Database Server क्या है – Database Server कैसे काम करता है, Database Server की Importance क्या है

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दोस्तों Database का इस्तेमाल किसी भी प्रकार के Record को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। जैसे आपके पास बहुत सारे लोगों का नाम, नंबर, उम्र,  लंबाई आदि की जानकारी है तो यह भी एक डाटा होता है, आपके मोबाइल में जो कांटेक्ट लिस्ट है वह भी डाटा कहलाता है।

Database Server क्या है
Database Server क्या है

Database व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाला एक टर्म है, इसके बारे में आज के समय में हर किसी को जानकारी होना आवश्यक है। आप चाहे किसी भी क्षेत्र में चले जाएं डेटाबेस शब्द आमतौर पर आपको सुनने को मिलेगा डेटाबेस की पूरी जानकारी लेने के लिए आपको इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना होगा 

 

Database Server क्या है – What is Database Server in Hindi

Database Management System एक ऐसा Software होता है जो कि Database Server को Management करता है और Database में मौजूद Information व Data को Create, Show, Edit और Delete करने की सुविधा देता है। Database Management System एक तरह का Database मैनेजर होता है जो कि इनफार्मेशन को सर्च, इनफॉरमेशन ढूंढना, अपडेट करना इत्यादि कार्य मैनेजमेंट करता है।

अधिकतर Database Management System SQL Language उपलब्ध कराते हैं SQL Language एक स्टैंडर्ड है जिसे ANSI नामक सस्था ने बनाया है। SQL Language के जरिये ही DBMS में से Data व इंफॉर्मेशन को Create, Show, Edit, Delete और Search आदि  किया जाता है। आधिकतर उपयोग में आने वाले DBMS Software के उदाहरण है MYsql, MSSQl Server, Oracle, PostgreSQL and SQLite आदि।

Computer में, Server एक Computer Program या एक Device है जो अन्य Program या Device जिन्हें Client का जाता है, के लिए फंक्शनैलिटी प्रदान करता है। इस आर्किटेक्चर को Client Server Model कहा जाता है, और यह और ओले कंप्यूटेशन मल्टीपल प्रोसेस या Device इस पर डिस्ट्रीब्यूटर किया जाता है। एक Server  Computer या System है जो नेटवर्क पर Client के रूप में ज्ञात अन्य Computer को संसाधन को मान डेटा सेवाएं या प्रोग्राम प्रदान करता है।

सिद्धांत रूप में, जब भी कंप्यूटर क्लाइंट मशीनों के साथ संसाधनों को शेयर करते हैं तो उन्हें Server माना जाता है। Web Server, Mail Server और वर्चुअल सर्वर सहित कई प्रकार के Server  होते है। 

 

Database Server कैसे काम करता है (How Database Server Works in Hindi) –

डेटाबेस की कार्यप्रणाली को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा जाता है Create, Read, Update और Delete जिसे की Crud भी कहते हैं। डेटाबेस की कार्यप्रणाली को डेटाबेस ऑपरेशन भी कहते हैं। 

  • Create – सबसे पहले डेटाबेस को किसी Software के माध्यम से Create किया जाता है, जैसे कि आप Excel File बनाते हैं।
  • Read – डाटा को Create करने के बाद Data को Read यानी कि पढ़ा जाता है।
  • Update – Database को पढने के बाद अगर कोई आवश्यक बदलाव की जरूरत होती है तो Database में बदलाव किया जाता है, यानी कि Database को Update किया जाता है।
  • Delete – अंत में यदि किसी इंफॉर्मेशन को हटाना होता है तो उसे Database से Delete किया जाता है। इस प्रकार से Database ऑपरेशन किया जाता है।

जब Database बनकर तैयार हो जाता है तो उसे आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।आप किसी भी  Specific इंफॉर्मेशन जो Database में मौजूद होती है उसे Search करके एक्सेस कर सकते है। 

 

Database Server की Importance क्या है

Database महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके द्वारा ही डाटा सही और व्यवस्थित तरीके से मैनेज हो पाता है। इसके साथ यह यूजर को कई कार्य करने की आज्ञा भी प्रदान करता है। Database मैनेजमेंट सिस्टम Software Application के भीतर बड़ी मात्रा में इंफॉर्मेशन को Manage और ऑर्गेनाइजर कर सकता है। जिसके कारण व्यवसाय संचालन की वैकेंसी बढ़ जाती है और समय लागत कम हो जाती है।

इसके साथ ही Database प्रबंध प्रणाली ने Business और बड़ी ऑर्गेनाइजेशन को काफी फायदा पहुंचाया है। क्योंकि वह कई प्रकार के Data को Start  करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं। आज हम इस प्रणाली का प्रयोग है employee record, Accounting, Library books, Student इनफार्मेशन, Project Management और Inventory इत्यादि प्रकार के डाटा को Management करने के लिए करते है।

