये इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम BOLT (BOMBAY stock exchange On-Line Trading ) को अपनाया और यह नया इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम केवल और केवल 50 दिन में ही कार्य करने लगा।

आश्चर्यजनक रूप से सिर्फ 50 दिन के भीतर ही बम्बई स्टॉक एक्सचेंज ने अपनी कार्यप्रणाली इलेक्ट्रोनिक रूप दे दिया।

NSE (नेशनल  स्टॉक एक्सचेंज)

वर्ष 1992  में हुए हर्षद मेहता घोटाले के बाद भारतीय पूँजी  बाजार में एक पारदर्शी और ईमानदार तथा निवेशको के प्रति जवाबदेह स्टॉक एक्सचेंज की जरूरत महसूस होने लगी। अतः सरकार द्वारा वर्ष 1992 में NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की देखरेख में  की गई, जिसने साल 1994 में कार्य करना शुरू किया।

 NSE ने शेयरो के लेन देन को पेपर आधारित ना रखते हुए इलेक्ट्रॉनिक रूप दे दिया। अतः यह शेयरों की लेन देन (एक्सचेंज ) की प्रकिया सही समय पर होने लगी और शेयर ब्रोकर इस प्रकिया का गलत फायदा नही उठा पाते थे, इस पारदर्शिता का BSE(बम्बई स्टॉक एक्सचेंज) में आभाव था, अतः यह एक्सचेंज BSE की तुलना में ज्यादा तेज और ज्यादा जवाबदेह होने के कारण ज्यादा सफल हुआ। 

हालाँकि बाद में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के दबाव के चलते  इसी को पारदर्शिता BSE (बम्बई स्टॉक एक्सचेंज) को भी अपनाना पड़ा। भारत का पहला कंप्यूटर आधारित ट्रेडिंग एक्सचेंज NSE ही है।

 

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है – HOW STOCK EXCHANGE WORKS 

आज स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म है जहां पर निवेशक अपनी पसंद के  शेयर को खरीद और बेच सकते हैं। अर्थात् स्टॉक एक्सचेंज किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने और बेचने की जगह है। भारत में  बीएसई(BSE) या एनएसई (NSE) में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं।

इसे हम इस तरह से समझ सकते है कि जब भी किसी निवेशक द्वारा कोई भी कम्पनी के शेयर खरीदने का order (आदेश) डाला जाता है तथा उसी कंपनी के किसी पूर्व निवेशक द्वारा उस कंपनी के शेयर को बेचने का order (आदेश) डाला जाता है तो इस स्थिति में एक्सचेंज द्वारा इन दोनों order को आपस में मिलाया जाता है और मिलान होते ही order को एक्सीक्यूट (निष्पादित) कर दिया जाता है। 

इस तरह से शेयर को बेचने वाले से खरीदने वाले निवेशक तक एक्सचेंज द्वारा भेज दिया जाता है। एक्सचेंज द्वारा यह कार्य मात्र और मात्र कुछ ही सेकंड में कर दिया जाता है। यानि कि इस प्रक्रिया में बहुत कम समय एक्सचेंज द्वारा लिया जाता है।

 

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निष्कर्ष (Conclusion) –

आज हमने आपको Stock market kya hai के बारे में बताया है और भारतीय स्टॉक मार्केट का इतिहास से सम्बन्धित सभी प्रकार की जानकारी भी उपलब्ध करवाई है। अगर आपको इससे सम्बन्धित कोई भी सवाल हो तो आप हमसे कमेंट करके भी पूछ सकते है।

मुझे उम्मीद है की आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और कुछ नया सीखने या जानने को मिला होगा। अगर आपको यह आर्टिकल ज्ञानवर्धक लगा हो तो आप इसे अपने Friends के साथ एवं Social Media पर भी Share करें और हमारे आर्टिकल को 5 Star Votes भी अवश्य दे। धन्यवाद।

 

FAQ – Stock market kya hai

Q1 – स्टॉक मार्केट का मतलब क्या है?

Ans – stock market का मतलब एक ऐसा बाजार जहा किसी कंपनी के share को buy और sell किया जाता है और न्यू share जारी करने की प्रकिया चलती रहती है और रेगुलर हल चल होती रहती है।

Q2 – स्टॉक मार्केट में कैसे काम करते हैं?

Ans – stock market में आप किसी कंपनी का शेयर खरीद सकते है और share holder भी बन सकते है यानि की काफी समय तक आप किसी कंपनी के share रख सकते है और जब आपको लगे प्रॉफिट में है तो बेच सकते है और stock market में ट्रेडिंग भी कर सकते है लेकिन ध्यान रहे आप stock market को सही से सिख कर काम करना शुरू करें।


Q3 – 1 दिन में शेयर बाजार में कितना पैसा कमा सकते हैं?

Ans – नॉर्मली कोई भी stock market में इन्वेस्ट करने वाले निवेशक 1 दिन में 1000 रूपये से 12000 या इससे ज्यादा भी कमा सकता है पर औसतन इतने ही कमा सकते है।


Q4 – Stock मार्केट में शुरुआत कैसे करें?

Ans – सबसे पहले आपको stock या share market का अच्छे से knowlege लेना होगा फिर अपना डीमेट अकाउंट खोलना चाहिए जो आप प्ले स्टोर से अपने मोबाइल में groww, upstock, Angel one जैसे एप्प डाउनलोड करके कर सकते है और किसी share की अच्छे से शिक्षा लेकर फिर उसमे इन्वेस्ट कर सकते है और ऐसे stock मार्केट में शुरुआत की जा सकती है।

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