Ethernet क्या है? – हेल्लो दोस्तों इस आर्टिकल में आप Ethernet के बारे में जानेगे। Ethernet क्या है ?, Ethernet के प्रकार, Ethernet LAN setup के लिए जरुरी चीजे, Ethernet कैसे काम करता है?, Ethernet का इतिहास, Ethernet का फायदे व नुकसान आदि के बारे में जानेगे। आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़े …..
Ethernet क्या है – What is Ethernet in Hindi
Ethernet को “ether net” उचारण किया ज्याता है। ये एक Local Area Network Technology है। इस Technology की मदद से Computers और Networking Devices को आपस में connect किया जाता है और information को share किया जाता है।
जैसे office में, College में, School में किया जाता है। “Ethernet” TCP/IP Stack के data link layer का Protocol है। इस Ethernet Technology की मदद से ही LAN में अलग अलग Computer आपस में Information share कर पाते हैं। ये Protocol मतलब Ethernet का काम है, Information किस Format में Transmit होगा।
जैसे की वो एक LAN में information अछे से दुसरे Computer तक पोहांचा सके बिना किसी Error के। Ethernet LAN में Networking devices के बिच में Information का Communication करवाता है। आप को इसको को अछेसे समझाने के लिए एक आसन सा उदहारण लेते हैं। जैसे आपका Computer LAB. जहाँ पे Ethernet cable मतलब twisted pair cable की मदद से ही सारे Computer आपस में connected होते है।
लेकिन जो Information आपके पास आपके Computer तक पोहंच ती है, उस Technology का नाम है Ethernet. जिसको Ethernet protocol भी बोला ज्याता है। वैसे आपको ये तो पता होगा OSI Network Model के 7 layers होते हैं उनमे से “Ethernet” data link layer और “physical layer “दोनों में काम करता है।
Ethernet data Transmission में दो तरह के यूनिट का इस्तेमाल करता है पहला Frame और दूसरा Packet (जैसे आप चावल को Packet में भी तोलते हो, आप इससे किलो ग्राम में, और टन में भी तोलते है ऐसे ही data Frame और Packet दोनों रूप में network से गुजरता है)।
Frame केवल Payload को लेके नहीं ज्याता बल्कि वो MAC Address को भी साथ में लेके जाता है। MAC address Computer का address होता है, जैसे की वो Sender और Receiver Computers का पता प्राप्त कर सके।
Ethernet के प्रकार (Type of Ethernet in Hindi) –
अपनी स्पीड, गुणवत्ता के आधार पर ईथरनेट कई प्रकार के होते हैं। कुछ प्रमुख प्रकार के ईथरनेट के बारे में हमने आपको नीचे बताया है –
Fast Ethernet (तेज ईथरनेट) –
शुरुवात में जब ईथरनेट बना था तो इसकी स्पीड अधिक नहीं थी। यह अधिकतम 10 MBps की स्पीड से ही काम कर सकता था। लेकिन धीरे-धीरे ईथरनेट में विकास हुआ और ईथरनेट की स्पीड 100 MBps तक हो गयी। इसे Fast Ethernet नाम दिया गया। Fast Ethernet को Ethernet Standard IEEE 802.3u भी कहा जाता है।
विडियो, मल्टीमीडिया, ग्राफ़िक्स, इंटरनेट के लिए यह ईथरनेट बहुत अच्छा था, लेकिन विडियो एप्लीकेशन के लिए यह ईथरनेट उचित नहीं था।क्योंकि विडियो एप्लीकेशन के लिए यह ईथरनेट जरुरी Bandwidth प्रदान करवाने में असमर्थ था।
Gigabit Ethernet (गीगाबिट ईथरनेट) –
मल्टीमीडिया पर Voice Over IP इस्तेमाल करने के लिए तेज नेटवर्क की जरुरत पड़ी, इसके लिए गीगाबिट ईथरनेट बनाया गया। इसकी स्पीड 1000 MBps की थी. Gigabit Ethernet को Ethernet Standard IEEE 802.3z से भी निरुपित किया जाता है।
वर्तमान समय में इस ईथरनेट का इस्तेमाल व्यापक रूप से होता है। इस प्रकार के ईथरनेट में Twisted Pair और Fiber Cables का इस्तेमाल किया जाता है कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करने के लिए।
10 Gigabit Ethernet (10 गीगाबिट ईथरनेट) –
