इंटरनेट को अपना पेशा बनाने वाले व्यक्ति रोज किसी न किसी नई समस्या का सामना करते हैं और उसका हल खोजते रहते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति नॉन टेक्निकल फील्ड से है तो उसके लिए ऐसी समस्या ठीक करना मुश्किल कार्य होता है । ब्लॉगर की सबसे बड़ी समस्या हैकर होते हैं क्योंकि हैकर किसी की भी वेबसाइट को टारगेट करके Misuse करते है।
DDOS Attack, Hackers का सबसे बड़ा हथियार होता है और यदि आप एक ब्लॉगर हैं तो आपको भी DDOS Attack की जानकारी होना आवश्यक है इसलिए इस आर्टिकल में हमने DDOS Attack की समस्त जानकारी शेयर की है।
तो चलिए DDOS Attack की जानकारी को पढ़कर इससे बचने के उपाय समझते हैं। DDOS Attack से बचने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़े .…
DDOS Attack क्या है – What is DDOS Attack in Hindi
DDOS Attack को Distributed Denial of Service के नाम से जाना जाता है । जब यह अटैक किसी वेबसाइट पर किया जाता है तो वह वेबसाइट डाउन हो जाती है जिसके कारण आप इस उस वेबसाइट की Service का उपयोग नहीं कर सकते हैं। सभी वेबसाइट पर Visitors की एक सीमा होती है जिसे Bandwidth के नाम से जाना जाता है। Bandwidth किसी वेबसाइट में कम होता है और किसी वेबसाइट में ज्यादा होता है।
जैसे कि एक वेबसाइट की limit है की उस पर एक सेकंड में 100 Visitors आ सकते हैं परंतु हैकर मिलकर 100 से ज्यादा Fake Requests Server को सेंड कर देते हैं जिस कारण वेबसाइट डाउन हो जाती है। ऐसा करने के लिए हैकर की टीम मिलकर एक Fake IP Address की टीम तैयार करते हैं जिसे Botnet के नाम से जाना जाता है।
Botnet में वे Smart Device शामिल होते हैं जिसे हैकर द्वारा बनाया जाता है। आपका डिवाइस भी Botnet से जुड़ा हो सकता है। फिर hacker इन Botnet की मदद से एक समय में बहुत सारे Fake IP Address से सर्वर को Requests सेंड कर देते हैं जिसके चलते वेबसाइट डाउन हो जाती है।
DDOS Attack के प्रकार (Types of DDOS Attack in Hindi) –
वैसे तो DDOS Attack के कई प्रकार हैं लेकिन उनमें से कुछ मुख्य इस प्रकार हैं –
Traffic Attack –
इस अटैक में Heavy Traffic Flooding के द्वारा टारगेट को डाउन किया जाता है जिसके लिए भारी संख्या में विभिन्न स्रोतों से यूडीपी UDP तथा ICMP पैकेट भेजे जाते हैं, ताकि सर्वर पर लोड पड़े या रिक्वेस्ट प्रोसेस होना बंद हो जाए। इस प्रकार के अटैक को (Bps) Bits Per Second में मापा जाता है।
Protocol Attack –
इस अटैक में टारगेट पर बड़ी संख्या में पैकेट Send किए जाते हैं, ताकि Server तथा दूसरे Hardware Resources को पूरी तरह से Consume कर लिया जाए। इस प्रकार के अटैक में Packets की संख्या इतनी अधिक होती है, जिससे कि टारगेट Server या नेटवर्क पोर्ट उन पैकेट्स को Handle नहीं कर पाते। इस प्रकार के अटैक को (Pps) Packets Per Second में मापा जाता है।
Application Layer Attack –
इस प्रकार के अटैक में पूरे सर्वर को नहीं बल्कि ऑनलाइन एप्लीकेशन किए कमजोर कड़ियों को निशाना बनाया जाता है ताकि उस एप्लीकेशन पर यूजर का एक्सेस बंद किया जा सके। इस अटैक को Layer 7 Attack भी कहा जाता है। इस प्रकार के अटैक को (Rps) Request Per Second में मापा जाता है।
DDOS Attack कैसे काम करता है? –
DDOS Attack DOS अटैक का ही एक बड़ा रूप है। जहां DOS अटैक के द्वारा सिग्नल नेटवर्क या कंप्यूटर के माध्यम से व्यर्थ का ट्राफिक Flooding करके टारगेट को डाउन किया जाता है, यानी इसमें अटैक एक सिग्नल कंप्यूटर या नेटवर्क द्वारा किया जाता है। वहीं DDOS अटैक एक बड़ा और विनाशकारी अटैक होता है, जिसका पता लगाना और रोकना काफी मुश्किल साबित होता है।