 

Database Server के प्रकार (Types of Database Server in Hindi) – 

Data को किसी प्रकार के Database में Store, व्यवस्थित और Manipulate किया जाएगा इसके आधार पर Database इस मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं –

  • Network Database (नेटवर्क डेटाबेस)
  • Hierarchical Database (श्रेणीबंद डेटाबेस)
  • Relational Database (संबंधित डेटाबेस) 

नेटवर्क डेटाबेस (Network Database) –

Network Database मॉडल एक PowerFul Database है, लेकिन यह थोड़ा जटिल भी है क्योंकि इसमें सभी Table एक दूसरे से लिंक रहते हैं। या डाटा बेस मॉडल डाटा को स्टोर करने के लिए नेटवर्क स्ट्रक्चर का उपयोग करती है इसीलिए इसे Network Database कहते हैं। 

श्रेणीबंद डेटाबेस (Hierarchical Database) –

इस प्रकार के Database में Data को Store करने के लिए ट्रीज स्ट्रक्चर का उपयोग किया जाता है। जिस प्रकार से एक पेड़ की अनेक सारी शाखाएं होती है उसी सिद्धांत के आधार पर Hierarchical Database में Data Store और किया जाता है। जैसे एक स्कूल में पढ़ने वाले विभिन्न बच्चों का उदाहरण ले लो जिसमें बच्चों के विषय और कक्षाएं भिन्न-भिन्न होती हैं। 

इसमें स्कूल ट्री है और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे उस वृक्ष की शाखाएं हैं। इसमें सभी नोट्स लिंक के माध्यम से आपस में जुड़े रहते हैं। यह Database का सबसे पुराना मॉडल है जिसे IBM ने 1960 में विकसित किया था। 

संबंधित डेटाबेस (Relational Database) –

इस प्रकार के Database से को एक Table  में Row और Column के रूप में व्यवस्थित किया जाता है, यह बहुत सिंपल Database Model है जो कि वर्तमान समय में बहुत अधिक उपयोग किया जाता है। कोई भी उधर थोड़े बहुत है प्रशिक्षण से इस Database का इस्तेमाल कर सकता है। इस प्रकार आप कोई Excel लिया Google Sheet  बनाते हैं तो यह Relational  Database Model है। 

 

Database Server के तत्व (Elements of Database Server in Hindi)

डेटाबेस के मुख्य रूप से तीन तत्व होते हैं –

  • Field 
  • Record 
  • Table 

Field – किसी भी डेटाबेस में Column को Field खा जाता है। 

Record – डेटाबेस में मौजूद Row को Record कहा जाता है। 

Table – Field और Record को मिलाकर एक Complete Table बनाता है।

 

Database Server के भाग (Parts of Database Server in Hindi) –

डेटाबेस उपयोग की आवश्यकता के आधार पर, बाजार में निम्न भाग का डेटाबेस उपलब्ध है –

  1. Centralized Database
  2. Distributed Database
  3. Personal Database
  4. End-user Database
  5. Commercial Database
  6. NoSQL Database
  7. Operational Database
  8. Relational Database
  9. Cloud Database
  10. Object-Oriented Database
  11. Graph Database

 

Database Server की विशेषताएं (Features of Database Server in Hindi) –

  • यह डेटा के बीच जटिल संबंधों को कम करता है। 
  • इसका उपयोग Data की सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है। 
  • Database में स्वचालित बैकअप और पुण्य प्राप्ति प्रक्रिया शामिल होती है। 
  • इसका उपयोग Data के अफेयर और प्रसंस्करण का समर्थन करने के लिए किया जाता है। 
  • यह उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न दृष्टिकोण से Database को देख सकता है।
  • यह प्रक्रिया का एक स्पष्ट और तार्किक दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है जो डाटा में हेरफेर करता है।
  • इसमें सीआईडी गुण होते हैं जो विफलता की स्थिति में एक स्वस्थ स्थिति में डाटा बनाए रखते है।
  • यह जानकारी स्टोर करने और मैनेज करने के लिए सर्वर पर स्थापित Digital रिपोजिटरी का उपयोग करते है।

 

 

निष्कर्ष (Conclusion) –

इस लेख में हमने आपको Database से के बारे में पूरी जानकारी दी है हमने पूरी कोशिश की है कि इस लेख में आपको Database क्या है से संबंधित पूरी जानकारी प्रदान करवा सकें ताकि आपको Database के बारे में पढ़ने के लिए किसी अन्य आर्टिकल पर जाने की जरूरत ना पड़े। 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा,  इस लेख को सोशल मीडिया के द्वारा अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें और इसी प्रकार के ज्ञानवर्धक लेख पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग Rivntech.com मैं विजिट करते धन्यवाद ! 

 

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