यह सबसे आधुनिक और सबसे तेज ईथरनेट है जिसकी स्पीड 10 GBps की है। मतलब कि इस ईथरनेट के इस्तेमाल से 10 GB प्रति सेकंड की स्पीड से डेटा को ट्रान्सफर किया जाता है।ईथरनेट का यह वर्जन Standard IEEE 802.3ae वर्जन कहलाता है। इस ईथरनेट में ऑप्टिकल फाइबर केबल का इस्तेमाल किया जाता है।
Ethernet LAN setup के लिए जरुरी चीजे –
अगर आप ईथरनेट LAN setup करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ चीजे की आवश्यकता पड़ेगी जो की निचे दिए गए हैं:-
- Computer और devices जिसे आप ईथरनेट LAN के द्वारा connect करना चाहते हैं यह वैसे सभी computers और devices को नेटवर्क के द्वारा connect करता है जिसके पास Ethernet adapter या ईथरनेट कार्ड होता है।
- Devices में Network Interface cards होना चाहिए।Network interface cards या तो computer के motherboard में inbuilt रहता है या फिर इसे अलग से install करना पड़ता है।इसमें ports होते हैं जहाँ पर आप cable को connect कर सकते हैं।
- Generally दो ports होते हैं:- एक RJ-45 jack के लिए जो की Unshielded Twisted-Pair (UTP) cable को connect करता है और दूसरा Coaxial jack के लिए।
- Devices को connect करने के लिए एक Router, Hub या Gateway की आवश्यकता पड़ती है।
- Devices को एक दुसरे से जोड़ने के लिए एक Cable की आवश्यकता पड़ती है| इसमें generally UTP Cables use होते हैं।
- Network को manage करने के लिए software की आवश्यकता होती है| अभी जितने भी operating system available हैं जैसे की Latest version of Windows, MacOS, Linux इत्यादि, ये सभी Ethernet LAN को manage करने के लिए sufficient (पर्याप्त) हैं।
Ethernet कैसे काम करता है? –
Ethernet Cable का इस्तेमाल LAN Setup करने के लिए किया जाता है यह बहुत कम Area कवर करता है जैसे की एक घर, स्कूल, या ऑफ़िस आदि के लिए किया जाता है जब कोई एक मशीन Network के द्वारा दूसरी मशीन को Data Send करना चाहती है।
सबसे पहले data packet ले जाने वाले को ढूंढती है जिससे की वो पता कर सके की कितने Wire Computers Network से Connected है फिर ये पता करता है की उनमें से पहले से ही किसी के पास Data Packet Available तो नहीं है, और Check करता है की Data Send करने का रास्ता साफ है की नहीं यदि सभी मशीन Free हो तो कोई भी एक मशीन Network में Data Send कर सकते है।
फिर Computer Network से जुड़े सभी मशीन Data को कहाँ Receive करे ये Check करने लग जाते है और फिर उस Packet या Data को वहाँ Receive कर लिया जाता है जहाँ उसे Receive होना होता है कुछ बार ऐसा भी होता है की एक मशीन Data को Send तो कर देता है।
दूसरे मशीन किसी और Data Packet को Receive करने में Busy होते है तो ऐसे समय में एक मशीन से भेजा गया Data Packet कुछ देर Wait करता है और जब वो मशीन Free हो जाती है तो वह Data Packet उस मशीन के पास वापस Send कर दिया जाता है जिससे की वो उसे Receive कर सके।
Ethernet का इतिहास (History of Ethernet in Hindi) –
ईथरनेट को सन 1970 में Xerox PARC नामक कम्पनी में बनाया।ईथरनेट को Robert Metcalfe ने कुछ लोगों के साथ मिलकर बनाया था।शुरुवात में ईथरनेट को Alto Aloha Network कहा जाता है।
जब ईथरनेट नया – नया बना था तो इसकी स्पीड अधिकतम 10 MB प्रति सेकंड की थी। टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ ईथरनेट की स्पीड भी बढती गयी और यह 100 MBps की स्पीड से काम करने लगा, इसे Fast Ethernet कहा जाता गया। टेक्नोलॉजी में विकास के साथ ईथरनेट की स्पीड 1000 MBps की हो गयी जिसे Gigabit Ethernet कहा गया।
आज के दौर में 10 GB तक ईथरनेट की स्पीड होती है। ईथरनेट दुनिया का सबसे Fast और भरोसेमंद नेटवर्क टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल दुनिया के कोने – कोने में किया जाता है।
Ethernet का फायदे व नुकसान –