इसे सामान्य तौर पर Botnet द्वारा अंजाम दिया जाता है, जिसमें अटैककर विभिन्न यूजर्स के कंप्यूटरों पर Malware के द्वारा Command & Control Software इंस्टॉल कर देते हैं।
और इसी तरीके से Bot का एक पूरा बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया जाता है, जिसके बाद अटैककर के कमांड देते ही, Botnet एक्टिव हो जाते है और टारगेट पर भारी मात्रा में संक्रमित Request जानी शुरू हो जाती है, जो कि उस नेटवर्क की पूरी Bandwidth को Consume करने लगती है, जिसके फलस्वरूप एक समय बाद या तो वह सर्विस Respond करना बंद कर देता है या Crash हो जाती है।
DDOS Attack से कैसे बचें? (How to Avoid DDOS Attack in Hindi) –
अगर आप इस तरह के अटैक से अपने नेटवर्क या फिर वेबसाइट को बचाना चाहते है तो आप फ़ायरवॉल का इस्तेमाल कर सकते है। फायरवॉल की मदद से आप उस IP को ब्लॉक कर सकते हैं जहां से unwanted traffic आ रहा है और उसके अलावा आप access-list को Config करके इस तरह के अटैक से आसानी से बच सकते हैं। इसके अलावा आप DDOS protection by cloudflare का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जिसकी मदद से आप DDOS Attack से छुटकारा पा सकते है।
Tools/Software For DDOS Attack –
- HULK
- Tor’s Hammer
- Slowloris
- LOIC
- Xoic
- DDOSIM
- RUDY
- PyLoris
निष्कर्ष (Conclusion) –
एक DDOS अटैक नेटवर्क वैधता का उपयोग करता है जो अंत: सिस्टम प्रदर्शन को धीमी कर देता है और नेटवर्क पर ट्राफिक को बढ़ा देता है। यह तकनीकी उन घुसपैठियों के लिए फायदेमंद है जो वैध यूजर को उसके महत्वपूर्ण और संवेदनशील डेटा की सुरक्षा के साथ समझौता करना चाहते हैं।
DDOS Attack क्या है? के बारे में सरल भाषा में समझाने की कोशिश की है और मैं उम्मीद करता हूं आपको DDOS Attack क्या है? समझ में आ गया होगा और DDOS Attack से कैसे बचना चाहिए यह भी समझ में आ गया होगा। अगर आपको DDOS Attack क्या है? अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। धन्यवाद !
FAQ – DDOS Attack in Hindi
Q.1 – DDOS Attack क्या है?
Ans. जब यह अटैक किसी वेबसाइट पर किया जाता है तो वह वेबसाइट डाउन हो जाती है जिसके कारण आप इस उस वेबसाइट की Service का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
Q.2 DDOS का पूरा नाम क्या है?
Ans. Distributed Denial of Service
Q.3 क्या DDOS इलीगल है?
Ans. DDOS एक इल्लीगल एक्टिविटी है, यूनाइटेड स्टेट के तहत कंप्यूटर Fraud and Abuse Act (CFAA) उसे नुकसान की भरपाई और साथ में जेल भी हो सकती है।
Q.4 DDOS अटैक से बचने के क्या उपाय हैं?
Ans. DDOS अटैक से बचने के कई सारे तरीके हैं पहला तो आप एक पावरफुल VPN ले और यदि आप बड़े स्तर का काम कर रहे हैं तो वाइट हैकर रिक्रूट कर ले।
Q.5 DDOS अटैक किस का बड़ा रूप है?
Ans. DDOS अटैक DOS अटैक का एक बहुत बड़ा रूप है।
Q.6 Traffic अटैक को किसमें मापा जाता है?
Ans. Traffic अटैक को (Bps) Bits Per Second में मापा जाता है।
Q.7 Protocol अटैक को किसमें मापा जाता है?
Ans. Protocol अटैक को (Pps) Packets Per Second में मापा जाता है।
Q.8 Application Layer Attack को किसमें मापा जाता है?
Ans. Application Layer Attack को (Rps) Request Per Second में मापा जाता है।