Ethernet टेक्नोलॉजी के उपयोग, कार्य इन सब विषय में जानकारी प्राप्त करने के बाद, अब ज़रूर आपके मन में यह सवाल आया होगा कि Ethernet का फायदे व नुकसान क्या क्या है। तब बता दें कि इथरनेट का बहुत सारे फायदा व नुकसान है। जिसके बारे में हमने नीचे बताया है।
फायदे –
- Ethernet बहुत सहज और सरल टेक्नोलॉजी है। इथरनेट में इस्तेमाल होने वाला CSMA/CD टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा सुविधा है कि यह आसानी से हार्डवेयर को इंप्लीमेंट कर सकता है।
- इथरनेट का गठन सरल होने के कारण इसका एक्सपेंस बहुत कम है अर्थात, इथरनेट बहूत सस्ता होता है।
- इथरनेट नेटवर्क को maintain करना बहुत आसान है, क्यों की यहां Switch जैसे अतिरिक्त पार्ट्स का इस्तेमाल नहीं होता है।
- Ethernet में coaxial cable का इस्तेमाल किया जाता है, यह केबल एल्युमिनियम नेट के द्वारा सुरक्षित रहती है। इसी कारण इथरनेट विद्युत चुम्बकीय प्रभाव से भी मुक्त रहेता है।
- इथरनेट का speed बहुत ज़्यादा होता है, इसका गति लगभग 10 GBps है।
- इथरनेट में इस्तेमाल होने वाला प्रत्येक device ही समान महत्वपूर्ण है क्यों कि, यह client server बास्तुकला का पालन नहीं करता है।
- इथरनेट high level security द्वारा सुरक्षित रहेता है। और, इसीलिए hackers आसानी से आपकी डाटा को हैक नहीं कर सकता है। इस कारण इथरनेट बहूत विश्वशनीय है।
- यदि ब्याबहारकारी यानि आप किसी ऐसे जगह पर रहेते है जहां wifi का सिग्नल बाधित होता है वहां इथरनेट नेटवर्क का ही प्रयोग किया जा सकता है।
- Ethernet में इस्तेमाल होने वाला केबल शब्द का सृष्टि नहीं करता, जिस कारण Ethernet में transferable data quality बहुत ही अच्छा होता है, जो इथरनेट का एक महत्वपूर्ण सुविधाओं में से एक है।
- Large data file या फिर large size की किसी video डाउनलोड/अपलोड करने में सहायता करने वाला निर्धारित application को इस्तेमाल करने के लिए इथरनेट सबसे ज़्यादा उपयोगी नेटवर्क है।
नुकसान –
- तथ्य प्रेरण के समय जब कभी डाटा संघर्ष होता है तब अधिकतर समय इथरनेट का नॉड नष्ट हो जाता है।
- इथरनेट के साथ जुड़ा हुआ कोई भी backbone यदि किसी कारणवश खराब हो जाए तब, सम्पूर्ण नेटवर्क सिस्टम ही बिकल हो जाता है, जो इथरनेट का सबसे बड़ा नुकसान है।
- नेटवर्क में अगर कहीं भी कोई त्रुटि हो तब उसे निर्धारण करके सही करना बहुत कठिन कार्य है।
- एक जगह पर इथरनेट को प्रतिस्थापन करने के बाद फिर से उसे पुनः प्रतिस्थापन करना बहूत कठिन कार्य है।
- Ethernet का सुबिधा सिर्फ कम दूरी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- यहां packets का priority सेट नहीं किया जा सकता है। यहां packets को रिसीव करने के बाद, ग्राहक acknowledge message भी प्रेरण नहीं कर पाता है।
- Ethernet cable का नम्यता wifi के तुलना मे बहुत कम है। और, इस केबल का गतिशीलता भी सीमित होता है।
- इथरनेट टेक्नोलॉजी गैर संबंधित सेवा प्रदान करता है।
- Ethernet स्मार्टफोन के लिए एप्लीकेबल नहीं है। और, साथ ही कुछ निर्धारित एप्लिकेशन अर्थात, जिन सारे एप्लिकेशन का traffic बहुत ज़्यादा है उन सारे एप्लिकेशन के लिए इथरनेट एप्लीकेबल नहीं है।
- Ethernet cable एक वायर के द्वारा घिरा हुआ रहेता है। ये वायर केबल को बाहर के damages से तो बचाता है, मगर दूसरी तरफ केबल के अन्दर के फंक्शन को नष्ट कर देता है।
निष्कर्ष (Conclusion) –
इस आर्टिकल में आपने Ethernet क्या है? के बारे में जाना है इसको पढ़ने के बाद आपको समझ में आ गया होगा कि Ethernet कैसे काम करता है?, इस आर्टिकल से संबंधित सभी जानकारी हमने आपको सरल भाषा में उपलब्ध करवाई है। उम्मीद है आपको Ethernet क्या है? और Ethernet कितने प्रकार के होते हैं यह जानकारी अच्छी तरह समझ में आ गई होगी। धन्यवाद !
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